-जंक्शन पर प्रसूता के इलाज को 15 मिनट रुकी कर्मभूमि एक्सप्रेस

-एक घंटे इलाज को तड़पती रही प्रसूता, आर्मी जवानों ने पहुंचाया फीमेल हॉस्पिटल

BAREILLY: एक ओर रेल मिनिस्टर सुरेश प्रभु एक ट्वीट पर ट्रेनों में मुसाफिरों के भूखे बच्चों के लिए दूध तक मुहैया करा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर प्रभु की रेलवे चलती ट्रेन में एक महिला की डिलिवरी होने की जानकारी के दो घंटे बाद तक जच्चा-बच्चा को जरूरी मेडिकल सुविधा नहीं दे पा रही। शर्मनाक है, लेकिन सच है। फ्राइडे रात जालंधर से गोरखपुर जा रही कर्मभूमि एक्सप्रेस के जनरल कोच में एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया। स्टॉपेज न होने के बावजूद ट्रेन को बरेली जंक्शन पर रोका गया। जिससे प्रसूता व नवजात को इलाज दिया जा सके। लेकिन आरपीएफ, रेलवे हॉस्पिटल, 108 एम्बुलेंस और जंक्शन पर रेलवे की घोर अव्यवस्था और संवेदनहीनता के चलते प्रसूता को घंटे भर तक इलाज नहीं मिला।

फिर देरी से आए रेलवे डॉक्टर

जालंधर में बैट्री का काम करने वाले गुड्डू कुमार अपनी प्रेग्नेंट वाइफ अनीता व मां-बहन संग ट्रेन के जनरल कोच में गोरखपुर घर जा रहा था। मुरादाबाद स्टेशन से छूटने के कुछ देर बाद ही प्रसूता को डिलिवरी हो गई। साथ बैठे मुसाफिरों ने टीटीई के जरिए कंट्रोल रूम में सूचना दी। जंक्शन पर सूचना के बावजूद रेलवे डॉक्टर डॉ। वेदप्रकाश व आरपीएफ मौके पर नहीं पहुंची। प्रसूता को इलाज मिलने तक नॉन स्टॉप ट्रेन को 15 मिनट से ज्यादा देर तक रोका गया। 15 मिनट बाद रेलवे डॉक्टर पहुंचे और जच्चा बच्चा को फीमेल हॉस्पिटल रेफर कर दिया।

एम्बुलेंस नहीं आई, ऑटाे में भेजा

आरपीएफ की ओर से पहुंचे इकलौते जवान ने 108 इमरजेंसी एम्बुलेंस को कॉल किया। लेकिन एरिया को लेकर एम्बुलेंस में तकरार होती रही और अगले 50 मिनट तक प्रसूता तक नहीं पहुंची। जंक्शन पर रेलवे की ओर से मुहैया स्ट्रेचर व व्हीलचेयर का भी इंतजाम नहीं हुआ। लाचार प्रसूता की हालत देख आर्मी में नायक भुजबल विजय और जवान लक्ष्मी राव ने ऑटो बुलाकर प्रसूता की मदद की। जवान खुद प्रसूता को ऑटो में लेकर फीमेल हॉस्पिटल पहुंचा।