- परसाखेड़ा स्थित फैक्ट्रीज का कचरा नालों के माध्यम से सहायक नदियों के जरिए गिर रहा है रामगंगा में

- प्रशासन ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए उठाया बीड़ा, कार्रवाई की दी चेतावनी

BAREILLY परसखेड़ा इंडस्ट्रियल एरिया के कारखाने 'रामगंगा' के पानी को जहरीला बना रहे हैं। क्योंकि, फैक्ट्रीज ओनर जनरेट हो रहे वेस्टेज वॉटर को ट्रीटमेंट किए बगैर ही नालियों में बहा रहे हैं, जो सहायक नदियों से होकर रामगंगा में मिल रहा है। हैरत की बात है कि फैक्ट्रीज की लापरवाही पर न तो पॉल्यूशन कंट्रोल डिपार्टमेंट संज्ञान ले रहा है और न ही प्रशासन।

150 से अधिक हैं कंपनियां

परसाखेड़ा में छोटी-बड़ी करीब 150 से अधिक फैक्ट्रीज संचालित हो रही हैं। इनमें शहर की काफी नामी-गिरामी कंपनीज भी हैं। ये कारखाने से निकलने वाले गंदे पानी को एनवायरंमेंट ट्रीटमेंट प्लांट में रिफाइन किए बगैर नालियों में बहा रहे हैं। नाले से बहता हुआ रंग-बिरंगा पानी शंका नदी में जाकर गिरता है। शंका नदी रामगंगा की सहायक नदी है।

लोगों में आक्रोश

नाले के माध्यम से रामगंगा और उसकी सहायक नदियों में बहाए जाने वाले वेस्ट से स्थानीय लोगों में अक्रोश है। उनका कहना है कि जिला प्रशासन से इसकी शिकायत की, लेकिन शिकायतों को ठंडे बस्ते में डाल दिया, जिस कारण नदियों में बहाए जा रहे कचरे पर रोक नहीं लग सकी।

आस्था पर भ्ारी गंदगी

आस्था पर गंदगी भारी पड़ रहा है। रामगंगा में प्रदूषण के चलते लोग स्नान से कतरा रहे हैं। वहीं, माघ मेले में उमड़ने वाले आस्था के सैलाब को देखते हुए प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। डीएम ने कंपनी और कारखानों के संचालकों को निर्देश दिए हैं कि फैक्ट्रीज से निकलने वाले पानी को रामगंगा और उसकी सहायक नदियों में न बहाएं।