बरेली (ब्यूरो)। आम लोगों को तो छोडि़ए, साइबर ठग अब पुलिसकर्मियों को भी निशाना बनाने से नहीं चूक रहे हैं। बीते एक वर्ष में पुलिस महकमे में कार्यरत व रिटायर्ड कर्मचारी साइबरों ठगी का शिकार हो चुके हैं। चार अप्रैल को पुलिस लाइन स्थित परिवार परामर्श केंद्र में तैनात कांस्टेबल व एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही उनकी पुत्री भी ने साइबर ठगों के जाल में फंसकर करीब 80 हजार रुपए गंवा दिए। इससे पहले बीते वर्ष सुभाषनगर थाना क्षेत्र के एक रिटायर्ड हेड कांस्टेबल और पीलीभीत के एएसआई भी लाखों की रकम गंवा चुके हैं। लेकिन, किसी भी मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

बिजनेस का लालच देकर ठगी
केस-1
पुलिस लाइन स्थित परिवार परामर्श केंद्र में तैनात कांस्टेबल टेकचंद कटारिया ने बताया कि उनकी पुत्र्भी शिवांगी कटारिया यूक्रेन से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है। यूक्रेन में बिगड़ते हालात के बाद वह घर आ गई। बताया कि दो मार्च को उसकी पुत्र्भी ने सोशल मीडिया पर मिले एक लिंक पर ाोला तो उसमें पार्ट व फुल टाइम जॉब के बारे में लिखा था। साथ ही एक मोबाइल नंबर मिला, जिस परे कॉल की तो कॉल रिसीव करने वाले ने फोन पर ही बिजनेस कर कमाई करने की बात कही। पहले दिन कंपनी की ओर से 220 रुपये और दूसरे दिन 311 रुपए उसके खाते में ट्रांसफर भी किए गए। विश्वास होने पर उसकी पुत्र्भी ने चार अप्रैल को तीन हजार के प्रोडक्ट खरीदे तो कंपनी ने रकम होल्ड कर ली और टारगेट पूरा करने के बाद रकम वापस करने के बात कही। इसके बाद उनकी पुत्री ने दो बार में तीन-तीन हजार रुपए व उन्होंने दो बार अपने एकाउंट से नौ-नौ हजार व एक बार 45 हजार रुपए कंपनी के बताए एकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद भी उनकी रकम वापस नहीं की गई। जब उन्हें एहसास हुआ कि उनके साथ ठगी हो चुकी है। उन्होंने साइबर सेल में तहरीर दी है।

पहले पूछे ओटीपी, फिर निकाली रकम
केस-2
सु ााषनगर थाना क्षेत्र के एक रिटायर्ड हेड कांस्टेबल ने बीते वर्ष अपने मोबाइल फोन पर कोई एप डाउनलोड किया था। कुछ समय बाद उनके पास एक कॉल आई और उनके फोन पर आए ओटीपी की जानकारी की। उन्होंने उसे ओटीपी बता दिया। इसके बाद उनके फोन पर लगातार ओटीपी आते रहे और कॉल करने वाले साइबर ठग उन्हें झांसे में लेकर ओटीपी बताते गए। दूसरी ओर साइबर ठग उनके ााते से उनकी रकम उड़ाते रहे। सुबह जब उन्होंने अपने फोन पर एकाउंट से रकम निकाले जाने के मैसेज देखे तो उनके होश उड़ गए। साइबर ठगों ने उनके खाते से करीब पौने आठ लाख उड़ा दिए थे। इसके बाद उन्होंने साइबर क्राइम थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया। मामले की अ भी भी जांच चल रही है।

पेंशन ट्रेजरी के नाम पर ठगी
केस-3
पीली भीत निवासी एक रिटायर्ड एएसआई को भी बीते वर्ष साइबर ठगों ने ला ाों का चूना लगाया था। रिटायरमेंट के बाद उनके पास साइबर ठगों ने कॉल की और पेंशन ट्रेजरी का हवाला देकर उनके झांसे में ले लिया। इसके बाद साइबर ठगों ने उनके एकाउंट व आधार कार्ड आदि डॉक्यूमेंट की पूरी जानकारी लेकर उनके एकाउंट से एक लाख रुपए से ज्यादा उड़ा लिए। पीडि़त ने साइबर क्राइम थाने में तहरीर दी थी।

फैक्ट एंड फिगर
78,553 परिवार परामर्श केंद्र में तैनात कांस्टेबल ने गंवाए
7.75 लाख की सुभाषनगर थाना क्षेत्र के रिटायर्ड हेड कांस्टेबल से ठगी

वर्जन
एजुकेटेड लोग भी लालच, अज्ञानता और जिज्ञासा के चलते साइबर ठगी का शिकार हो रहे कें। सभी दर्ज मामलों की जांच चल रही है। 11 मामले निपटाए जा चुके हैं।
अनिल कुमार, साइबर क्राइम थाना प्रभारी