- परसाखेड़ा में बिवरेज कंपनी ने सड़क के नाम पर हड़प ली निगम की 16 बीघा जमीन

-पार्षद ने मेयर से की कंप्लेन, बिना बोर्ड-कार्यकारिणी की मंजूरी के दी गई जमीन

BAREILLY: अधिकारियों की लापरवाही और अदूरदर्शिता के चलते एक बार फिर नगर निगम की करोड़ों की जमीन पर अवैध कब्जा हो गया है। परसाखेड़ा इंडस्ट्रियल एरिया में एक बिवरेज कंपनी ने सड़क बनाने के नाम पर निगम की करीब 16 बीघा जमीन हथिया ली है। जिसकी कीमत करोड़ों में बताई जा रही। हैरत की बात यह है कि कंपनी को सड़क बनाने की परमिशन निगम ने ही दी। लेकिन सड़क की आड़ में कंपनी की ओर से जमीन हथिया लिए जाने के दो साल बाद भी अधिकारी मामले में चुप्पी साधे बैठे हैं। नदौसी के पार्षद सुखदीश कुमार कश्यप ने पूरे मामले की शिकायत एक बार फिर मेयर डॉ। आईएस तोमर से की है।

पहले भी न हुई सुनवाई

पार्षद ने मेयर को लिखे शिकायती लेटर में बताया कि परसाखेड़ा फैक्ट्री एरिया में निगम की बंजर जमीन गाटा संख्या 321, 322, 323, 325, 344 व 375 है। पार्षद ने आरोप लगाए हैं कि, कावेरी एक्वा प्राइवेट लिमिटेड ने 19 दिसंबर 2013 को निगम से यहां अपने खर्च पर 20 फीट सड़क बनाने और इसे पब्लिक यूज के लिए उपयोगी होने का हवाला दिया। लेकिन कंपनी ने सिर्फ अपनी फैक्ट्री तक ही सड़क बनाई और कोई आम रास्ता नहीं बनाया। कंपनी ने सड़क निर्माण के नाम पर नगर आयुक्त से 24 दिसंबर 2013 को प्रस्ताव पास कराकर 16 बीघा जमीन पर तीन बड़े गेट बना कब्जा कर लिया। दो साल पहले मामले की शिकायत के बावजूद निगम की ओर से कब्जा नहीं हटाया गया।

नाला सफाई के नाम पर खेल

आरोप हैं कि जमीन पर कब्जा करने के लिए कंपनी ने परसाखेड़ा इंडस्ट्रियल एरिया का नाला साफ न होने और जलभराव से दिक्कत होने का हवाला दिया। कंपनी ने इससे इंडस्ट्रीज को नुकसान होने की बात कही। साथ ही पेट्रोल पंप से लेकर रेलवे लाइन तक नाला साफ न होने के पीछे सड़क न होने की वजह बताई। जिससे नाला सफाई के लिए जेसीबी व अन्य मशीनें नाले तक नहीं पहुंच पाती। कंपनी ने नाला सफाई के लिए अपनी व निगम की जमीन पर 20 फीट सड़क बनाने और इसका मालिकाना हक निगम को होने की बात कही। जिसका फायदा आम लोग भी उठा सकेंगे। जबकि प्रस्ताव पास होने के बाद कंपनी ने सिर्फ निगम की जमीन पर ही सड़क बनाई और उसे भी खुद के कब्जे में रखा।

आरटीआई में भी छुपाइर् जानकारी

पार्षद सुखदीश कुमार ने पहले 2013 में मामले की शिकायत मेयर से की। जिस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसके बाद कंपनी को जमीन दिए जाने पर अवैध कब्जा होने का हवाला देकर पार्षद ने कार्यकारिणी में प्रस्ताव रखा और जमीन न दिए जाने की मांग की। इस पर अधिकारियों ने कोई सुनवाई नहीं की। इसके बाद पार्षद ने 29 जनवरी 2015 को मेयर से एक बार फिर अवैध कब्जे की शिकायत की। लेकिन इस बार भी निगम की ओर से अपनी ही जमीन पर अवैध कब्जा नहीं हटाया गया। इसके एक साल बाद पार्षद ने 1 जनवरी 2016 को आरटीआई के जरिए निजी कंपनी को जमीन दिए जाने के मामले में 7 बिन्दुओं पर निगम से जानकारी मांगी। लेकिन महीने भर बाद भी पार्षद को जरूरी जानकारी नहीं दी गई।

परसाखेड़ा में निजी कंपनी को सड़क बनाने के लिए जगह दी गई। कंपनी के खिलाफ जमीन पर अवैध कब्जे की पार्षद ने कंप्लेन की है। मामले की पूरी जांच पड़ताल कराई जाएगी। आरोप सही हुए तो प्रस्ताव रद कर जमीन वापस ली जाएगी। - डॉ। आईएस तोमर, मेयर