डेलाइट तक सिमटा DRM चेक

जंक्शन पर अवैध वेंडर्स और अनअप्रूव्ड पानी के कारोबार पर नकेल कसने में जब जंक्शन के जिम्मेदार नाकाम रहे तो डीआरएम मुरादाबाद से लेकर रेलवे बोर्ड तक को इस पर एक्शन लेना पड़ा। जंक्शन पर मजिस्ट्रेट की कार्रवाई और डीआरएम चेक में आई तेजी ने अवैध वेंडर्स के धंधे को काफी चोट पहुंचाई। लेकिन यह कवायद सिर्फ दिन के उजाले तक ही सीमित रही। रातों को किसी भी तरह की चेकिंग न होने से अवैध वेंडर्स ने प्लेटफॉम्र्स पर अपना कारोबार बरकरार रखा है। शाम 5 बजे के बाद ही प्लेटफॉर्म 2, 3 व 4 में अवैध वेंडर्स की एक्टिविटी तेज हो जाती है।

स्टोव पर चाय, कार में खाना

जंक्शन पर अवैध वेंडर्स के कारोबार की शुरुआत जीआरपी की नाक के नीचे से ही हो जाती है। प्लेटफॉर्म 1 पर जीआरपी थाना के कैंपस में ही अवैध वेंडर्स ने अपना ठिकाना बना रखा है। यहां पुलिस जीप की आड़ में रखे संदूक में कोयले की आंच में गर्म होती पैटीज का घर है तो कार के अंदर ढककर रखे पूड़ी-सŽजी का आशियाना भी। जिस पर कभी भी जीआरपी के जिम्मेदारों की नजर नहीं जाती। वहीं प्लेटफॉर्म 2, 3 व 4 पर बेंच के तले एलपीजी व केरेासिन स्टोव की आंच में पकती चाय और गर्म किया खाना पैसेंजर्स को तुरंत सर्व करने के लिए रेडी रहता है। रात में चेकिंग न होने और वर्दीवालों की सरपरस्ती हासिल होने से इन वेंडर्स के धंधा दिन में होने वाले नुकसान की भरपाई कर देता है।

लीगल वेंडर्स भी खेल में शामिल

जंक्शन पर अवैध वेंडर्स के इस खुले धंधे में बाहरी लोग ही नहीं बल्कि कुछ लीगल वेंडर्स भी शामिल हैं। प्लेटफॉर्म पर खाने का सामान बेच रहे एक अवैध वेंडर ने पूछताछ में बताया कि जंक्शन के ही कुछ लीगल वेंडर्स हर दिन मोटे कमीशन के बदले में उन्हें प्लेटफॉर्म पर अपना सामान बेचने की छूट दे देते हैं। साथ ही अपने स्टॉल पर बने सामान की सप्लाई भी करते हैं। दिन में 10-12 घंटे की एक शिफ्ट में इस गठजोड़ के बदले में उस लीगल वेंडर को 200 रुपए तक बतौर कमीशन देना पड़ता है। बदले में वह लीगल वेंडर आरपीएफ व रेलवे अफसरों से उसकी मौजूदगी छुपाए रखता है।

रीजेंसी का राज बरकरार

अवैध वेंडर्स के साथ ही अनअप्रूव्ड पानी के गोरखधंधे से भी जंक्शन को निजात नही मिल सकी है। जंक्शन पर बहुत बड़े स्तर पर लोकल बोतलबंद पानी बेचन का खेल जारी है। जंक्शन पर पूरी तरह बैन अनअप्रूव्ड पानी रीजेंसी की बिक्री तमाम कार्रवाईयों के बावजूद धड़ल्ले से जारी है। लगातार चल रही डीआरएम चेक के बावजूद जंक्शन से रीजेंसी पानी की जड़ों को खत्म नहीं किया जा सका। प्लेटफॉर्म 1 से लेकर 6 तक इस लोकल अनअप्रूव्ड पानी की बोतलें चोरी छिपे बेचे जाने की कवायद जोरों पर है।

आरपीएफ की पनाह में खेल

अवैध वेंडर्स पर नकेल कसने की जिम्मेदारी रेलवे की कॉमर्शियल टीम के साथ ही आरपीएफ पर भी है। डीआरएम चेक के दौरान चेकिंग टीम के साथ आरपीएफ भी अपनी चुस्ती दिखाती है। लेकिन सोर्सेज के मुताबिक कई अवैध वेंडर्स के रहनुमा खुद आरपीएफ के लोग हैं। जंक्शन पर पकड़े गए एक अवैध वेंडर ने माना कि वह आरपीएफ के थाने में सफाई का काम करता है। बदले में रात को प्लेटफॉर्म पर सामान बेचने पर उसे किसी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता। जंक्शन पर ऐसे ही करीब 700 से ज्यादा अवैध वेंडर्स एक्टिव हैं। जिनमें से कई पर रेलवे के ही ऑफिशियल्स का हाथ है।

'जंक्शन पर अवैध वेंडर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। दिन में काफी कंट्रोल किया गया है। रात में भी इन पर लगाम कसने को चेकिंग कराई जाएगी.'

- आदिल जिया सिद्दीकी, स्टेशन अधीक्षक