एक्सक्लुसिव न्यूज

- पुरानी दुकानों को पूर्व के ठेकेदार खाली करने को नहीं राजी, भटक रहे नए ठेकेदार

- आबकारी विभाग ने झाड़ा पल्ला कहा लाइसेंस लेते समय अनुज्ञापी ने सौंपा है एफिडेविट

BAREILLY:

शराब का ठेकेदार बनने को उत्साहित शहरवासियों ने बढ़चढ़कर आवेदन किए। ई-लॉटरी में नाम देख नए ठेकेदारों पर सुरूर सा चढ़ गया। लेकिन अब यह खुमारी शराब बेचने के दिन नजदीक आते देख काफूर होती दिख रही है। वजह है शराब के बेचने के लिए दुकान ही नहीं मिल रही। ई-लॉटरी से ठेकेदारी का लाइसेंस लेकर अनुज्ञापी आबकारी विभाग और जिस क्षेत्र में शराब बेचने का आवंटन मिला है, वहां भटकने को मजबूर है। आखिर कैसे गायब हो गई चेहरे की दमकती रौनक, पढि़ए

'हमें किराए से है मतलब'

शराब बेचने के लिए दुकान ढूंढ़ रहे एक लाइसेंस धारक ने नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर बताया कि कुछ दिन पहले वह जिस एरिया के लिए ओवदन किया था वहां पहुंचा। वहां पुराने आवंटी की दुकान चल रही थी। दुकान के मालिक से 1 अप्रैल से दुकान मांगी तो उसने कहा कि वर्तमान में चल रही दुकान के ठेकेदार के मुताबिक ही आवंटित करने की बात कही। मनाने की तमाम कोशिशों के बाद ही दुकान का मालिक नहीं माना। कहा कि वर्तमान में दुकान का जो किराया दे रहा है वह किराया देना बंद कर दे तो दुकान नए सिरे से किराए पर उठाई जाएगी।

खाली करने को तैयार नहीं

किराए पर चल रही शराब की दुकानों को पुराने ठेकेदार खाली करने को तैयार नहीं। वह वहां शराब बेचने के बजाय अन्य सामान बेचने की बात कह रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक नए ठेकेदारों को अगर शराब बेचने की दुकान नहीं मिली तो वह मजबूरन पुराने ठेकेदारों के साथ सौदा करेंगे। क्योंकि नई दुकान को ढूंढ़ना बेहद कठिन काम है। नए ठेकेदारों को संबंधित एरिया में नई दुकान ढूंढ़नी होगी जो आबकारी नियमों की शर्तो पर खरी उतरे। उसके बाद दुकान निजी हो या किराए की उसके डॉक्युमेंट, किरायानामा आबकारी विभाग में देना होगा। जिसका वैरीफिकेशन के बाद दुकान अलॉट होगी।

तो कहां बेचेंगे शराब?

पुराने दुकानदार आबकारी विभाग से वैरीफाई दुकान छोड़ने को तैयार नहीं। वहीं, नई दुकान ढूंढ़ना, उसे वैरीफाई कराना और 'ओके' रिपोर्ट हासिल करना टेढ़ी खीर है। सूत्रों के मुताबिक आबकारी विभाग के कॉन्स्टेबल नए ठेकेदारों को पुरानी दुकान आवंटित कराने का ठेका भी ले रहे हैं। जिसके बदले वह अच्छी खासी रकम मांग रहे हैं। साथ ही, लाइसेंस होने के बाद भी दुकान न मिलने पर दुकान निरस्त होने या भारी जुर्माना लगाने की बात भी कह रहे हैं। वहीं, खुले में शराब बेचें तो आबकारी विभाग की कार्रवाई और खुराफातियों से बवाल होने की संभावना है। ऐसे में सवाल उठता है कि नए ठेकेदार शराब बेंचे तो कहां।

शराब की दुकान खोलने के नियम

- स्कूल, कॉलेज, रिहायशी इलाके से 100 मीटर की दूरी

- हाइवे से 2 सौ मीटर दूरी, हाइवे की ओर न खुले दुकान

- मुख्य मार्ग पर शराब की दुकान का नहीं लग सकता बोर्ड

- धार्मिक स्थल से 2 सौ मीटर दूर, 5 सौ मीटर की संस्तुति

- सुबह 10 से रात 11 बजे तक ही खुल सकती है दुकान

- ग्रामीण इलाकों में ग्रामीणों की संस्तुति पर खुलेगी दुकान

एक नजर में

- 5 हजार आवेदन, 371 आवंटित

- 371 पुरुष, 96 महिला 'ठेकेदार'

दुकानें, जिन पर हुए आवेदन

- 312 देसी शराब

- 9 मॉडल शॉप

- 81 विदेशी मदिरा

- 65 बियर

नोट- देसी शराब की अभी 67 दुकानों पर नहीं हुए आवेदन।

शराब के नए अनुज्ञापी हैं उन्हें खुद से दुकान खोजनी पड़ेगी। पूर्व में जहां शराब बिक रही थी वह दुकान मालिक के विवेक पर है वह दुकान दे या न दे। अनुज्ञापी जहां शराब बेचेंगे उसका किरायानामा या मालिकाना हक आबकारी विभाग में देंगे। वैरीफिकेशन के बाद ही वह शराब बेच सकेंगे। आवेदन के दौरान अनुज्ञापी ने एफिडेविट सौंपा है।

शिव हरि मिश्र, उपायुक्त, आबकारी विभाग बरेली