-आईडी जनरेट होने से पहले ही नए सिम सि यूज कर कराई गई नकल

-क्राइम ब्रांच और आईओ को रैकेट का भंडाफोड़ करने का दिया निर्देश

<-आईडी जनरेट होने से पहले ही नए सिम सि यूज कर कराई गई नकल

-क्राइम ब्रांच और आईओ को रैकेट का भंडाफोड़ करने का दिया निर्देश

BAREILLY: BAREILLY: हाईकोर्ट के चपरासी के एग्जाम में हाईटेक नकल कराने का मास्टरमाइंड राजीव बरेली आया था। उसने बरेली में ही आकर मुन्नाभाई विजय वीर को जैकेट पहुंचाने वाले से मुलाकात की थी। जिस आइडिया कंपनी की सिम से विजयवीर को आंसर बताए जा रहे थे उनकी आईडी भी जनरेट नहीं हो सकी थी। वहीं एसपी क्राइम ने क्राइम ब्रांच और आईओ से इस मामले में की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी हासिल की। वेडनेसडे को मीटिंग के बाद पूरे रैकेट का भंडाफोड़ करने के निदर्1ेश दिए।

पल्सर पर पहुंचा था गुड्डू

क्राइम ब्रांच की जांच में सामने आया है कि राजीव नवंबर माह में बरेली आया था। यहां पर वह पीलीभीत बाईपास निवासी गुड्डू से मिला था। इसी दौरान ही उसने गुड्डू से सौदा किया था। राजीव के कहे अनुसार ही गुड्डू ने एग्जाम से कुछ देर पहले मुन्नाभाई विजयवीर को डिवाइस लगी जैकेट दी थी। सोर्सेस के अनुसार पीलीभीत बाईपास निवासी गुड्डू रेड कलर की पल्सर से जैकेट पहुंचाने गया था। वह यूनिवर्सिटी के मेन गेट के सामने रोड की दूसरी साइड खड़ा हुआ था। यहां पर जैकेट देने के बाद उसने भ्000 रुपए लिए थे। विजयवीर ने क्00 के भ्0 नोट गुड्डू को दिए थे।

क्9 को एक्टिवेट हुई सिम

विजयवीर के पास से जो आइडिया की जो दो सिम मिली है। वो एग्जाम से ठीक एक दिन पहले क्9 दिसंबर को एक्टिवेट हुई थी। इन सिम की अभी तक आईडी भी जेनरेट नहीं हो सकी थी। कंपनी में आईडी दी गई होगी लेकिन किसके नाम की इस बारे में बाद में ही पता चल सकेगा। पुलिस को आशंका कि ये सिम अलीगढ़ से एक्टिवेट किए गए होंगे। इन्हीं सिम से गुड्डू भी विजयवीर से बात कर रहा था। इससे साफ है कि मास्टरमाइंड काफी तेज है। फिलहाल पुलिस नंबरों की पूरी कॉल डिटेल आने का वेट कर रही है।

कांफ्रेंस के जरिए कई से संपर्क

अब तक की जांच में साफ हो गया है कि नकल का पूरा रैकेट अलीगढ़ से ही ऑपरेट हो रहा था। राजीव ही इस गैंग का मास्टरमाइंड है। राजीव ने बरेली के अलावा कई अन्य जगह भी जैकेट पहुंचायी होगी। इससे पहले जो गैंग पकड़े गए हैं उनमें देखने में आया है कि आंसर बताने वाले एक साथ कांफ्रेंस के जरिए कई लोगों से संपर्क में रहते हैं। इस मामले में भी कांफ्रेंस कालिंग की बात सामने आ रही है। हालांकि पुलिस पुराने गैंग के चलते मेरठ, रामपुर, मुरादाबाद और हरिद्वार से भी लिंक जोड़कर जांच कर रही है।