: नगर निगम की टीम अचानक मंदिर में घुसी, किसी की न सुनी, बैंक्वेट हॉल सील किया

-मंदिर कमेटी के लोगों से अभद्रता की, विरोध में एक घंटे तक मचा हंगामा

-डॉ। उमेश गौतम और शहर विधायक डॉ। अरुण कुमार पहुंचे, लोगों को समझाया

-निगम की टीम को रोका, कर निर्धारण अधिकारी से माफी मंगवाई, सील खुलवाई, तब शांत हुआ मामला

बरेली : नगर निगम ने ट्यूजडे को शहर के बड़े बकायेदारों की लिस्ट में शामिल श्री बांके बिहारी मंदिर के पिछले हिस्से में बना बैंक्वेट हॉल सील कर दिया। जिस रसोई में भगवान का भोग बनता था, उसे भी बंद कर दिया। इस वजह से प्रसाद नहीं बन सका।

बिना किसी सूचना अचानक हुए इस एक्शन से नाराज मंदिर कमेटी और पंजाबी महासभा के सदस्यों ने हंगामा खड़ा कर दिया। कार्रवाई के दौरान इन लोगों ने निगम की टीम पर अभद्रता करने का आरोप भी लगाया। करीब एक घंटे तक जोरदार हंगामे की सूचना पर मेयर डॉ। उमेश गौतम और शहर विधायक डॉ। अरुण कुमार पहुंचे। उन्होंने दोनों पक्षों को शांत कराया।

हालांकि इसके बाद भी मंदिर कमेटी के लोग शांत नहीं हुए और सील खोलने पर अड़ गए। मेयर के हस्तक्षेप के बाद नगर निगम की टीम ने लोगों से माफी मांगनी पड़ी और फिर बैंक्वेट हॉल की सील खोल दी गई।

क्या है पूरा केस

शहर के वार्ड-23 में इंद्रा नगर क्षेत्र स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर के पीछे वाले हिस्से में गरीब और असहायों के लिए धर्मशाला और बैंक्वेट हॉल है। यहां बिना किसी खास फीस के शादियां होती हैं। ट्यूजडे की दोपहर 12 बजे निगम के रिटायर फौजियों की टीम ने मंदिर पहुंचकर बकाया टैक्स का तर्क देकर जबरन मंदिर का पीछे वाला हिस्सा सील कर दिया। मामले की जानकारी जैसे ही मंदिर कमेटी को मिली, उसके लोग मौके पर आ गए और निगम टीम की कार्रवाई का विरोध करने लगे। लेकिन टीम ने किसी की एक न सुनी। धार्मिक स्थल सील करने की सूचना पर पंजाबी महासभा, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और कार्रवाई की निंदा की।

निगम को सालों बाद आई टैक्स वसूली की याद

बांके बिहारी मंदिर में सालों पहले बैंक्वेट हॉल बनाया गया था। लेकिन निगम को अब टैक्स वसूली की याद आई। जबकि क्षेत्रीय पार्षद ने निगम में पत्र देकर मंदिर में चल रहे बैंक्वेट हॉल की स्वीकृति की जानकारी दे दी थी। निगम के मुताबिक मंदिर पर 60 लाख का टैक्स बकाया है।

अरे, रसोई तो खोलो भगवान का भोग लगाना है

जब निगम की टीम मंदिर कमेटी को बिना बताए पीछे वाला हिस्सा सील कर रही थी, तो कमेटी के लोग उनसे कह रहे थे कि यहां रसोई में भगवान को भोग लगाने के लिए प्रसाद बनता है, जिसका समय हो गया है। रसोई तो खोल दो, लेकिन टीम ने उनकी एक न सुनी।

टैक्स ले लो, लेकिन गलत मत बोलो

मंदिर कमेटी के अध्यक्ष जेसी भाटिया ने निगम की टीम से कहा कि जो भी टैक्स है, ले लो। लेकिन निगम की टीम नहीं मानी और जबरन सील लगा दिया। यहां विरोध कर रहीं महिलाओं से अभद्रता भी की गई।

मेयर के आदेश पर मांगी माफी

पहले तो निगम की टीम ने बिना सूचना के मंदिर का पिछला हिस्सा सील कर दिया, लेकिन जब तीखा विरोध हुआ, तो निगम की टीम ठिठक गई। मौके पर पहुंचे मेयर ने कर निर्धारण अधिकारी ललतेश सक्सेना को माफी मांगने का आदेश दिया। कर अधिकारी ने लोगों से माफी मांगी और सील को खुलवाया।

क्या कहना है कमेटी अध्यक्ष का

टीम की ओर से विरोध कर रहे लोगों से काफी अभद्रता की गई। धर्मशाला के पास रसोई को भी सील कर दिया, जिससे भगवान को भोग नहीं लग सका। निगम की इस कार्रवाई की हर कोई निंदा कर रहा है। संबंधित टीम प्रभारी कर कार्रवाई की जानी चाहिए।

जेसी भाटिया, अध्यक्ष, श्री बांके बिहारी मंदिर कमेटी।

टैक्स बकाया के कारण टीम ने कार्रवाई की, चूंकि मामला धार्मिक स्थल से जुड़ा था, तो पहले निगम में इस बात पर चर्चा करनी चाहिए थी। वही जो अधिकारी टीम का नेतृत्व कर रहे थे, उनका ट्रांसफर तीन माह पहले ही हो गया है। इसके बाद भी वह कार्रवाई करने कैसे पहुंच गए? शासन को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है।

डॉ। उमेश गौतम, मेयर।