-लाखों रुपए की लागत से बने पब्लिक टॉयलेट पर लटका रहता है ताला

10 पिंक टॉयलेट शहर में हैं

25 कम्युनिटी टॉयलेट का हो चुका है निर्माण

बरेली: स्वच्छ भारत मिशन के तहत महिलाओं की सुविधा, सामाजिक सुरक्षा और सम्मान को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने पिंक वुमन पब्लिक टॉयलेट बनवाये थे। बरेली शहर में कई जगह पिंक टॉयलेट बने हुए हैं, लेकिन ज्यादातर टॉयलेट में लॉक लगा हुआ है, और जो खुले हुए हैं उनकी सफाई भी नहीं हो रही है। नगर निगम ने अपनी मनमानी के चलते प्रदेश सरकार की योजनाओं पर पानी फेर दिया। बरेली को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए नगर निगम तरह तरह की योजनाओं पर प्रस्ताव करता है लेकिन अपनी पुरानी योजनाओं को भूल जाता है, और पब्लिक को परेशानी को सामना करना पड़ता है।

कब मिलेगी महिलाओं को सुविधा

नगर निगम द्वारा बनवाए गए पिंक टॉयलेट आखिर कब खोले जाएंगें। शहर की महिलाओं की सुविधा के लिए बनाए गए पिंक टॉयलेट पर नगर निगम ने अपना लॉक लगा दिया है। और जो खुले हुए है उनमें गंदगी भरी पड़ी हुई है। केयर टेकर रूम कर्मचारी भी तैनात नहीं है।

सीन-1 सदर तहसील के सामने

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम 11: 45 बजे सदर तहसील के सामने पहुंची। यहां महिलाओं के लिए बनाए गए पिंक टॉयलेट पर नगर निगम ने लॉक लगा रखा है। साथ ही केयर टेकर रूम में भी लॉक लगा हुआ था।

सीन-2 अयूब खां चौराहा

टाइम दोपहर 12:20 बजे अयूब खां चौराहा पर बने पिंक टॉयलेट पर लॉक लगा हुआ था। पिंक टॉयलेट के बराबर में केयर टेकर रूम में भी लॉक लगा था।

सीन-3 इन्दिरा मार्केट

टाइम दोपहर 12:40 बजे इन्दिरा मार्केट में बना पिंक टॉयलेट तो खुला हुआ था। लेकिन उसमें इतनी गंदगी थी दुर्गध के चलते इस रोड से निकल रहे लोगों का सांस लेना तक मुश्किल था। यहां भी केयर टेकर रूम में ताला पड़ा हुआ था।

सीन- 4 बीसलपुर चौराहा

दोपहर 1:35 बजे बीसलपुर चौराहा यहां पर टीम पहुंची। यहां बने कम्युनिटी टॉयलेट पर भी ताला लगा हुआ था। इस टॉयलेट का इनोग्रेशन जनवरी में हुआ था। इसके बाद से यहां ज्यादातर ताला लगा रहता है।

लोगों की बात

बीसलपुर चौराहा पर टॉयलेट बना देख कर मैं यहां पर टॉयलेट करने आया था। लेकिन यहां पर तो कोई कर्मचारी है न ही सामुदायिक शौचालय खुला हुआ है। ऐसे शौचालय से क्या फायदा जिसका उपयोग ही न हो।

- अब्दुल करीम

शहर में पिंक टॉयलेट बने हुए हैं लेकिन जब उन पर ताला लगा रहेगा तो महिलाओें को कैसे सुविधा मिल पायेगाी।

दीक्षा सक्सेना