बरेली (ब्यूरो)। कुतुबखाना फ्लाईओवर निर्माण के दौरान अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में निर्माण स्थल पर सुरक्षा नियमों का पालन करने का दावा जिम्मेदारों द्वारा किया जा रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए निर्माणदायी संस्था द्वारा पिलर्स पर सेफ्टी स्लोगन लिखे गए हैं। साथ ही मुख्य मार्ग पर बेरिकेडिंग भी की गई है। इसके बाद भी राहगीर नियमों को ताख पर रखकर सफल कर रहे हैैं। ऐसा ही नजारा फ्राइडे को नजर आया जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम निर्माणाधीन कुतुबखाना फ्लाईओïवर के पास पहुंची।

ताक पर नियम
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बन रहे कुतुबखाना फ्लाईओवर को दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। एक वर्ष में फ्लाईओवर 65 परसेंट काम पूरा करने का दावा किया जा रहा है। कुतुबखाना चौराहा से कोहाड़ापीर जाने वाले रास्ते पर बेरिकेडिंग की गई है। इसके बाद भी राहगीर जान को जोखिम में डालते हुए इसे पार करने से बाज नहीं आ रहे हैैं। इसके साथ ही निर्माण स्थल पर तैनात सुरक्षाकर्मी ने बताया कि वह राहगीरों को रोकते हंै, लेकिन ऐसा करने पर वे उनसे उलझ जाते हैैं। हालांकि अधिकांश बार लोगों को रोकने में वह कामयाब हो जाते हैं। इससे फ्लाईओïवर के नीचे थोड़ी-थोड़ी देर में जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

दो की हो चुकी है मौत
कुतुबखाना फ्लाईओवर निर्माण के दौरान इस वर्ष दो लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें एक मजदूर तो एक राहगीर शामिल है। मजदूर काम के दौरान ऊंचाई से गिर गया था। बाद में उसकी मौत हो गई थी। वहीं राहगीर पर शटरिंग गिर गई थी, जिससे वह घायल हो गया। अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई थी।

हरकत में आई कंपनी
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कोतवाली से कोहाड़ापीर तक फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है। फिलहाल कोतवाली की ओर अधिकांश काम किया जा चुका है। कोहाड़ापीर की ओर से रिटेनिंग वॉल का भी काम तेज कर दिया गया है। कुतुबखाना चौराहे से कोहाड़ापीर जाने वाले रास्ते पर बेरिकेडिंग किया गया है। इससे राहगीर निर्माण स्थल से दूर रह सकें। साथ ही कुमार टॉकीज से कुतुबखाना तक पिलर पर सेफ्टी इंस्ट्रक्शन और स्लोगन लिखे गए हैैं। साथ ही सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए गार्ड भी तैनात कर रखे हैैं।

धूल कर रही परेशान
निर्माण स्थल पर छिडक़ाव न होने से स्थानीय कारोबारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दुकानों पर रखे आइटम्स पर धूल की परत जम चुकी है। लगातार हो रहे आवागमन से दिनभर धूल उड़ती रहती है। इसके सात ही कारोबारियों का कहना है कि निर्माण के कारण व्यवसाय भी ठंडा पड़ गया है।