-निजी हॉस्पिटल्स के खिलाफ शिकायत पर होगी जांच व कार्रवाई, आईएमए भी आगे आया

-महिलाओं के गर्भाशय निकालने के मामले में विवाद के बाद जागा सीएमओ ऑफिस

BAREILLY: डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में महिलाओं के गर्भाशय निकाले जाने के मामले के तूल पकड़ने के बाद सीएमएस व सीएमओ ऑफिस में हड़कंप मच गया है। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के सभी जनरल सर्जन को महिलाओं के गर्भाशय निकाले जाने से पहले फीमेल हॉस्पिटल की गायनकोलॉजिस्ट से कंसल्ट किए जाने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पर लगे गंभीर आरोपों के बाद डैमेज कंट्रोल में जुटे जिम्मेदार अब गर्भाशय के ऑपरेशन पर फूंक-फूंक कर सावधानी बरत रहे हैं। शहर के निजी हॉस्पिटल्स में मरीजों की मंजूरी बिना या किसी अन्य तरीके से उनके गर्भाशय निकाले जाने की घटना न हो इसके लिए सीएमओ ऑफिस की ओर से निजी हॉस्पिटल्स पर नजर रहेगी।

सर्जन-स्टाफ से पूछताछ

क् अप्रैल ख्0क्ब् से फ्क् मार्च ख्0क्भ् तक डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में हुए ख्0ख्ब् ऑपरेशन में म्ख्भ् से ज्यादा महिलाओं के बच्चेदानी निकाले जाने का खुलासा हुआ। इनमें से ख्भ् केसेज तो फ्0 साल से कम उम्र वाली महिलाओं के रहे, जिनका गर्भाशय निकाल दिया गया। इस खुलासे ने तूल पकड़ा तो डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पर विवादों की झड़ी लग गई। जिसके बाद एडी हेल्थ को गर्भाशय निकाले जाने से पहले फीमेल हॉस्पिटल के गायनकोलॉजिस्ट से राय लेने के निर्देश दिए हैं। इस पर सीएमओ ऑफिस में हॉस्पिटल के जनरल सर्जन व स्टाफ से इन मामलों पर उनका पक्ष सुना जा रहा है। साथ ही इस मामले में गर्भाशय निकाले संबंधी मामले में उनसे पूछताछ भी हो रही है।

निजी हॉस्पिटल्स रखें ध्यान

बीमारी या सूजन होने पर भी महिलाओं के गर्भाशय निकाले जाने की घटना पर हुई फजीहत के बाद सीएमओ ऑफिस इस ओर खासा सावधानी बरत रहा है। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के बाद शहर के निजी हॉस्पिटल्स से इस तरह के विवाद सुर्खियां न बने इसके लिए सीएमओ डॉ। विजय यादव ने जरूरी कदम उठाने की तैयारी कर ली है। प्राइवेट हॉस्पिटल्स में महिला का गर्भाशय निकाले जाने से पहले नियमानुसार मरीज की मंजूरी लेना जरूरी होगा। वहीं इस तरह के किसी मामले में कंप्लेन होने पर सीएमओ ऑफिस संबंधित निजी हॉस्पिटल्स से मरीज की पूरी फाइल तलब कर लेगा। मामले में किसी भी तरह की गड़बड़ी मिलने पर हॉस्पिटल के खिलाफ जांच व कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

आईएमए ने भी दिए निर्देश

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में महिलाओं के गर्भाशय निकाले जाने के विवाद पर आईएमए ने भी प्राइवेट हॉस्पिटल्स व पब्लिक के लिए कदम उठाए हैं। प्राइवेट हॉस्पिटल्स में ऐसी किसी घटना में मेडिकल पेशे को दाग न लगे इसके लिए आईएमए के जिम्मेदार भी सजग हो गए हैं। आईएमए ने प्राइवेट हॉस्पिटल्स को बिना मरीज के मंजूरी के गर्भाशय निकाले जाने के केसेज पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही पब्लिक को अवेयर किया है कि गर्भाशय निकाले जाने की डॉक्टरी सलाह को किसी दूसरे हॉस्पिटल में जाकर क्रॉस चेक करा लें। इसके बाद भी अगर किसी मरीज को ऐसे मामले में किसी हॉस्पिटल के खिलाफ शिकायत है तो आईएमए से कंप्लेन करें।

अगर किसी प्राइवेट हॉस्पिटल के खिलाफ गर्भाशय निकाले जाने की कंप्लेन मिली तो उसके खिलाफ जांच होगी। हॉस्पिटल से मरीज की जांच रिपोर्ट व रिकॉर्ड मांगा जाएगा। कंप्लेन सही मिली तो हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई होगी। - डॉ। विजय यादव, सीएमओ

गर्भाशय निकाले जाने की मेडिकल रिपोर्ट को एक बार किसी अन्य हॉस्पिटल या डॉक्टर से क्रॉस चेक करा लें। ऐसे मामलों में कंप्लेन करनी है तो आईएमए से मिलें। दोषी हॉस्पिटल के खिलाफ आईएमए खुद एक्शन लेगा।

- डॉ। रवि खन्ना, प्रेसीडेंट, आईएमए