-दारोगा से अभद्रता प्रकरण व चुनाव पूर्व संध्या पर ईंध जागीर में हुए बवाल के आरोपी मिल नहीं रहे या हाथ डालने से कतरा रही है पुलिस

-दारोगा से अभद्रता करने व ईंध जागीर बवाल के फरार आरोपियों के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई के लिए न्यायालय जाएगी पुलिस

नवाबगंज : थाना परिसर में दारोगा के साथ सपा नेताओं के अभद्रता करने के मामले में पुलिस कानूनी कार्रवाई तो करती नजर आ रही है। लेकिन आरोपी सपा नेताओं पर हाथ डालने से भी कतराती नजर आ रही है। दारोगा की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बाद पहले मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। इसके बाद आई नेक्स्ट में खबर छपने के बाद कप्तान के आदेश पर आरोपियों की धरपकड़ को दबिश भी दी। इसके बावजूद कोई भी पुलिस के हत्थे नही चढ़ा। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी न्यायालय से जारी करा लिए। फिर भी पुलिस किसी को हिरासत में नहीं ले सकी। वही प्रधानी चुनाव के दौरान प्रधानपति व नगर पालिका नवाबगंज के बड़े बाबू के बीच हुए बवाल के आरोपियों को गिरफ्त में लेने की जगह कानूनी प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए अब पुलिस दोनों मामलों के फरार अभियुक्तों के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई के लिए न्यायालय जाने की तैयारी में है।

दारोगा से की थी अभद्रता

27 अक्टूबर को सपा नेता डॉ। विजय पाल थाने आकर दारोगा अमर पाल पर थाने पर बैठे लूट व मारपीट के आरोपी के भाई ओमप्रकाश को छोड़ने का दबाव बनाने लगे। दारोगा के न मानने पर उक्त सपा नेता ने अपने साथियों ओमप्रकाश, धर्मेन्द्र, प्रमोद, महेश, हर प्रसाद, अनिल कुमार, यशपाल निवासी धौरेरा, सरकार हैदर निवासी सतुइया कला, रविन्द्र गंगवार इनायतपुर, छेदालाल लावाखेड़ा बद्रीप्रसाद व मुन्ना लाल विशनपुर को थाने बुला लिया। सभी के आने के बाद सपा नेता ने थाने पर जमकर हंगामा किया और दरोगा के साथ अभद्रता की। मामला आलाधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने दारोगा की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया। इसके साथ ही दारोगा का तबादला भी कर दिया। दूसरी घटना प्रधानी चुनाव की पूर्व संध्या पर नवाबगंज थाने के गांव ईंध जागीर में हुई थी। यहां निवर्तमान प्रधानपति अनीस व वर्तमान प्रधानपति नगर पालिका के बड़े बाबू के बीच मारपीट के साथ ही फायरिंग हुई थी।

आखिर किसकी माने पुलिस

थाना पुलिस इन मामलों को लेकर दुविधा में है। दोनों ही मामलों में पुलिस के सामने एक ओर कुआं और दूसरी ओर खाई जैसे हालात हो गए हैं। दरअसल पुलिस फरार आरोपियों पर हाथ डालने को लेकर दोराहे पर आकर खड़ी हो गई है। दोनों ही मामलों में सत्ता पक्ष के नेता आरोपी हैं। इसके कारण सत्ताधारी नेताओं का दबाव होने के कारण थाना पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही। वहीं दूसरी ओर विभागीय अधिकारी आरोपियों की धरपकड़ को कह रहे हैं।

दोनों ही मामलों के आरोपियों की अरेस्टिंग के लिए कई बार दबिश दी गई। फरार आरोपियों की अरेस्टिंग न होने पर कुर्की की कार्रवाई के लिए कोर्ट से आदेश कराने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

मुकेश कुमार , एसएसआई नवाबगंज