बरेली (ब्यूरो)। सब्जियों के रेट में भले ही राहत मिली हो लेकिन रसोई गैस के बढ़े दामों ने फेस्टिव में लोगों के लिए मुश्किल बढ़ा दी है। अचानक रसोई गैस के रेट में हुई बढ़ोत्तरी से किचिन का बजट भी गड़बड़ा गया है। महिलाओं की मानें तो रसोई गैस के रेट में कई बार बढ़ोत्तरी की जा चुकी है, जबकि रेट को कंट्रोल में रखना चाहिए तभी लोग रसोई गैस आम लोग यूज कर सकेंगे। रसोई गैस के रेट एक मार्च को बढऩे के बाद 14.2 किग्रा घरेलू सिलिंडर जो 1071 रुपए का शहर में मिल रहा था उसके अब 1121 रुपए चुकाने होंगे। वहीं कामर्शियल सिलिंडर के रेट अब 2167 रुपए हो गए हैं।

होटल की थाली भी होगी महंगी
घरेलू और कॉमर्शियल गैस महंगी होने से सिर्फ घरों के किचिन का ही बजट नहीं बिगड़ा। आम लोगों के लिए टिफिन, होटल पर खाना नश्ता आदि पर भी महंगाई दिखने लगी है। महंगाई बढऩे से लोगों के लिए अब कहीं न कही मुश्किल हो रहा है। घर से बाहर रहकर या फिर होटल से टिफिन लेने वालों के लिए भी अब जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी। क्योंकि रसोई गैस के रेट में इजाफा होते ही सभी ने रेट बढ़ा दिए हैं।

दालों के भी बढ़े रेट
होली त्योहार से पहले ही दाल आदि के भी रेट में 10 परसेंट तक का इजाफा हो गया है। इसमें राजमा, दाल, चना आदि के रेट भी बढ़ा दिए गए हैं। तो वहीं हरी सब्जियों और आलू के रेट जरूर कंट्रोल में हैं। लोगों का कहना है कि गैस के रेट बढऩे से लोगों के त्योहार को फीका करने का काम सरकार ने किया है। इस समय रेट बढऩे से आम आदमी को सिलिंडर रिफिल करना ही महंगा पड़ रहा है।

घरेलू गैस के रेट फेस्टिव से पहले बढ़ा दिए हैं इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। गैस के रेट अब अधिक बढ़ा दिए गए हैं, गैस के रेट कम करने चाहिए ताकि आम लोगों को इससे राहत मिल सके।
वंदना सिंह, गृहिणी

होली का त्योहार करीब है इस तरह अब होली से ठीक पहले घरेलू गैस के रेट बढ़ाना जायज नहीं था। लेकिन रेट बढ़ा दिए है इससे आम लोगों की होली को फीका करने का काम किया गया। सरकार को गैस के रेट कंट्रोल करना चाहिए।
अंजना अग्रवाल, गृहिणी