कानपुर (ब्यूरो)। किराए की बिल्डिंग में चल रहे राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह को अब पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। संप्रेक्षण गृह में रह रहे सभी 104 बाल बंदियों को इटावा भेज दिया गया है। इन बंदियों को इटावा महिला शरणालय की बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया है। वहीं यहां पर रहने वाली 25 महिलाएं लखनऊ भेज दी गईं हैं। जिले में बाल संप्रेक्षण गृह (बच्चा जेल) किराए की बिल्डिंग पर चल रहा था। क्षमता से ज्यादा बाल बंदियों को रखा गया था। अब इटावा में उनकी पेशी की जाएगी।

20 साल से किराए की बिल्डिंग में
नौबस्ता में करीब 20 वर्ष से किराए के मकान पर बाल संप्रेक्षण गृह संचालित हो रहा था। इस मकान में क्षमता से ज्यादा बाल बंदियों को रखा गया था। 50 की क्षमता वाले इस मकान में 104 बंदियों को रखा गया। हालात आउट ऑफ कंट्रोल होने और संप्रेक्षण गृह में जगह कम होने के चलते फिलहाल सभी को इटावा भेज दिया गया है। क्योंकि इसे चलाने के लिए कम से कम 8500 स्कवायर फीट की जगह की जरूरत होती है। प्रोबेशन अफसर जयदीप सिंह ने बताया कि किराये पर संचालित बच्चा जेल को अब शिफ्ट कर दिया गया है। जल्द ही उनके लिए नई बिल्डिंग का निर्माण कराया जाएगा।

जाजमऊ में बनाया जाएगा बाल संप्रेक्षण गृह
डिस्ट्रिक्ट प्रोबेशन विभाग जाजमऊ में संप्रेक्षण गृह बनवा रहा है, लेकिन बजट के अभाव में पांच साल से यह पूरा नहीं हो सकता है। बाल बंदियों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दो बार में इटावा भेजा गया। कानपुर में इससे पहले महिला शरणालय को भी बंद किया जा चुका है। वहीं किशोरियों की बढ़ती संख्या देखकर महिला शरणालय को नवाबगंज ख्यौरा में बंद करके वहां राजकीय बालिका गृह की दूसरी शाखा खोली गई है।

बंदियों की इटावा में होगी पेशी
मुकदमे की सुनवाई के दौरान बाल बंदी को इटावा से ही कोर्ट लेकर लाया जाएगा। वहां से लाने और ले जाने में फोर्स की जरूरत पड़ेगी। अगर कोई नया बाल बंदी आता है तो उसे इटावा भेजा जाएगा। नया राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह बनने के बाद ही वापस सभी को कानपुर लाया जाएगा। जिला प्रोबेशन अधिकारी जयदीप सिंह के मुताबिक राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह कानपुर में पूरी तरह से बंद हो चुका है। सभी बाल बंदियों को पुलिस फोर्स के साथ इटावा महिला शरणालय भेज दिया गया है।