Documents में रहती है कमी

पासपोर्ट अधिकारियों का कहना है कि कई बार ऐसा होता है कि कैंडीडेट जल्दबाजी में आधे-अधूरे डॉक्यूमेंट्स डिपार्टमेंट में जमा कर देते हैं। जब जांच की जाती है तो पता चलता है कि डॉक्यूमेंट्स पूरे ही नहीं हैं। इसके कारण पासपोर्ट जारी किए जाने में भी लेट-लतीफी का सामना करना पड़ता है। करीब 50 परसेंट लोगों के डॉक्यूमेंट्स में कमी रह ही जाती है।

एक साल का fine

पासपोर्ट डिपार्टमेंट की ओर से डॉक्यूमेंट्स सबमिट करने के लिए कैंडीडेट्स को एक साल का टाइम दिया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि एक साल का टाइम मिलने पर जब चाहे तब कैंडीडेट पासपोर्ट से रिलेटेड डॉक्यूमेंट्स सबमिट कर सकता है। कई बार ऐसा होता है कि पासपोर्ट अप्लाई करने के बाद कैंडीडेट शहर से बाहर होते हैं। ऐसे में उन्हें पासपोर्ट के लिए दोबारा अप्वॉइंटमेंट लेना पड़ता है.   लेकिन एक साल का टाइम मिलने पर वह किसी भी समय आकर अपने डॉक्यूमेंट्स जमा कर सकता है।

'कई कैंडीडेंट ऐसे होते हैं जिनके डॉक्यूमेंट्स अधूरे होते हैं। इस वजह से पासपोर्ट जारी करने में प्रॉब्लम होती है। कैंडीडेंट अपने डॉक्यूमेंट्स सबमिट कर सकें, इसके लिए उन्हें पूरा टाइम दिया जाएगा.'

नवीन चंद्र बिष्ट, पासपोर्ट नोडल ग्रांटिंग ऑफिसर