-गवर्नमेंट स्कूल्स में नहीं हैं पंखे और पेयजल की व्यवस्था

-अधिकारियों की अनदेखी के चलते नौनिहाल हैं परेशान

BAREILLY

एक ओर शासन परिषदीय स्कूलों में शिक्षा का स्तर उठाने के लिए तमाम प्रयास कर रहा है तो दूसरी ओर स्कूलों का हाल कुछ ऐसा है कि बच्चों के लिए न तो पंखे की व्यवस्था न ही पेयजल की। पंखा न होने के कारण स्कूल में पढ़ाई के दौरान बच्चे चिलचिलाती गर्मी में पसीने से सराबोर हो रहें तो प्यास बुझाने के लिए स्कूलों में उन्होंने पानी भी मयस्सर नहीं हो रहा है। ऐसे विपरीत हालात में नौनिहाल बेहाल हैं। आईए बताते हैं क्या है स्कूलों का हाल।

झुलसा रहा तापमान

इन दिनों आसमान से आग बरस रही है। पारा 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास है। ऐसी गर्मी में परिषदीय स्कूलों के बच्चों को पढ़ाई करनी पड़ रही है। सीबीगंज स्थित खलीलपुर प्राथमिक विद्यालय की बात की जाए तो यहां सीलिंग फैन नहीं है। नतीजतन स्टूडेंट्स को हवा के लिए हाथों के पंखे का सहारा लेना पड़ता है। स्कूल में पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके चलते बच्चे अपने साथ बोतल में पानी लेकर आते हैं। अगर बच्चे बोतल न लाएं तो उन्हें प्यासा ही रहना पड़ता है।

गांव में जाते है पानी पीने

बहेड़ी: स्कूलों में पेयजल की व्यवस्था हैंडपम्पों के सहारे है। कई स्कूलों में लगे हैण्डपम्प काफी समय से खराब है तो कई हैण्डपम्प में पानी नहीं आता है। जिससे स्टूडेंटस को पीने के पानी की समस्या बढ़ गई है। कस्बे के डाकखाना रोड स्थित प्राथमिक विद्यालय में एक माह से हैंडपम्प खराब पड़ा है। हैंडपम्प खराब होने की सूचना मौखिक तौर पर नगर पालिका को दे दी गई है, जिसपर नगर पालिका अध्यक्ष ने नल रीबोर कराने के लिए जल निगम को लिखकर दे दिया है। इसके बाद अभी तक जल निगम ने काई ध्यान नहीं दिया। नल खराब होने से बच्चे स्कूल के बाहर लगे दूसरे नलों पर पानी पीने जाते है। स्कूल की छात्रा शहमीन आदि का कहना है कि उन्हें पानी पीने के लिए बाहर के नलों पर जाना पड़ता है। शौचालय के लिए पानी बाहर से लाना पड़ता है।

जिन गवर्नमेंट स्कूल्स में पंखे और हैंडपंप नहीं है। इसके लिए शासन को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है। बजट मिलते ही इसकी व्यवस्था कर दी जाएगी।

शशि देवी शर्मा, एडी बेसिक