यह भी जानें

-40 महाविद्यालयों में खोले जानें हैं फ्रेंडली क्लीनिक

-25 एनएसएस को पियर एजुकेटर की दी गई ट्रेनिंग

-50 फ्रेंडस को अवेयर करेंगे पियर एजुकेटर

-एनएचएम की ओर से शहर के दो डिग्री कॉलेजों में शुरू किए गए फ्रेंडली क्लीनिक

-गवर्नमेंट हॉस्पिटल से अटैच होंगे फ्रेंडली क्लीनिक, पियर एजुकेटर्स की लगाई गई ड्यूटी

=================

बरेली: डिग्री कॉलेजेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को डिप्रेशन न हो, इसके लिए एनएचएम ने एक पहल शुरू की है। एनएमएम की ओर अब दो डिग्री कॉलेजों में फ्रेंडली क्लीनिक शुरू किए गए हैं, जो स्टूडेंट्स की हर प्रॉब्लम का इंस्टेंट सॉल्यूशन देंगे। फ्रेंडली क्लीनिक पर पियर्स एजुकेटर की ड्यूटी लगाई गई है और इसके को-ऑर्डिनेटर कॉलेजज की टीचर्स ही होंगे। जिनकी देखरेख में फ्रेंडली क्लीनिक संचालित होगा। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल को मंथली रिपोर्ट भी देनी होगी।

गंगाशील-अग्रसेन में क्लीनिक शुरू

शहर के गंगाशील और महाराजा अग्रसेन महाविद्यालय में क्लीनिक खोल दिए गए हैं। सिफ्सा की तरफ से यह यूपी के 40 महाविद्यालयों में युवा फ्रेंडली क्लीनिक खोले जाने हैं। जिसमें दो महाविद्यालय बरेली मंडल के चयनित किए गए हैं। डिविजनल प्रोजेक्ट मैनेजर सिफ्सा शाहिद हुसैन ने बताया कि अभी यह युवा फ्रेंडली क्लीनिक को पायलट प्रोजेक्ट के तहत खोले गए है। परिणाम अच्छे आने पर यह आगे और भी खोले जाएंगे।

एनएसएस कैंडिडेट्स को किया ट्रेंड

एनएसएस के स्वयं सेवियों को राज्य परिवार नियोजन सेवा अभिनवीकरण परियोजना एजेंसी सिफ्सा की तरफ से दो दिवसीय पियर एजुकेटर ट्रेनिंग दी गई थी। इसमें महाविद्यालय के 25 एनएसएस को ट्रेनिंग दी गई। यह सभी पियर एजुकेटर 50-50 साथियों को जागरूक करेंगे। ट्रेनिंग के दौरान इनको स्वास्थ्य पर आधारित कुछ फिल्में भी दिखाई गई। इसके साथ ही उन्हें बताया गया कि वह अपने साथियों की समस्या पर गौर करेंगे और उनकी समस्या से क्लीनिक के को-आर्डिनेटर को अवगत कराएंगे। इसी तरह इसके लिए एनएसएस के छात्र और छात्राओं को अपने साथियों की समस्याओं को नोटिस कर को-कॉर्डिनेटर को बताएंगे।

यह मिलेगा फायदा

गंगाशील महाविद्यालय की फ्रेंडली क्लीनिक में डॉ। दीवा निशात और महाराजा अग्रसेन महाविद्यालय में डॉ। कमल किशोर की ड्यूटी लगाई गई है। उन्होंने बताया कि क्लीनिक की शुरूआत हो गई है। इसके लिए अभी एनएसएस कैंडिडेट्स की ड्यूटी कुछ समय के लिए लगाई है। ताकि क्लीनिक पर आकर स्टूडेंट्स अपनी समस्या को कह सके। क्योंकि अक्सर स्टूडेंट्स अपने मां-बाप से नहीं कह पाते है जबकि दोस्तों में आसानी से शेयर कर लेते हैं। को-ऑर्डिनेटर का कहना है कि जिस-जिस कैंडिडेट्स की समस्या की जानकारी मिलेगी। पहले तो उसकी प्रॉब्लम फ्रेंडली क्लीनिक में सॉल्व की जाएगी। बाद में जरूरत पड़ने पर उसकी डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में डॉक्टर्स से काउंसलिंग कराकर स्टूडेंट्स की समस्या का समाधान किया जाएगा।

आउटर रीच कैंप से करेंगे अवेयर

युवा फ्रेंडली क्लीनिक पर छात्राओं को सेनेटरी नैपकिन, आयरन फोलिक एसिड टेबलेट देने की व्यवस्था की गई है। इससे ग्रामीण परिवेश में रहने वाले किशोर किशोरियों एवं उनके अभिभावकों को जागरूक करने के लिए सात दिवसीय आउटरीच कैंप लगाया जाएगा।

-युवा फ्रेंडली क्लीनिक महाविद्यालय में खोलने का मकसद जो युवा को उनकी समस्या का समाधान कराना है। इससे युवाओं को लाभ मिलेगा।

शाहिद हुसैन, डिविजनल प्रोजेक्ट मैनेजर सिफ्सा