-दूर दृष्टि दोष से पीडि़त हैं ड्राइवर्स

BAREILLY:

'शून्य दुर्घटना दिवस' पर परिवहन निगम के ड्राइवरों की आंखों की जांच के लिए कैंप लगाया गया, जिसमें तमाम ड्राइवर दूर दृष्टि दोष से पीडि़त पाए गए। दो ड्राइवर निकट दृष्टि दोष की गंभीर बीमारी से पीडि़त थे, जिन्हें डॉक्टर्स ने इलाज कराने का सुझ्ाव दिया।

30 परसेंट में पाई गई खराबी

'शून्य दुर्घटना दिवस' के मौके पर करीब 150 चालकों की आंखों की जांच हुई। इनमें से 30 परसेंट चालकों की आंखों में खराबी पाई गई। इन ड्राइवर्स को चश्मा लगाने की सलाह दी गई। जिन ड्राइवर्स की आंखों में मामूली प्राब्लम थी, उन्हें प्रॉपर इलाज कराने के लिए कहा गया। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के आई स्पेशलिस्ट डॉ। संजय कुमार और डॉ। योगेंद्र वीर सक्सेना ने बताया कि ज्यादातर ड्राइवर्स में दूर दृष्टि दोष की प्रॉब्लम मिली है। इलाज में लापरवाही करने पर आंखों की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। लास्ट स्टेज में व्यक्ति मोतियाबिंद बीमारी से ग्रसित हो जाता है।

ठंड के दिनों में दिक्कत

डॉक्टर्स की मानें तो, दूर दृष्टि में सबसे अधिक प्रॉब्लम्स ठंड के दिनों में होती है। आंखों के सामान्य नहीं होने पर कोहरे के समय चालक को और भी कम दिखायी देता है। कोहरे में अचानक कोई वाहन या व्यक्ति के आ जाने से ड्राइवर को कुछ समझ में नहीं आता है। या यूं कहें कि उसे कुछ दिखायी ही नहीं देता है और एक्सीडेंट कर बैठता है।

हर माह छह से अधिक एक्सीडेंट

परिवहन निगम की बसों के एक्सीडेंट पर नजर डालें तो हर माह आधा दर्जन से अधिक हादसे होते हैं। इन पर लगाम लगाने में निगम फेल है। वजह यह भी है कि दुर्घटना के कई बार कारण दूसरे लोग होते हैं।

दुर्घटना रोकने के उपाय

- भर्ती के समय चालकों की आंखों की जांच।

- 40 साल के बाद नियमित रूप से आंखों की जांच होना जरूरी।

- नशे की आदत पर अंकुश लगाना।

- चालकों को समय-समय पर ट्रेनिंग देते रहना।

चालकों में सबसे अधिक नजदीक की प्रॉब्लम्स थी। ऐसे चालकों की संख्या करीब 30 परसेंट थी। कुछ चालकों को नजर का चश्मा लगाने सलाह दी गयी है।

डॉ। संजय कुमार, आई स्पेशलिस्ट

हर महीने 5-6 एक्सीडेंट के मामले आ ही जाते है। लेकिन सबसे अधिक एक्सीडेंट सामने वाले की गलती और लोगों द्वारा ट्रैफिक नियमों की अनदेखी के चलते ही होते है।

आरबीएल शर्मा, एआरएम टेक्निकल