- शहर के राम किशोर हॉस्पिटल में मरीज की मौत के बाद परिजनों ने किया हंगामा

- डॉक्टर के खिलाफ बारादरी थाने में दी तहरीर

बरेली : अधिकतर लोग बेहतर इलाज के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल जाना पसंद करते हैं लेकिन यहां इलाज के नाम पर मोटी रकम तो वसूली ही जाती है वहीं इलाज में लापरवाही भी हो रही है। ऐसा ही एक मामला संडे को उजागर हुआ। स्टेडियम रोड स्थिति राम किशोर मेमोरियल अस्पताल में पथरी के ऑपरेशन के बाद एक महिला की मौत हो गई। मरीज की मौत की खबर लगते ही परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। आरोप था कि ऑपरेशन के समय डॉक्टर से महिला की आंत फट गई थी, जिससे उसकी तबियत और बिगड़ती चली गई और संडे को उसकी मौत हो गई।

27 अगस्त को कराया था भर्ती

जिला शाहजहांपुर के कलान के रहने वाले हृदेश गुप्ता ने अपनी पत्‍‌नी कामिनी को बीती 27 अगस्त को राम किशोर अस्पताल में भर्ती कराया था। डॉक्टर मयंक गुप्ता ने बताया कि इनकी पित्त की थैली में पथरी है, ऑपरेशन करना होगा। इसके बाद परिजनों ने पूछा कि कोई समस्या तो नहीं होगी। तो डॉक्टर कहा कि छोटा सा ऑपरेशन है। दो से तीन घंटों में हो जाएगा। इसके बाद उनसे करीब 22 हजार रुपये जमा करा लिए गए। मगर ऑपरेशन के बाद कामिनी की तबियत और बिगड़ने लगी। इसके जब डॉक्टर से कहा तो उन्होंने एक और ऑपरेशन कर दिया।

दूसरे ऑपरेशन के बाद बोले, आंत फट गई

परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर मयंक ने परिजनों की बिना राय के सैटरडे को कामिनी का दूसरा ऑपरेशन कर दिया। ऑपरेशन के बारे में जब परिजनों ने डॉक्टर से पूछा तो उन्होंने बताया कि कामिनी की आंत फट गई है। इसके बाद संडे को इलाज के दौरान मरीज ने दम तोड़ दिया। इस पर गुस्साए परिजनों ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टर मयंक पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने मुकदमा दर्ज कराने के लिए बारादरी थाने में तहरीर भी दी है।

बिना फीस दिए चले गए

अस्पताल के डॉक्टर मयंक ने बताया कि जिस वक्त ऑपरेशन किया गया था। उस समय परिजनों की राय ली गई थी। ऑपरेशन कर स्टोन निकाल दिया था लेकिन बाद में मरीज को समस्या होने पर जांच की गई तो पता चला कि मरीज की आंत में छेद हो गया है एक अन्य वरिष्ठ गैस्ट्रो सर्जन से दोबारा ऑपरेशन कर छेद बंद कराया लेकिन मरीज रिकवर नहीं कर सका। परिजनों के आरोप निराधार हैं, मरीज के भर्ती होने पर ही परिजनों ने कुछ फीस जमा की थी इसके बाद करीब 30 हजार रुपये बिना दिए ही चले गए।