- गोद लिये गए गांवों के निरीक्षण की रिपोर्ट मोबाइल एप से होगी अपलोड
- अंडरटेकिंग से नहीं अधिकारी को निरीक्षण स्थल से भेजनी होगी सेल्फी
<- गोद लिये गए गांवों के निरीक्षण की रिपोर्ट मोबाइल एप से होगी अपलोड
- अंडरटेकिंग से नहीं अधिकारी को निरीक्षण स्थल से भेजनी होगी सेल्फी
BAREILLY:
BAREILLY:
अधिकारियों की लापरवाही के चलते बढ़ रहे कुपोषण पर लगाम लगाने के लिए शासन ने एक एप जारी किया है। अब इस एप के जरिए सरकार अधिकारियों की मॉनीटरिंग करेगी कि वह कुपोषण कम करने के लिए क्या कर रहे हैं। अधिकारियों को अब स्पॉट पर जाकर अपने वर्क की सेल्फी लेनी पड़ेगी। इससे शासन को उनके लोकेशन का पता चल जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि इससे अधिकारी वर्क करेंगे और पोषण मिशन का लक्ष्य भी पूरा हो सकेगा।
गोद लिए गए गांवों से शुभारंभ
राज्य पोषण मिशन के तहत डेवलप किया गए 'एप' का यूज पहले उन गांवों कुपोषण के लिए होगा। जिस गांवों को अधिकारियों ने गोद लिया है। मालूम हो कि जिले में जिलास्तरीय, मंडलस्तरीय, जनप्रतिनिधियों ने तकरीबन सौ गांव गोद लिए गए हैं, लेकिन इन गांवों में भी कुपोषितों की संख्या कम नहीं है। शासन को यह भी बखूबी पता है कि अधिकारी अपने गांव में ताकने भी नहीं जाते हैं। अंडरटेकिंग कर्मचारी को भेजकर रिपोर्ट भरकर शासन को प्रेषित कर देते हैं। जिससे कुपोषण को रोकने की शासन की मंशा पूरी नहीं हो पा रही है।
खींचनी होगी सेल्फी
जिला कार्यक्रम अधिकारी बुद्धि मिश्रा ने बताया कि एप के जरिए अधिकारियों को गांव में पहुंचना अनिवार्य होगा। एप में लोकेशन ट्रेस होगी। ऑन स्पॉट सेल्फी क्लिक कर एप पर सेंड करनी होगी। नेटवर्कलेस प्लेसेज पर डाटा सेंड हो जाएगा। जो बाद में लोकेशन को ट्रेस कर वेबसाइट पर अपलोड करेगा। बगैर सेल्फी क्लिक किए मूवमेंट की रिपोर्ट अपलोड नहीं होगी। योजना के सफल होने पर इसे सीडीपीओ को उपयोग करने के निर्देश दिए जाएंगे। साथ ही सुपरवाइजर और आंगनबाड़ी कार्यकत्री को भी एप से कनेक्ट किया जाएगा। एप में अधिकारी की डिटेल और संबंधित गांव का लॉग इन रहेगा। जिसे ओपन करने के बाद सेल्फी ऑप्शन क्लिक करना होगा।
कुपोषण एक नजर में
- 80000 से ज्यादा कुपोषित बच्चे
- ख्क्000 से ज्यादा अतिकुपोषित
-म्0000 से ज्यादा अल्पकुपोषित
-ख्म्000 लास्ट ईयर मिले अतिकुपोषित।
कैसे काम करेगा एप
-अधिकारी अधीनस्थ कर्मचारी को भेजकर बनाते थे रिपोर्ट।
- अधिकारियों को गांवों तक पहुंचाने के लिए शासन ने बनाया एप।
- 'यूपीएसएनएम' वेबसाइट से क्लाउड एप करना होगा डाउनलोड।
- ऑन स्पॉट पहुंचकर सेल्फी क्लिक कर एप पर करेंगे अपलोड।
- जिन गांवों में सुधार आएगा उन्हें डीएम सौंपेंगे प्रशस्ति पत्र।
- एप के साथ छेड़छाड़ करने पर शासन स्तर से होगी कार्रवाई।