- ट्रैफिक से बचने को मुरादाबाद प्रशासन ने शहर से एंट्री पर लगाई पाबंदी

- शहर में बस जाने पर काटा जा रहा चालान, इससे पैसेंजर्स हो रहे परेशान

<- ट्रैफिक से बचने को मुरादाबाद प्रशासन ने शहर से एंट्री पर लगाई पाबंदी

- शहर में बस जाने पर काटा जा रहा चालान, इससे पैसेंजर्स हो रहे परेशान

BAREILLY:

BAREILLY:

इन दिनों परिवहन निगम की बसों पर मुरादाबाद प्रशासन का डंडा चल रहा है। इससे परिवहन निगम के अधिकारियों की टेंशन बढ़ गयी है। दरअसल, मुरादाबाद में लग रहे जाम से बचने के लिए वहां के एडमिनिस्ट्रेशन ने रोडवेज बसों समेत तमाम हैवी व्हीकल्स की शहर में एंट्री पर पाबंदी लगा दी है। जब भी कोई रोडवेज बस उधर से गुजर रही है तो मुरादाबाद एडमिनिस्ट्रेशन उसका चालान काटा रहा है। जबकि परिवहन निगम भी इस मसले पर अडि़यल रूख अपनाए हुए है। अधिकारियों ने ड्राइवर्स को शहर से ही बसों को ले जाने के निर्देश दिए है। वहीं इन सब के बीच पैसेंजर्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

ट्रैफिक को देखते हुए नो एंट्री

दरअसल, मुरादाबाद शहर भी अन्य शहरों की तरह ट्रैफिक प्रॉब्लम्स से जूझ रहा है। ऐसे में शहर में बढ़े वाहनों के लोड को कम करने और ट्रैफिक प्रॉब्लम्स को दूर करने के लिए मुरादाबाद प्रशासन ने शहर में रोडवेज बसों की एंट्री पर रोक लगा दी है। प्रशासन का यह कहना है कि बसें बाईपास होकर जाएं। बसों को शहर में आने की जरूरत ही क्या है।

रोजाना कट रहा चालान

बता दें कि बरेली डिपो की करीब क्ख्0 बसें रोजाना वाया मुरादाबाद होते हुए दिल्ली जाती हैं। जबकि लखनऊ, हरदोई, शाहजहांपुर मिलाकर अन्य डिपो की करीब भ्00 बसें भी इसी रूट से होकर दिल्ली जाती हैं। दरअसल, शहर के रास्ते दिल्ली का डिस्टेंस कम होने के चलते परिवहन निगम के अधिकारियों ने मुरादाबाद शहर से ही बसों को जाने के लिए बस के कंडक्टर और ड्राइवर्स को फोर्स कर रहे हैं। उन्होंने बस के स्टॉफ को यह भी निर्देश दिए हैं कि भले ही चालान कटे शहर के रास्ते ही जाओ। अधिकारियों का निर्देश पाकर कंडक्टर और ड्राइवर भी मुरादाबाद प्रशासन के नियमों को तोड़ने से नहीं झिझक रहे हैं, तो वहीं मुरादाबाद एडमिनिस्ट्रेशन रोज बसों का चालान काट रहा है।

पैसेंजर्स होते हैं परेशान

परिवहन निगम और मुरादाबाद प्रशासन के फेर में बसों से जर्नी करने वाले पैसेंजर्स पिस रहे हैं। बस स्टॉफ और प्रशासन की होनी वाली तकझक और बसों के चालान कटने से पैसेंजर्स को समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं। कई बार तो एक से दो घंटों का समय इसी दांव पेंच के चलते बर्बाद हो जाता है। जिसके चलते सात से आठ घंटे में दिल्ली पहुंचने वाली बसों और भी अधिक समय लेती है।

मुरादाबाद का प्रशासन शहर में बसों के जाने पर हस्तक्षेप करता है। लेकिन, मैंने बस के स्टॉफ को यह निर्देश दिया है कि चालान कटे या कुछ हो शहर के अंदर से जाओ।

एसके शर्मा, आरएम, परिवहन निगम