बरेली(ब्यूरो)। गैेंग रेप पीडि़त छात्रा न्याय पाने की आस में थाने के चक्कर पर चक्कर लगाती रही, लेकिन किसी ने उस की एक न सुनी। उस की एफआईआर नहीं लिखी गई। एडीजी कार्यालय में शिकायत की तो भी सुनवाई नहीं हुई। सोमवार को वह एक बार पुन: कंप्लेंट ले कर पहुंची तब तो वहां उपस्थित स्टाफ ने हद ही कर दी। आरोप है कि स्टाफ ऑफिसर व इंस्पेक्टर ने मामले को फर्जी बताते हुए रिपोर्ट लिखे जाने की बात से इनकार कर दिया। इस से आहत छात्रा तुरंत ही बिलखते हुए भागी और प्वाइजन खा लिया। उस की हालत बिगड़ी और वह बेहोश हो कर गिरी तो वहां अफरा-तफरी मच गई। आननफानन में उसे जिला अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर ने उसकी हालत खतरे से बाहर बताई है। उधर इस घटनाक्रम के बाद बैकफुट पर आई सुनगढ़ी पुलिस ने तत्काल आरोपितों के विरुद्ध एफआईआर पंजीकृत कर ली। उधर दूसरे पक्ष ने किशोरी के जहर खाने की बात सामने आने पर एसएसपी कार्यालय पहुंच उन्हें फर्जी मामले में फंसाने का षडयंत्र रचने का आरोप लगाया।

यह है मामला
युवती पीलीभीत के सुनगढ़ी थाना क्षेत्र की रहने वाली है। कंप्लेंट में उस ने स्वयं को नाबालिग बताया है। उस के अनुसार एक व्यक्ति ने उसके साथ जबरदस्ती की कोशिश की। मामले की शिकायत ले कर स्वजन संग थाने जा रही थी, तब ही रास्ते में आरोपित दो लोगों के साथ मिल गया। आरोप है कि अभद्रता करते हुए वे लोग उसे खींच कर कार में ले गए और सामूहिक दुष्कर्म किया। जैसे-तैसे जान बची। शिकायत सुनगढ़ी पुलिस से की गई, लेकिन उन्होंने कोई सुनवाई नहीं की। कई बार चक्कर लगाने के बाद भी एफआइ्रआर पंजीकृत नहीं की गई। कई माह बीत गए तो बरेली पहुंच कर एडीजी कार्यालय में शिकायत की। एडीजी कार्यालय से जांच के आदेश हुए। इधर सोमवार को वह बहन के साथ फिर एडीजी ऑफिस पहुंची और कार्रवाई न होने का आरोप लगाया। छात्रा के रिश्तेदार ने बताया कि शिकायत सुनने वाले इंस्पेक्टर उसे स्टाफ अफसर के पास ले गए। वहां पर मामला फर्जी बता दिया गया। ऐसा सुन कर छात्रा के पैरों तले जमीन खिसक गई। उस ने जहरीला पदार्थ खा कर सुसाइड करने का प्रयास किया। यह देख वहां पर अफरा-तफरी मच गई। महिला थाने की पुलिस पहुंच गई और उसे जिला अस्पताल ले जाया गया।

तमंचा संग फोटो हो चुके वायरल
सुभाषनगर निवासी रिश्तेदार ने बताया कि तीनों में एक आरोपित की बेटी के फोटो तमंचे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं। मामले में प्रेमनगर पुलिस ने एफआईआर लिख कर उसे अरेस्ट भी किया था। इस के बाद आरोपित की बेटी ने फूफा के विरुद्ध बारादरी थाने में दुष्कर्म की झूठी रिपोर्ट लिखा दी। आरोप है कि बारादरी पुलिस ने एक न सुनी, जिसके चलते चार दिन पहले फूफा ने सरेंडर कर दिया, जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया। आरोप लगाया कि इधर युवती के पिता, उसके एक साथी व एक अन्य ने सामूहिक दुष्कर्म किया। इस के बावजूद पुलिस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, जिससे आरोपित लगातार धमका रहे हैं।

बुआ ने की शिकायत
इधर छात्रा की बुआ ने एसएसपी कार्यालय में शिकायत की है। आरोप था कि तमंचे के साथ जिस युवती का फोटो प्रसारित हुआ था। उसने एक फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट बनाया और उस पर अश्लील वीडियो पोस्ट कर दिए। यह भी आरोप लगाया कि आरोपित युवती ने ही उसके पति को फर्जी मुकदमे में फंसा दिया, जिसके चलते वह जेल में है। उन्होंने एसएसपी से युवती के विरुद्ध प्राथमिकी लिखे जाने की मांग की।

तथ्यों की नहीं हुई पुष्टि
थाना सुनगढ़ी पुलिस पर जब कार्रवाई न होने के आरोप लगे तो एडीजी कार्यालय से सीओ आंवला दीपशिखा अहिबरन ङ्क्षसह को जांच रिपोर्ट सौंप दी गई। सीओ ने जांच रिपोर्ट में लिखा कि आवेदिका के रिश्तेदार शानू ठाकुर के विरुद्ध विपक्षी काजल ठाकुर ने बारादरी थाने में दुष्कर्म की प्राथमिकी लिखा रखी है, जिस में वह वांछित है। ननदोई को बचाने व मुकदमा वापस लेने के उद्देश्य से उक्त प्रार्थना पत्र प्रेषित किया गया है। जांच से उक्त प्रार्थना पत्र में अंकित तथ्यों की पुष्टि नहीं हो पाई है। एडीजी ऑफिस में इंस्पेक्टर व स्टाफ अफसर ने छात्रा को इस जांच रिपोर्ट का हवाला दिया था। इसी पर छात्रा ने दोनों पर मामला फर्जी बताए जाने का आरोप लगाया।

आरोपितों पर हुई रिपोर्ट
एडीजी कार्यालय में हुए घटनाक्रम के बाद आनन-फानन में पीलीभीत की सुनगढ़ी पुलिस ने सुरेंद्र ङ्क्षसह, उसकी बेटी काजल ठाकुर, विमल महाजन व एक व्यक्ति नाम अज्ञात के विरुद्ध सामूहिक दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट, आईटी एक्ट की धारा में प्राथमिकी लिखी गई है। काजल ठाकुर पर कपड़े बदलते वक्त गुपचुप अश्लील फोटो व वीडियो बनाने का आरोप है।

बोले अधिकारी
सीओ की जांच रिपोर्ट में तथ्यों की पुष्टि नहीं हुई थी। इंस्पेक्टर व स्टाफ अफसर पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, उन्होंने सीओ की जांच रिपोर्ट का ही हवाला दिया था। शिकायती पत्र के आधार पर मामले में सुनगढ़ी थाने में एफआईआर लिख ली गई है। जांच के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ। राकेश ङ्क्षसह, आईजी रेंज