- शिकायत सुनने की बजाय यात्रियों को भगा दिया जाता है

<- शिकायत सुनने की बजाय यात्रियों को भगा दिया जाता है

BAREILLY:

BAREILLY:

परिवहन निगम बरेली परिक्षेत्र की बसों में सफर करने के दौरान अपने सामान के प्रति सचेत रहिए। कहीं ऐसा न हो आपका सामान चोरी हो जाए या बस में छूट जाए और आप हाथ मलते रह जाइए। क्योंकि, कर्मचारी यात्रियों की शिकायत सुनना भी मुनासिब नहीं समझते हैं। उल्टा शिकायत करने वालों को ही फटकार लगाकर भगा देते हैं। परिवहन निगम में सामान चोरी होने की शिकायत सुनी जाती है या नहीं इस बात की सच्चाई जानने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने मंडे को रियलिटी चेक किया। आम यात्रियों की तरह ही हमारी भी शिकायत नहीं सुनी गई।

दौड़ाते रहे कर्मचारी

मंडे को दोपहर क्ख् बजे हम नॉवेल्टी बस स्टेशन पर पहुंचे। सुझाव और परिवाद काउंटर पर बैठी महिला कर्मचारी से हमने बैग चोरी होने की शिकायत की। महिला ने पॉजिटिव रिस्पांस दिया। महिला कर्मचारी का कहना था कि आपका जो भी सामान गुम हुआ है उसे लिख कर दीजिए। शिकायत लिखने के बाद इंक्वॉयरी काउंटर पर बैठे कर्मचारी को दे दीजिए। हम लिखित शिकायत लेकर इंक्वॉयरी काउंटर पर पहुंचे। जैसे ही कर्मचारी ने सामान चोरी होने की बात सुनी, हमारे ऊपर ही रौब दिखाने लग गया। इंक्वॉयरी काउंटर पर बैठे कर्मचारी का कहना था कि अपने सामान की सुरक्षा स्वयं नहीं कर सकते। पता नहीं कहा से लापरवाह लोग आ जाते हैं शिकायत करने।

लिखित शिकायत रिसीव तक नहीं किया

खैर, काफी बहस के बाद हम दोबारा सुझाव और परिवाद काउंटर पर बैठी महिला कर्मचारी के पास पहुंचे। महिला कर्मचारी को सारा वाकया सुनाया। तो उसका कहना था कि इंक्वॉयरी काउंटर पर बैठे कर्मचारी हमारे सीनियर है। वह जो भी कह रहे है वह सही है। इसके बाद हम भी आम यात्रियों की तरह ही अपनी लिखित शिकायत बिना रिसीविंग के ही लेकर वापस लौट आये। यह हाल एक दिन का नहीं है। बल्कि, जहरखुरानी के शिकार और जिन यात्रियों का सामान चोरी या गुम जाता है उसका रिकॉर्ड कर्मचारी नहीं रखते हैं। जिसकी वजह से यदि परिवहन निगम को कोई सामान बरामद भी हो गया तो फिर वह सामान संबंधित यात्री को हैंडओवर होना मुश्किल हो जाता है। यहीं कारण है कि परिवहन निगम के गोदाम में वर्षो से यात्रियों को गुम हुए सामान पड़े हुए हैं।

आए दिन छूट जाता है सामान

बरेली रीजन में करीब म्00 बसें हैं। इनमें एसी शताब्दी, गोल्ड लाइन, जनरथ, लोहिया और जनरल बसें शामिल हैं। इन बसों से रोजाना 70 हजार से अधिक यात्री गंतव्य स्थान को जाते-आते हैं। इस दौरान यात्रियों का जल्दबाजी में सामान छूटना लाजिमी होता है।

जिन यात्रियों का सामान बस स्टेशन या बस में छूट जाता है मिलने पर उसे यात्रियों को सौंप दिया जाता है। यदि कोई कर्मचारी शिकायत नहीं सुन रहा है, तो यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वह शिकायत सुने और यात्रियों से लिखित शिकायत ले।

संतोष कुमार वर्मा, एआरएम, बरेली डिपो