दरगाह आला हजरत के मुफ्ती ने फतवा जारी कर संगठन के पोस्ट को बताया नाजायज

राजस्थान के जयपुर से एक युवक ने किया था सवाल, जवाब में फतवा

BAREILLY: आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के सोशल साइट्स पर शेयर किए जाने वाले पोस्ट को आला हजरत दरगाह के मुफ्ती मो। सलीम नूरी ने देखना-पढ़ना हराम करार दिया है। दरअसल, यह फतवा राजस्थान के जयपुर निवासी एक युवक के सवाल पर जारी किया है।

ये था युवक का सवाल

कौसर रजा खां ने पिछले दिनों सवाल किया था कि आईएसआईएस सोशल मीडिया साइट्स पर यूथ को गुमराह करने के लिए पोस्ट शेयर करता है। ताकि यूथ गुमराह हो जाएं और खून-खराबा करें। संगठन यूथ को इस्लाम विरोधी विचारधारा जोड़ने का काम करता है। ऐसे में इस तरह पोस्ट को देखना-पढ़ने के बारे में शरीयत क्या कहती है?

गुमराह करता है ऐसा पोस्ट

दरगाह आला हजरत के मुफ्ती सलीम नूरी ने कौसर रजा खां के सवाल का न सिर्फ जवाब दिया। बल्कि, फतवा जारी किया कि आतंकवादी संगठन चाहे वह आईएसआईएस, तालिबानी आतंकी संगठन को या फिर कोई और ये लोग यहूदियों और इस्लाम विरोधियों के एजेंट हैं। इनका मकसद यूथ को सिर्फ और सिर्फ गुमराह करना है। लिहाजा, कुरान और हदीस की रौशनी में इस तरह का पोस्ट या फिर कोई लिट्रेचर हो। उसे देखना-पढ़ना नाजायज, हराम है।

इससे यूथ को बचने की जरूरत

फतवे में आगे कहा गया कि इस तरह का पोस्ट या लिट्रेचर इंसानियत के खिलाफ है, जो तबाही की ओर ले जाता है। जबकि कुरान में हुक्म दिया गया है कि अपने आपको तबाही से बचाओ। खुद को बर्बादी में न डालो। जो लोग तुम्हें गुमराह करने का काम करते हैं। उनसे खुद को और अपनों को ज्यादा से ज्यादा दूर रखने की कोशिश करो।