- प्रेमनगरमें बेहोशी की हालत में मिला 11 साल का मासूम, एंबुलेंस ने डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में कराया एडमिट

-अफसरों और पेरेंट्स की अनदेखी के चलते नशे के आदी हो रहे यूथ

बरेली : कौन है जो शहर में नशे का कल्चर फैला रहा है जिससे मासूमों की जान पर खतरा मंडरा रहा है। प्रेमनगर में मंडे को एक मासूम नशे की हालत में पड़ा था। स्थानीय लोगों ने देखकर 108 एंबुलेंस को कॉल कर जानकारी दी जिसके बाद उसे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। डॉक्टरों के मुताबिक उसका ट्रीटमेंट किया जा रहा है। साथ ही काउंसलिंग भी कराई जाएगी जिससे वह नशे की लत छोड़ सके।

यह है पूरा मामला

छोटी विहार की रहने वाली महिला ने बताया कि उसके तीन बच्चे है। सबसे छोटा बेटा 11 साल का है। उसके हसबैंड लोगों के घरों में खाना बनाने का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि न जाने बेटे को कैसे नशे की लत लग गई। बहुत रोकती हूं, पर यह मानता नहीं है। चरस-गांजा, सुलेशन और सिगरेट आदि का नशा करता है। रुपए नहीं देती हूं तो कबाड़ बेचकर पैसे जुटा लेता है और रात-रात भर घर से बाहर रहता है। नशा न मिलने पर दीवार पर सिर मारता है।

नशे की गिरफ्त में फैमिली

महिला ने बताया कि हसबैंड तो शराब पीते हैं ही लेकिन तीनों बच्चे भी अलग-अलग तरह का नशा करने लगे हैं। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि अब लत छुड़ाना मुश्किल है।

सुभाषनगर नशे का गढ़

जंक्शन के पीछे सुभाषनगर में एक पार्क है जो धीरे-धीरे नशे का गढ़ बनता जा रहा है। यहां पर अक्सर स्कूली बच्चे चरस और गांजा पीते हैं लेकिन इसके बाद भी जिम्मेदार इन्हें रोकने की सुध नहीं लेते हैं। जिससे यूथ धीरे-धीरे नशे का आदी हो रहा है।

पहले भी नशे में मिले मासूम

करीब सात महीने पहले जंक्शन के पीछे जीआरपी को कुछ बच्चे रुमाल में व्हाइटनर छिड़ककर नशा करते मिले थे। वहीं कई खाली बॉटल्स भी पड़ी मिली थीं। जीआरपी ने बच्चों के पेरेंट्स को बुलाकर कड़ी हिदायत दी थी।

नशे की लत एक दम से नहीं जा सकती बच्चा इसका आदी हो चुका है। जांच में उसके आर्गन पर भी गंभीर असर है। उसको काउंसिलिंग के साथ ही बेहतर इलाज की जरुरत है।

डॉ। कृष्णा, बच्चा वार्ड