बरेली (ब्यूरो)। पेट्स का होना हर घर में आम बात हो गई है। हर कोई आजकल पेट पैरेंट बनना चाहता है। यह आजकल का एक ट्रैैंड बन गया है। लोग कुत्ता, बिल्ली, चुहे से लेकर कई चीजें पाल रहे हैैं, पर क्या आप जानते है कि यहीं पेट्स प्रेगनेंट विमेन को कई तरह की बीमारियां दे सकते है। यह नहीं कह सकते की पेट पालना गलत बात है और इन्हें नहीं पालना चाहिए। पेट्स को प्रॉपर केयर के साथ पालना चाहिए और उनका प्रेगनेंट विमेन से थोड़ा डिस्टेंस पर ही रखना चाहिए।

दे सकते है बीमारी
पीडियाट्रिशियन और वैक्सीनियोलॉजिस्ट डॉ। अतुल अगरवाल के अनुसार पेट्स को पालना गलत नहीं है, पर पेट्स को पालते समय कुछ सावधानी जरूर बरतनी चाहिए। क्योंकि ये ही पेट्स प्रेगनेंसी में काफी परेशानियां दे सकते है। गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ। अनुजा सिंह का कहना है कि प्रेगनेंसी के टाइम पर प्रेगनेंट विमेन जल्दी इंफेक्शन का शिकार हो जाती हैं इसलिए कहा जाता है कि उन्हें ज्यादा सावधानी रखने की जरूरत होती है।

कौन-कौन सी हो सकती हंै बीमारी
्रपे्रगनेंसी कंसीव न होने की तो कई वजह हो सकती हैं, लेकिन इसकी एक वजह पेट्स भी हो सकते हैं। पेट्स पालना तो सब को अच्छा लगता है, पर ये ही पेट्स प्रेगनेंसी कंसीव करने या फिर प्रेगनेंसी में दिक्कत दे सकते हैं। डॉक्टर विमेन से इन इनफैक्शन्स को अवॉइड करने के लिए एक टेस्ट करवाते हैैं जिसे टॉर्च टेस्ट कहते हंै। इसमें टोक्सोप्लाजमोसिस, रूबैला, हरपेस सिम्लैक्स, सिफलिस होते हैैं। टॉर्च टेस्ट में प्रेगनेंट विमेन के पास्ट में हुए इन इंफेक्शन के बारे में बताता है। कई बार बीमारी पुरानी होने की वजह से बॉडी पहले से ही एंटीबॉडी प्रोड्यूस करने लगती हैै। कई बार लो इम्यूनिटी की वजह से बॉडी एंटीबॉडी कम प्रोड्यूस करती है। ऐसे टाइम पर प्रेगनेंसी चिंता की बात होती है।

टोक्सोप्लाजमॉसिस: यह बीमारी बिल्लियों की वजह से होती है। टोक्सोप्लाज्मा परजीवी बिल्लियों द्वारा किए गए पॉल्यूशन यानि मल में पाया जाता है। जो प्रेगनेंट विमेन को इंफैक्ट करता है। प्रेगनेंट वूमेन, भ्रूण व कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले पेशेंट्स के लिए यह बहुत ही खतरनाक हो सकता है।

ब्रुसेला कैनिस: यह बैक्टीरिया कुत्तों की लार, यूरिन और प्राइवेट पाटर््स से रिसने वाले फ्लूड से होता है। पेट पैरेंट्स कई बार बाहर से आने पर प्यार में पेट्स को गले से लगा लेते हैैं, जिसके बाद पेट उन्हें लिक करने लगते हैैं। यह बीमारी का कारण बनता है।

साल्मोनेलोसिस: यह बैक्टीरिया चूहों, गिलहरियों, कछुओं, मुर्गे, आदि में पाया जाता है। इससे दस्त, बुखार और पेट में ऐंठन जैसी दिक्कत होती है।

हरपेस सिम्लैक्स: यह भी विमेन के लिए बहुत खतरनाक हैै। विमेन को इन तरह की बीमारियों में ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए।

सिफलिस: यह ब्लड यौन संक्रमित इंफेक्शन है। इसका असर प्रेग्नेंट विमेन के लिए बहुत नुकसानदायक है

रूबेला: रूबेला को जर्मन मीजल्स भी कहा जाता है। यह वो इंफेक्शन है, जो माइल्ज फ्लू जैसे लक्षणों और रैशेज का करण बन जाता है। प्रेगनेंसी के दौरान यह लेडीज को बहुत इंफैक्ट करती हैैं। इसके अलावा बेबी को भी गंभीर समस्या दे सकती हैै।

पेट्स का प्रॉपर वैक्सीनेशन जरूरी
खुद को बीमारी से बचाने के लिए पेट पैरेंस को पेट्स का प्रॉपर वैक्सीनेशन करना जरूरी होता है। इसके अलावा पेट्स का प्रॉपर हाईजीन मेंटेन करना जरूरी है। पेट्स और उनके संपर्क में आने वाली चीजों को छूने के बाद अपने हाथ साफ करें। इसके अलावा दांतों, पंजों से खूद को बचाना जरूरी है।

पेट्स को न सुलाएं साथ
कई बार पेट पैरेंट्स प्यार में पेट्स को साथ लेकर सो जाते है। इसकी वजह से पैरेंट्स यह बात नहीं समझ पाते हैं कि उन्हेें कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है। पेट्स बाहर धूमने जाते हैं। उनके साथ बाहर के कई बैकटीरिया भी साथ आते हैैं। पेट्स और हयूमन में कई वायरस ऐसे होते है जो बिल्कुल अलग होते हैैं। जो हमें ज्यादा प्रभावित करते हैैं।

हार्मोनल डिस्बैलेंस
डॉ। लतिका कहना है कि कई बार हार्मोनल डिस्बैलेंस हो जाता है। मां-बाप अपना सारा प्यार पेट्स पर लूटा देते है। इसकी वजह से हार्मोन चेंन हो जाते हैैं। जो उन्हें अप्रेक्ट करता है। पैरेंट्स को पेट्स को अपने साथ नहीं सुलाना चाहिए।

पेट्स की वजह से कई बीमारियां होती हैं, जो प्रेगनेेंट विमेन को काफी नुकसान पहुंचा सकती हैैं। इसलिए हमें इसको लेकर काफी सावधानी रखनी चाहिए।
डॉ। भारती सरन, गाइनेकोलॉजिस्ट

प्रेंगनेंट विमेन को पेट्स से दूरी बना कर रखनी चाहिए। पेट्स में खुद बहुत इंफैक्शन होता है। इसके अलावा प्रेगनेंसी के दौरान इम्यून सिस्टम वीक होता है, तो उसकी भी प्रभाव पड़ता हैै।
डॉ। लतिका अग्रवाल