- जनप्रतिनिधियों की मांग पर 50 एकड़ में बहेड़ी में जैविक खेती की बनाई जाएगी योजना

- कृषि मंत्री ने केंद्रीय और प्रदेश सरकार की योजनाओं की दी जानकारी, कहा होगा विकास

BAREILLY:

प्रदेश में जैविक खेती के लिए रोल मॉडल के तौर पर बरेली का चयन किया जाएगा। यहां 50 एकड़ के क्लस्टर में जैविक खेती की जाएगी। तीन वर्ष के प्रोजेक्ट पर प्रति क्लस्टर 15 लाख रूपए खर्च होंगे। प्रदेश के 30 जिलों में पीलीभीत और बदायूं भी शामिल हो चुके हैं। यह जानकारी कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने डेलापीर रोड स्थित मंडी परिषद के गेस्ट हाउस में आयोजित किसान कल्याण सम्मेलन में दी। उन्होंने केंद्र सरकार की योजना समेत पूर्व की सरकार पर भी निशाना साधा। कार्यक्रम में केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री संतोष गंगवार मौजूद रहे।

किसान आधार लिंक कराएं

कृषि मंत्री ने कहा कि 7400 करोड़ रूपए का फसली ऋण मोचन कर पैसा किसानों के खातों में सीधे भेज दिया गया है। दूसरे चरण में 10 हजार किसानों को लाभ मिलेगा। इसके लिए सभी किसान अपना आधार नंबर बैंक खाता से लिंक कराएं। कहा कि, गन्ना किसान का बकाया भुगतान हो चुका है। 30 सितंबर तक सभी बकाया भुगतान मिलों के जरिए हो जाएगी। मृदा परीक्षण की जांच किसान करा रहे हैं। वह ई-मंडी योजना का लाभ भी लेकर मुनाफा कमा रहे हैं। सभी किसानों से ई-मंडी सुविधा का लाभ लेने की सलाह दी। कहा कि पिछली सरकार में लगाए गए सोलर पंप खराब हो रहे हैं। सपा ने पीएम की ओर से गरीबों को दिए गए लाभ का वितरण नहीं कराया।

वर्मी कंपोस्ट को मिलेगा बढ़ावा

बताया कि रासायनिक उर्वरकों के सीमित उपयोग के लिए सरकार वर्मी कम्पोस्ट को बढ़ावा देने जा रही है। इसके लिए प्रत्येक राजस्व गांव में 8 हजार रूपए की लागत से वर्मी कंपोस्ट बनाया जाएगा। बताया कि प्रदेश में 30 मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं की संख्या बढाकर 47 हो गई है। किसानों की वैज्ञानिकों से संवाद बढाने के लिए 20 नए कृषि विज्ञान केन्द्र खोलने की स्वीकृति हो चुकी है, जो बरेली में बहेड़ी में खुलेगा। 30 जिलों में 100 हेक्टेयर के कलस्टर में भूमि विकास, जल संरक्षण व एकीकृत खेती का प्रोजेक्ट लागू हुआ है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में मिर्ची की खेती को बरेली में फसल बीमा के तहत आच्छादित होने समेत बरेली मंडल में 893 सोलर पम्प लगने की जानकारी दी।

लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी

सम्मेलन से पहले कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने आईवीआरआई में कृषि अधिकारियों के साथ गेस्ट हाउस में मीटिंग की। उन्हें समय से सारे काम पूरे करने के आदेश दिए। योजनाओं की प्रगति समीक्षा करते हुए बदायूं जिले की ओवरआल प्रगति धीमी मिलने पर पर नाराजगी जताई। बरेली में डीबीटी की कम प्रगति पर नाराजगी जताई और जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए। किसानों को प्रिंटेड मृदा हेल्थ कार्ड देने के निर्देश दिए। अधिकारियों को निर्देश दिए कि कृषि कार्यक्रम में वहां के जनप्रतिनिधियों को जरूर बुलाएं। उन्होंने गेहूं का बीज उपलब्ध कराने, प्राइवेट दुकानों से बीज, खाद, कीटनाशक की चेकिंग कराने, विभाग में भ्रष्टाचार की शिकायत पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी।

काम की बात नहीं हो रही

किसान सम्मेलन में मंचासीन जनप्रतिनिधियों ने पीएम मोदी और सीएम योगी का जमकर बखान किया। इसी दौरान जागरूक किसान एमपी सिंह मंच पर पहुंचा। जिसने विधायक राजेश मिश्रा पप्पू भरतौल, छत्रपाल सिंह, केसर सिंह, भूपेंद्र सिंह समेत अन्य की कही गई हर बात को बेमतलब की बात कही। कहा कि यहां से किसी भी जनप्रतिनिधि ने काम की बात नहीं की। सभी ने सिर्फ सरकार की ही तारीफें की। उसने मंच से किसानों के खेत तक पानी पहुंचाने को कहा। इसी दौरान मंच संयोजक ने किसान को मंच से नीचे उतार दिया।