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2022-लोक कल्याण संकल्प पत्र के तहत बरेली में मैट्रो परियोजना को मिली मंजूरी
116- लाख में शहर के लिए बनेगा डीपीआर
5.80-लाख रुपये अतिरिक्त खर्च बढ़ जाएगा प्रति किलोमीटर
20 किलोमीटर के लिए तैयार होगा डीपीआर


बरेली(ब्यूरो)। बरेली विकास प्राधिकरण बोर्ड के सदस्यों के सहमति बाद सोमवार को मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे। व जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके बाद प्राधिकरण ने राइट््स कंपनी को वैकल्पिक विश्लेषण रिपोर्ट (एएआर) के लिए 25 लाख रुपये और मेट्रो के 20 किलोमीटर के गलियारे के लिए 116 लाख रुपये में राइट््स कंपनी को डीपीआर बनाने का अनुमोदन कर दिया गया। 20 किलोमीटर गलियारे के अतिरिक्त डीपीआर के लिए प्रति किलोमीटर 5.80 लाख रुपये अतिरिक्त खर्च बढ़ जाएगा। दोनों अधिकारियों से मंजूरी मिलते ही प्राधिकरण बोर्ड ने करीब 20 किलोमीटर डीपीआर बनाने के लिए राइट््स कंपनी को अनुमोदन का कार्यादेश जारी कर दिया है। जो 116 लाख रुपये में मेट्रो की डीपीआर तैयार करेगी।

डेढ़ माह में सर्वे कर तय होंगे रूट व स्टेशन
बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) के सचिव योगेंद्र कुमार ने बताया कि प्राधिकरण बोर्ड की अनुमति मिलने के बाद राइट््स को कार्यादेश निर्गत कर दिया गया। बताया कि निगम की एजेंसी द्वारा बनाए गए (सीएमपी) कंप्रेंसिव मोबिलिटी प्लान का स्टडी बनकर आ गई है, जिसकी रिपोर्ट स्टडी के बाद राइट््स कंपनी करीब डेढ़ माह तक प्राइमरी सर्वे करेगी। सर्वे के बाद जनप्रतिनिधियों से भी संवाद करने के बाद रूट, स्टेशन, दूरी आदि ङ्क्षबदु तय किए जाएंगे।

लाइट नहीं बरेली मेट्रो होगा नाम
प्राधिकरण के सचिव योगेंद्र कुमार ने बताया कि शासन से लाइट मेट्रो का कोई निर्देश नहीं आया है। यह मेट्रो कानपुर, लखनऊ की तरह इस बरेली मेट्रो के नाम से जानी जाएगी।

बदल जाएगी बरेली की यातायात व्यवस्था
बरेली मेट्रो बनने के बाद शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह बदल जाएगी। मेट्रो के संचालन से शहर में अधिकतर लोग स्वयं के वाहन के बजाय मेट्रो से यात्रा करना पसंद करेंगे।


यह है प्रस्तावित रूट
बरेली मेट्रो के लिए ऐसे रूट तय करने की कोशिश की जाएगी जिन पर अधिक अड़चन न आए। बीडीए के मुताबिक पहले चरण में झुमका चौराहा से किला होते हुए रेलवे स्टेशन तक फिजिबिलिटी चेक की जाएगी। उसके बाद एयरफोर्स रोड को इससे जोड़ा जाएगा। तीसरे चरण में दोहना स्टेशन से कुतुबखाना होते हुए रेलवे स्टेशन तक का रूट चेक किया जाएगा। बरेली मैट्रो योजना से ग्रामीण एरिया को भी जोडऩे की है। ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके। हालांकि राट्रस कंपनी अपने मुताबिक शहर के रूट का सर्वे भी करेगी।

वर्जन
डीपीआर का काम राइट््स कंपनी से कराने का अनुमोदन के बाद प्राधिकरण बोर्ड ने कार्यादेश जारी कर दिया है। शीघ्र ही कंपनी के विशेषज्ञ यहां आकर सर्वे का काम शुरू कर देंगे।
योगेंद्र कुमार, सचिव, बरेली विकास प्राधिकरण