बरेली (ब्यूरो)। आप घर बैठे पार्ट टाइम जॉब कर अच्छी कमाई कर सकते हैं, घर बैठे मूवी की रेटिंग करके मोटी कमाई हो सकती है, इस तरह के ऑफर वाले मैसेज मोबाइल पर खूब आते हैं। इन ऑफर्स के झांसे में जो आया तो समझो उसने मेहनत की कमाई मुफ्त में गवा दी। अगर आपके पास भी इस तरह के मैसेज आ रहे हों तो उन पर गौर करने से पहले सावधान जरूर हो जाएं। क्योंकि घर बैठे रुपए कमाने का झांसा न तो सरकार देगी और न ही कोई कंपनी। इस तरह का झांसा देने वाला ठग भी हो सकता है।

फॉरेन ऑपरेटेड हैं साइट्स
शहर में एक महीने के भीतर ही कई ऐसे केसेस सामने आ चुके हैं, जिनमें लोगों ने जरा सी लालच के चलते लाखों रुपए गवा दिए। ठगों के झांसे में प्राइवेट जॉब होल्डर या फिर बिजनेसमैन ही नहीं आ रहे हैं, बल्कि गवर्नमेंट एंप्लॉई भी खूब आ रहे हैं। ठगी का शिकार होने के बाद यह लोग साइबर थाना पुलिस में कंप्लेन दर्ज कराते हैं, पर इस तरह की ठगी वाली अधिकांश वेबसाइट फॉरेन से ऑपरेट होती है। इससे पुलिस भी इनकी कोई विशेष मदद नहीं कर पाती है।

केस:1

रेटिंग कराने के नाम ठगी
शहर की रहने वाली एक युवती डिजिटल मार्केटिंग का काम करती हंै। ठग ने युवती को मोबाइल मैसेज के जरिए घर बैठे कमाई का झांसा दिया। युवती डिजिटिल मार्केटिंग की तरह का ही काम समझकर उसे करने के लिए तैयार हो गई। युवती को बताया गया कि आप घर बैठे ही डिजिटल मार्केटिंग की तरह काम कर सकती हो। इसके लिए आपको इंसेंटिव भी मिलेगा और वह आपके अकाउंट में पहुंचता रहेगा। युवती जैसे ही पार्ट टाइम काम के लिए तैयार हुई तो उसे एक टेलीग्राम गु्रप में जोड़ दिया गया। बताया गया कि जो मूवी लांच हो रही है उसकी रेटिंग करनी है। बेहतर रेटिंग करने पर उसे इंसेंटिव दिया जाएगा। युवती को रेटिंग के नाम पर पर तीस हजार का इंसेंटिव भी दिया। उसके बाद युवती के अकाउंट से 25 लाख रुपए उड़ा दिए। युवती ने जब साइबर ठग के नंबर पर कॉल की तो उसका नंबर भी बंद हो गया। इसके बाद टेलीग्राम पर चैनल भी डिलीट हो गया। युवती ने साइबर थाना में केस दर्ज कराया है।

केस:2

लाइक्स का झांसा दे 30 लाख पार
सेंट्रल गवर्नमेंट के एक एंप्लायी को ठगों ने पार्ट टाइम जॉब का झांसा दिया। लालच में आकर उस एंप्लायी ने साइबर ठग से पार्ट टाइम जॉब से रुपए कमाने के लिए हामी भर दी। इसके बाद ठगों ने रुपए लगाकर दोगुना करने का झांसा दिया। इसी तरह से ठग ने उससे 30 लाख रुपए ठग लिए। इतना ही नहीं वॉलेट में उसके लिए रुपए दोगुना दिखाते रहे। इंसेंटिव के नाम पर जब रुपए युवक के अकाउंट पर नहीं आए तो उसने रुपए वापस मांगे। इसके बाद ठगों ने नंबर बंद कर लिया। परेशान होकर युवक ने साइबर थाना में केस दर्ज कराया है।

केस:3
गोल्ड में इंवेस्टमेंट के नाम पर 15 लाख ठगे
शहर के एक युवक की सोशल साइट पर ठग ने युवती बन दोस्ती की। उसके बाद ठग ने अपने सोशल साइट पर पेज बताया कि इसको लाइक और कमेंट करें। युवक ने उसे सोशल साइट पेज पर लाइक और कमेंट करना शुरू कर दिया। कुछ दिन बाद ठग ने बताया कि वह लाइक व कमेंट के लिए एक चेन बनाए। इसके लिए उसे एक टेलीग्राम पर चैनल में जोड़ दिया। इसमें युवक को बताया कि वह और अधिक रुपए कमा सकता है। इसके बाद उससे गोल्ड में इंवेस्ट करने को भी कहा। इस पर युवक ने पहले तो कम रुपए ठगों के अकाउंट में ट्रांसफर किए। जब उसे वॉलेट में रुपए दोगुना दिखाए गए तो युवक साइबर ठग के झांसे में आ गया। युवक ने दोस्तों से भी रुपए लेकर कुल 15 लाख रुपए साइबर ठगों के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। उसके बाद अब साइबर ठगों ने चैनल डिलीट कर दिया। इसके बाद परेशान युवक ने साइबर थाना में केस दर्ज कराया।

केस:4
फ्लाइट टिकट बुक करने का झांसा देकर 27 लाख ठगे
कैंट थाना एरिया निवासी गवर्नमेंट एंप्लॉय को साइबर ठगों ने घर पर पार्ट टाइम जॉब का झांसा दिया। इस पर उन्हें लगा कि यह घर बैठे कमाई का बेहतर तरीका है। साइबर ठगों ने बताया कि उसके लिए घर पर बैठकर एयर टिकट बुक करनी है। इसके लिए उसे अपना अकाउंट बनाना होगा। युवक ने अपना अकाउंट बना दिया और उसे ठगों ने बकायदा आईडी और पासवर्ड भी जारी कर दिया। इसके बाद उसने एयर टिकट भी बुक कराए। एयर टिकट बुक कराने के नाम पर ठगों ने युवक से रुपए भी लगवा दिए। इसेंटिव के नाम पर पहले तो कुछ रुपए भी वापस आए। जैसे ही उस एंप्लॉयी ने 27 लाख रुपए साइबर ठगों के अकाउंट में ट्रांसफर किए वैसे ही ठगों ने नम्बर ऑफ कर लिया। जिस चैनल के माध्यम से वह ठगी कर रहे थे, उसे भी डिलीट कर दिया। पीडि़त ने साइबर थाना में केस दर्ज कराया है।

लालच में आकर ही लोग अपने रुपए खुद ही साइबर ठगों के अकाउंट में ट्रांसफर कर रहे हैं। इसका मेन कारण है अज्ञानता, जिज्ञासा और लालच। साइबर ठग लालच देकर ही लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। इसीलिए अलर्ट रहने की जरूरत है और उनके झांसे ं न आए। अगर किसी भी वजह से ठगी का शिकार हो जाएं तो तुरंत साइबर थाना में एफआईआर दर्ज कराएं।
अनिल कुमार, एसएचओ, साइबर थाना