-लॉकडाउन में बंद हुआ कारोबार, तब से सभी डोकेरेटर्स बैठे हैं खाली

-कोरोना संक्रमण के चलते डोकोरेटर्स को अब घरों में नहीं चाह रहे बुलाना

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फैक्ट एंड फिगर

250-से अधिक शहर में डोकेरेटर्स

8-करोड़ से अधिक का होता था साल भर में काम

1500-से अधिक लोग डोकेरेटर्स के साथ लगे हुए थे काम पर

यह हैं बुकिंग डेट्स

नवम्बर- 17,19,25, 30

दिसम्बर-1,7,9, 10, 11

बरेली: लॉकडाउन से बंद हुआ डेकोरेटर्स के बिजनेस पर इस समय भी 'लॉक' चल रहा है। इसका बड़ा रीजन है कि कोरोना संक्रमण का फैलना है। लोगों का कहना है कि वह इस समय घर में कोई पर्सनल आयोजन होने पर भी डोकोरेटर्स को नहीं बुला रहे हैं क्योकि उन्हें डर है कि किसी बाहरी को बुलाने से संक्रमण फैलने का खतरा है। इसीलिए अनलॉक में भी डोकेरेटर्स का काम बिल्कुल ही बंद पड़ा हुआ है।

मंडी से भी रौनक गायब

फूलों की मंडी जिला पंचायत रोड पर इतने फूल कारोबारी फूल लेकर आते थे कि फूलों की खुशबू और नजारा देखते ही बनता था। लेकिन इस कोरोना संक्रमण ने तो पूरा कोराबार बंद कर दिया, अब अनलॉक में मंडी तो शुरू हुई लेकिन देहात क्षेत्र और शहर के आउटर से जो फूलों की आवक होती थी वह नहीं हो पा रही है। जिस कारण फूलों की मंडी की एक तरह से रौनक सी गायब हो गई है।

शादियों की सहालग भी कम

मार्च से खाली बैठे कारोबारियों में अब अनलॉक-5 में बड़ी उम्मीदें थी लेकिन इस वक्त शादियों की सहालग कम होने से मुश्किल हो रही है। एक तो जहां बुकिंग कम है तो वहीं दूसरी तरफ जो बुकिंग आ रही हैं वह सब एक ही डेट की अधिक आ रही है। जिस कारण अच्छा बिजनेस तो दूर काम करना भी मुश्किल हो जा रहा है। क्योंकि एक साथ एक या फिर दो ही बुकिंग का काम करना मुश्किल हो जाता है ऐसे में काफी काम नहीं मिल पाएगा।

अब बुके बेचकर काम चला रहे

फ्लोस्टि और डेकोरेटर्स के पास आम दिनों में इतना काम होता था कि एक दुकानदार के पास 10-12 लड़के सपोर्ट के लिए काम पर चाहिए होते थे। लेकिन लॉकडाउन से काम तो बंद हुआ, अब भी अनलॉक में भी शुरू नहीं हो पा रहा है। क्योंकि जो काम था वह कोरोना संक्रमण ने बिल्कुल चौपट कर दिया। शॉप पर भी छोटी-छोटी बुकिंग इतनी आती थी लेकिन अब वह भी नहीं आ रही है। इसके पीछे का मेन कारण है कि लोग अब बर्थडे आदि में भी डोकेरेशन नहीं करवा रहे हैं। लोगों में कोरोना संक्रमण को लेकर एक दहशत सी है। जिस कारण वह किसी अजनवी या बाहरी को घरों में एंट्री देने से बच रहे हैं।

कई ने बदला कारोबार

शहर में जहां 250 करीब फ्लोरिस्ट का ठीक-ठाक काम करने वाले थे तो वहीं छोटे अन्य व्यापारी भी थे जो फूलों का कारोबार करते थे। लॉकडाउन से कारोबार तो पूरी तरह चौपट हुआ ही लेकिन इसके साथ ही जो फूल सीजन भर मंगाने के लिए एडवांस रुपए दिए थे वह भी फंस गए। क्योंकि फूल की खेती करने वाले किसानों ने फूल की खेती ही उजाड़ दी। ऐसे में अब उनसे रुपए भी वापस मिलना मुश्किल हो रहे है, किसानों से फूलों के लिए अब तो इंतजार करना पड़ेगा। इससे परेशान होकर कई फूलों का कारोबार करने वालों ने तो अपना धंधा ही बदल दिया है।

बोले जिम्मेदार

-फ्लॉवर डोकेरेशन का बिजनेस कोरोना काल में तो बिल्कुल ही खत्म हो गया है। अब हमारे कई साथी तो अदर काम करने लगे। इस वक्त तो दिन भर बुके बेंचकर ही काम चला रहा हूं।

कमल, फ्लॉवर शॉप

-डायमेंशन बुकिंग कराने के लिए लोग आते हैं लेकिन फूलों की भी मंडी में कमी है। क्योंकि लॉकडाउन में लोगों ने फूलों की खेती को ही उजाड़ दिया था। ऐसे में बाहर से फूल भी मंगाना पड़ रहे हैं, वह भी दो दिन में बेकार हो जाते हैं।

प्रताप, फ्लॉवर शॉप

-अब अनलॉक फाइव चल रहा है इसमें अब अनुमति तो मिली है कि सबकुछ ओपन हो गया है। लेकिन शादियों की सहालग कम है, इसके साथ ही जो पर्सनल घरों में आयोजन होते थे वह भी बुकिंग नहीं करवा रहे हैं।

सागर, फ्लॉवर शॉप