-अलीगंज के सत्तार नगर के राम आसरे मिश्रा की बेटी मार्च 2006 में खेत पर जाते वक्त हो गई थी लापता

-बेटी को बेटे की तरह थे मानते, तीन भाइयों को भी बहन के वापस लौटने का इंतजार

BAREILLY: तीन भाइयों में इकलौती बहन को मां-बाप भी प्यार से दुलारते थे। उसे कभी बेटी नहीं बल्कि हमेशा बेटों जैसा ही प्यार किया। पिता की सबसे अधिक लाडली होने की वजह से पिता उसकी हर ख्वाहिश को पूरी करते थे। एक दिन मार्च 2006 को शाम के समय पिता बच्चों को घर पर छोड़कर खेत पर गये थे। घर पर बच्चों के साथ मां भी थी, अचानक शाम के समय पिता की लाडली बेटी कहां गुम हो गई। पिता ने परिजनों के साथ काफी तलाशा, लेकिन बेटी का कोई सुराग नहीं लगा। परेशान होकर मां-बाप घर बैठ गए और अब पिता की आंख की रौशनी भी चली गई है ।

तीन भाइयों की लाडली थी

अलीगंज थाना के गांव सत्तार नगर सत्तार निवासी राम आसरे मिश्रा के तीन बेटे और एक बेटी हैं। वह पत्‍‌नी मुन्नी देवी के साथ गांव में रहकर खेती करते थे। राम आसरे ने बताया कि वह किसानी कर परिवार को पालते हैं। वर्ष 2006 के मार्च माह में जब वह खेत पर फसल देखने के लिए शाम को गए थे। जब वह शाम को घर आए तो उन्हें 14 वर्षीय बेटी किरण नहीं दिखी। बेटी भाइयों से छोटी थी। जब बेटी घर में नहीं दिखी तो राम आसरे ने पत्‍‌नी मुन्नी से बेटी के बारे में पूछा। जब पड़ोस में पूछने पर भी कोई सुराग नहीं लगा तो परिजनों के होश उड़ गए और उन्होंने रिश्तेदारी में तलाश की।

परिवार को ही पुलिस ने धमकाया

गुमशुदा बेटी के पिता राम आसरे काफी परेशान थे। बेटी गुम होने के बाद वह उसकी तलाश के लिए बार-बार थाने के चक्कर लगा रहे थे और बेटी के बारे में जानकारी पूछते थे, जिस पर पुलिस ने उल्टा रामा आसरे मिश्रा और उनकी पत्‍‌नी मुन्नी देवी को जेल भेजने की धमकी दे डाली। पुलिस के एक दारोगा ने कहा कि पहले बेटी छिपा लेते हो, फिर गुमशुदगी दर्ज कराते हो, तो पुलिस कहां से ढूंढेगी । पुलिस की धमकी से परेशान मजबूर होकर बेटी का पिता आंसू बहाता रहा। बीमार हो गए राम आसरे ने बताया कि उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है और उसकी आंखों की रौशनी चली गई है।