- 26 दिन पहले शुरू किया गया था कैंपेन

- जगह-जगह लगाए गए बूथ और होर्डिंग व बैनर, पब्लिक नहीं ले रही इंट्रेस्ट

बरेली : अपने शहर की छवि साफ करने के मूड में बरेलियंस नजर नहीं आ रहे हैं। जी हां स्वच्छ सर्वेक्षण के अंतर्गत स्वच्छता एप डाउनलोडिंग में लोग रुचि नहीं ले रहे हैं या फिर यह भी कह सकते हैं कि नगर निगम लोगों को ऐसा करने के लिए अवेयर नहीं कर रहा है, जिस कारण लोग इस ओर ध्यान नही दे रहे हैं।

केनोपी लगा दी, जिम्मेदार लापता

यहां स्वच्छ सर्वेक्षण में अव्वल आने के लिए नगर निगम जो कोशिशें कर रहा है उसके प्रयासों को खुद उसके ही अफसर पलीता लगा रहे हैं। यहां लोगों को फीडबैक देने के लिए जगह-जगह केनोपी लगाई गई है यहां जिस भी कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई है वह यहां से नदारद रहता है। थर्सडे को गांधी उद्यान के पास कैनोपी तो लगी थी, लेकिन कुर्सी खाली देखकर कई लोग वापस लौट गए।

आबादी 12 लाख, एप डाउनलोडिंग 10 हजार

निगम से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार अब तक सिर्फ 10 हजार लोगों ने ही स्वच्छता एप डाउनलोड किया है। वहीं शहर की टोटल आबादी करीब 12 लाख है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोग एप डाउनलोडिंग में इंट्रेस्ट कम ही ले रहे हैं।

26 दिन, फीडबैक 85 हजार

स्वच्छ सर्वेक्षण को शुरू हुए 26 दिन का समय बीत गया है लेकिन अभी तक महज 85 हजार लोगों ने ही अपना फीडबैक दिया है। वहीं निगम के अफसर जबरन लोगों से फीडबैक ले रहे हैं। जो भी लोग कोई समस्या या शिकायत लेकर निगम पहुंच रहे हैं उनकी शिकायत दर्ज करने से पहले फीडबैक की शर्त रखी जा रही है।

तो घट जाएगी रैंकिंग

निगम के हालिया प्रयासों की बात करें तो निगम तय लक्ष्यों के आधार पर कार्य नहीं कर पा रहा है। वही पिछले सप्ताह टीम ने भी निरीक्षण कर लिया है। टीम ने मौके पर जाकर जो आंकलन किया इसके आधार पर रिपोर्ट दी जाएगी। ऐसे में रैंकिंग सुधरने की बजाए खराब होने की संभावना हैं।

एप डाउनलोडिंग के लिए लोगों को अवेयर किया जा रहा है। वही फीडबैक की रेश्यो बढ़ाने के लिए टीमों को आदेशित किया गया है। वही लोगों से अपील है शहर की रैंकिंग में सुधार करने के सहयोग करें।

श्यामलता आनंद, अपर नगर आयुक्त।