- पिछले साल की तुलना में 20 फीसदी बढ़ गए मरीज
- डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल और प्राईवेट हॉस्पिटल में डेली पहुंच रहे 3 से 4 मरीज
अपील: दिवाली पर बरेलियंस जमकर आतिशबाजी करेंगे, इससे शहर में पर्यावरण पर असर तो पड़ेगा ही, साथ में अस्थमा आदि के मरीजों को भी इससे प्रॉब्लम फेस करनी पड़ेगी। इस समस्या को रोका तो नहीं जा सकता है लेकिन दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की बरेलियंस से अपील है कि आतिशबाजी लिमिटेड ही करें, कोशिश करें पटाखे इको फ्रेंडली हो या फिर कम शोर और धुआं वाले हों, जिससे शहर की आवो-हवा ज्यादा जहरीली न हो।
बरेली: आज दिवाली है, हर कोई दिवाली खुशी और उल्लास के साथ सेलिब्रेट करना चाहेगा। आतिशबाजी भी जमकर होगी, लेकिन इन सबके बीच कुछ ऐसे लोग हैं जिनके लिए दिवाली खुशियों वाली नहीं। हम बात कर रहे अस्थमा पेशेंट्स की। दिवाली का फेस्टिवल जैसे-जैसे पास आता है, इनकी परेशानी बढ़ जाती है और आलम यह होता है कि दिवाली बाद तो सांस लेना भी दूभर हो जाता है। इसका कारण है दिवाली पर की गई आतिशबाजी का जहरीला धुआं।
पिछले वर्ष बढ़ा था एक्यूआई
- 100 एमसीजी प्रति क्यूबिक मीटर होता है नॉर्मल एक्यूआई
-100 से 120 एमसीजी प्रति क्यूबिक मीटर दिवाली से सात दिन पहले था
-150 से 200 एमसीजी प्रति क्यूबिक मीटर एक्यूआई दिवाली वाले दिन था
- 120 से 170 एमसीजी प्रति क्यूबिक मीटर एक्यूआई दिवाली के अगले सप्ताह तक था
बढ़ सकता है एक्यूआई
-120 से 150 एमसीजी प्रति क्यूबिक मीटर एक्यूआई 21 अक्टूबर से अब तक
-200 एमसीजी प्रति क्यूबिक मीटर एक्यूआई दिवाली पर अनुमानित
-150 से 170 एमसीजी प्रति क्यूबिक मीटर एक्यूआई दिवाली के अगले सप्ताह तक होने की संभावना
इसलिए होती है प्रॉब्लम
- दिवाली पर भारी मात्रा में पटाखे जलने से एक्यूआई बढ़ जाता है।
- पीएम टू पार्टिकल सांस के जरिए बॉडी में प्रवेश कर जाते हैं
- लगातार एक्यूआई का ग्राफ बढ़ने से सांस लेने में होगी दिक्कत
कैसे करें बचाव
-कम से कम और सिर्फ ईको फ्रेंडली पटाखों को छुड़ाएं
- दिवाली वाले दिन और अगले सप्ताह तक मुंह को मास्क से ढककर सड़कों पर निकलें।
- आतिशबाजी खुले स्थान पर चलाएं
- ज्यादा धुंआ फैलाने वाली आतिशबाजी का यूज न करें
पौने दो करोड़ की फूटेगी आतिशबाजी
दिवाली पर आतिशबाजी के बारे में बात करें तो करीब पौने करोड़ की आतिशबाजी फोड़ी जाएगी। हालांकि इस आतिशबाजी में इस बार इको फ्रेंडली आतिशबाजी भी यूज होगी।
तो चार दस सिगरेट के बराबर धुंआ पहुंच जाएगा बॉडी के अंदर
पर्यावरण विद् की माने तो जो व्यक्ति एक दिन में दस सिगरेट पीता है इतना ही धुंआ दिवाली पर हवा के माध्यम से शरीर में पहुंच जाएगा जो कि हार्ट और लंग्स संबंधी बीमारी बढ़ाने का काम करेगा। इससे बचने के लिए दिवाली वाले दिन मुंह पर मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें
जहरीली हो जाएगी हवा
दिवाली की सुबह भले ही एक्यूआई का स्तर कम रहे लेकिन शाम 6 बजे के बाद यह 250 एमसीजी प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंचने की उम्मीद है। इसके बढ़ने से एयर पॉल्युशन बढ़ेगा और हवा जहरीली हो जाएगी।
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वर्जन
पिछले साल की तुलना में इस साल चेस्ट संबंधी रोगियों की संख्या में इजाफा हुआ है। इसका मुख्य कारण है कि आबो हवा प्रदूषित हुई है। दिवाली पर वातावरण और खराब होगा। इसलिए सड़क पर निकलने के दौरान मुंह पर मास्क लगाएं वहीं लगातार सांस लेने में तकलीफ होने पर डॉक्टर से परामर्श लें।
डॉ। बीके धस्माना, वरिष्ठ चेस्ट स्पेशलिस्ट
वर्जन
पिछले साल एक्यूआई का जो स्तर था, इस बार इसमें 10 से 20 फीसदी इजाफा होगा। अभी दिवाली से पहले वाले सप्ताह में ही एक्यूआई 120 के पार है, दिवाली वाले दिन स्थिति और भी खराब हो जाएगी।
-डॉ। आलोक खरे, पर्यावरणविद्