-स्टूडेंट्स ने भविष्य में बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है

BAREILLY: जीत राम स्मारक इंस्टीट्यूट के स्टूडेंट्स को एग्जाम से बाहर करने के मामले को लेकर वेडनसडे को एक बार फिर छात्र संगठन और स्टूडेंट्स ने अधिकारियों से गुहार लगाई। पहले वे डीएम से मिले फिर समाज कल्याण अधिकारी से। समाज कल्याण अधिकारी के गोलमोल जवाब देने पर स्टूडेंट्स और उनके बीच काफी बहस भी हुई। लेकिन अधिकारी ने किसी भी तरह की कार्रवाई करने से मना कर दिया। स्टूडेंट्स ने आरोप लगाया है कि इंस्टीट्यूट ने पहले उनसे फीस के रूप में 25,000 से 30,000 रुपए वसूले। इसके बाद समेस्टर एग्जाम से पहले छात्रवृत्ति न आने का कारण बताकर 20,000 से 45,000 रुपए फिर वसूले। एग्जाम से पहले अचानक फीस की रकम देने में कई स्टूडेंट्स अक्षम रहे। जिसके बदले इंस्टीट्यूट ने उन स्टूडेंट्स को एग्जाम से बाहर कर दिया। उनका एग्जाम छूट गया। हालांकि बाद में हंगामा होने के बाद उन्हें बाकी पेपर्स में अपीयर होने दिया।

समाज कल्याण अधिकारी ने नहीं की हेल्प

अछास के रजत मिश्रा, मुनीष कुमार, अमन शुक्ला, उपेंद्र पटेल, राजीव, रोहित, सचिन, विजय समेत कई मेंबर्स और स्टूडेंट्स इस मसले को लेकर पहले डीएम गौरव दयाल से मिलने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे। वे पहले भी इंस्टीट्यूट की कंप्लेन कर चुके थे लेकिन किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं हुई थी। पहले तो उन्हें डीएम से मिलने से रोका गया। नहीं माने तो बाद में उन्हें मिलने का समय दिया गया। उन्होंने डीएम को सारी बातें बताई। डीएम ने इस संबंध में समाज कल्याण अधिकारी से मिलने को कहा। जब वे समाज कल्याण अधिकारी से मिलने पहुंचे तो उन्होंने अपने स्तर से कार्रवाई करने से मना कर दिया। जिस पर सभी स्टूडेंट्स बिफर पड़े। काफी देर तक बहस चलती रही लेकिन अधिकारी ने स्टूडेंट्स को कोई आश्वासन नहीं दिया। स्टूडेंट्स ने भविष्य में बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।