-पुलिस 4 दिन से हिरासत में लेकर राजेश मौर्या से कर रही है पूछताछ

BAREILLY: गंगा इंफ्रासिटी कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर यानि महाठग राजेश मौर्या से पुलिस 4 दिन बाद भी यह नहीं पता कर सकी है कि ठगी कितने करोड़ की हुई है। पुलिस दो दिन से सिर्फ रिकॉर्ड मिलाने में लगी हुई है। ट्यूजडे को भी 8 निवेशकों को बुलाकर रिकॉर्ड का मिलान किया गया। अभी तक सीए के पास भी रिकॉर्ड नहीं पहुंचा है, जिससे आंकलन हो सके कि कितनी का बिजनेस राजेश मौर्या ने फैला रखा था, उसपर कितने निवेशकों की कितनी देनदारी बाकी थी। अभी पुलिस दो दिन और पूछताछ की बात कह रही है और उसके बाद राजेश मौर्या की गिरफ्तारी दिखाकर उसे जेल भेज दिया जाएगा। वहीं अब निवेशक भी पूरी तरह से खामोश हो गए हैं। जबकि जब तक राजेश मौर्या गिरफ्तार नहीं हुआ था, तब तक जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहा था।

4 दिन से नहीं कबूलवा पा रही पुलिस

बता दें कि गंगा इंफ्रासिटी कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर पर 300 करोड़ की ठगी का आरोप लगा है। करीब डेढ़ सौ निवेशक पुलिस से इसकी शिकायत कर चुके हैं और चार एफआईआर दर्ज हैं। पुलिस ने राजेश को 4 दिन पहले गाजियाबाद से हिरासत में लिया था। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने इसका सबसे पहले खुलासा किया था। उसके बाद पुलिस ने दो दिन उसके बरेली स्थित ऑफिस से डॉक्यूमेंट जब्त किए थे। पुलिस ने उसके बताने के अनुसार कुशीनगर स्थित घर से डॉक्यूमेंट भी जब्त किए थे। पुलिस ने उसके घर से 711 निवेशकों की रसीदें भी बरामद की थीं, लेकिन उसने कितने की ठगी की इसका पता अभी तक नहीं चला है। अभी तक पुलिस राजेश के 18 बैंक अकाउंट का पता लगा सकी है, जिनमें करीब 9 लाख रुपए जमा है। पुलिस इन खातों को पहले ही सीज करा चुकी है। इसके अलावा पुलिस उसके पास से करीब 2 लाख रुपए ही बरामद कर सकी है।

रजिस्ट्री आफिस ने मांगा दो दिन का समय

क्राइम ब्रांच की मानें तो उन्होंने रजिस्ट्री आफिस से गंगा इंफ्रा के नाम पर हुई रजिस्ट्रियों की संख्या पूछी है। इस बारे में रजिस्ट्री आफिस ने दो दिन का समय मांगा। दो दिन बाद पता चल सकेगा कि राजेश ने कितने लोगों को रजिस्ट्री की है। पुलिस उसके पास से बरामद रजिस्ट्री के कागजों का भी मिलान कर रही है।