बरेली (ब्यरो) । एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय में खेलो इंडिया कितना दम भर पाया है, यह तीन दिवसीय अंतर महाविद्यालयी एथलेटिक्स मीट में खिलाडिय़ों के प्रदर्शन से साफ हुआ। इस मीट में पार्टिसिपेट को पहुंचे 100 कालेजेज के प्लेयर्स ने भले ही आरयू में 7 करोड़ से अधिक लागत से तैयार सिथेंटिक ट्रैक पर अपना सर्वोच प्रदर्शन किया हो, पर वह अधिकांश इवेंट्स में इसके क्वालिफाइंग नॉम्र्स को भी क्वालिफाई नहीं कर सके। इससे यह साफ हुआ कि प्लेयर्स को न तो सेल्फ प्रैक्टिस के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो पा रही हैं और न ही उनकी ट्रेनिंग की प्रॉपर व्यवस्था है। जब प्लेयर्स अपनी युनिवर्सिटी स्तर की प्रतियोगिताओं में ही मिनिमम क्वालिफाइंग नॉम्र्स को क्रास नहीं कर पाए तो, ऐसे में वह इससे बड़ी एथलेटिक्स मीट में कहां ठहर पाएंगे यह आसानी से समझा जा सकता है।

यह है क्वालिफाइंग नॉम्र्स
खेल की हर स्तर की प्रतियोगिताओं में मिनिमम क्वालिफाइंग नॉम्र्स निर्धारित होतें हैं। यह नॉम्र्स नेशनल व इंटरनेशनल स्तर की प्रतियोगिताओं में पार्टिसिपेट करने वाले प्लेयर्स के प्रदर्शन से निर्धारित होता है। इस संबंध में स्पोट्र्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के बरेली सेंटर के एथलेटिक कोच ने बताया कि एथलेटिक्स के किसी भी इवेंट में जो मिनिमम क्वालिफाइंग नॉर्म निर्धारित होता है, वह नेशनल स्तर की प्रतियोगिता में टॉप-8 का प्रदर्शन होता है। आरयू की अंतर महाविद्यालयी प्रतियोगिता में हर इवेंट का जो मिनिमम नॉर्म था वह नेशनल इंटर यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स मीट के उस इवेंट में टॉप-8 पार्टिसिपेंट का प्रदर्शन था। आरयू की एथलेटिक्स मीट में पुरुष वर्ग की 100 मीटर दौड़ के लिए क्वालिफाइंग नॉर्म जो 10:92 सेकेंड निर्धारित था, वह बीते वर्ष की नेशनल प्रतियोगिता में इस इवेंट के टॉप-8 पार्टिसिपेंट की टाइमिंग थी।

प्लेयर्स क्वालिफाइंग नॉम्र्स से भी अंजान
यूं तो आरयू के अधिन 9 जिलों के 550 से अधिक कॉलेजेज आते हैं, पर अंतर महाविद्यालयी एथलेटिक्स प्रतियोगिता में मात्र 100 कॉलेजेज के ही प्लेयर्स ने पार्टिसिपेट किया था। इनमें भी अधिकांश प्लेयर्स सिर्फ बतौर पार्टिसिपेंट ही इस मीट में शामिल हुए थे। इन प्लेयर्स को अपने इवेंट की बारीकियां ही पता नहीं थी तो क्वालिफाइंग नाम्र्स की जानकारी होना तो दूर की बात रही। जिन प्लेयर्स को इसकी जानकारी थी तो वह अपने इवेंट और अपने प्रदर्शन के प्रति सीरियस भी थे। यही वजह रही कि सैकड़ों प्लयर्स की भीड में चंद प्लेयर ही क्वालिफाइंग नार्म को क्रास कर पाए।

इन इवेंट्स में क्वालिफाइंग नॉर्म के करीब भी नहीं प्लेयर्स
तीन दिवसीय एथलेटिक्स मीट में 20 से अधिक इवेंट्स हुए। इनमें से अधिकांश इवेंट्स में प्लेयर्स का प्रदर्शन क्वालिफाइंग नॉर्म के करीब भी नहीं रहा। जिन इवेंट्स में प्लेयर क्वालिफाइंग नार्म छू तक नहीं पाए, उनमें 20 किलोमीटर पैदल चाल महिला वर्ग क्वालिफाइंग नॉर्म 1: 47: 52 : 33 घंटा, 200 मीटर दौड़ पुरुष वर्ग क्वालिफाइंग नॉर्म 22.14 सेकेंड, 200 मीटर दौड़ महिला वर्ग क्वालिफाइंग नॉर्म 22.59 सेकेंड, हैमर थ्रो महिला वर्ग क्वालिफाइंग नॉर्म 48.80 मीटर, ट्रिपल जंप पुरुष वर्ग, ट्रिपल जंप महिला, 400 मीटर दौड़ महिला, भाला फेंक पुरुष व महिला, रिले दौड़ पुरुष व महिला वर्ग, स्टेपल चेस पुरुष, पोल वाल्ट पुरुष , 100 मीटर दौड़ पुरुष, डिस्कस थ्रो पुरुष व महिला वर्ग, 400 मीटर बाधा दौड़ पुरुष व महिला, 110 मीटर बाधा दौड़ पुरुष , 100 मीटर बाधा दौड़ महिला, 1500 मीटर दौड़ पुरुष, रिले दौडृ़ महिला व पुरुष वर्ग, 800 मीटर दौड़ पुरुष आदि प्रतियोगिताएं शामिल रहीं।

इन इवेंट्स में ही क्रास हुए क्वालिफाइंगग नॉर्म
अंतर महाविद्यालयी एथलेटिक्स मीट के चंद इवेंट्स में चंद प्लेयर ही ऐसे रहे जो उस इवेंट के क्वालिफाइंग नॉर्म को क्रास कर पाए। क्वालिफाइंग नाम्र्स को क्रास करने वाले प्लेयर्स में मैराथन दौड़ पुरुष के विजेता मोनू कुमार और संघप्रिय गौतम शामिल रहे। मोनू ने अपनी दौड़ क्वालिफाइंग नार्म टाइम 02:55:02 से पहले 2:45:27 में पूरी कर ली। इसी तरह संघप्रिय इस दौड़ को 2 घंटा 50 मिनट में पूरी कर दूसरे स्थान पर रहे। इसके अलावा 20 किमी। पैदल चाल को सिर्फ दुश्यंत कुमार ही क्वालिफाइंग नार्म को क्वालिफाई कर पाए। हैमर थ्रो में मुकल और जतिन ही क्वालिफाइंग नॉर्म को क्रास कर सके। 400 मीटर दौड़ में सोविन्द्र और अश्वनी ने भी क्वालिफाइंग नॉर्म को क्रास किया। 10 किमी। दौड़ में सिर्फ मो.अलीम ने ही क्वालिफाइंग नॉर्म क्रास किया। महिला वर्ग की 100 मीटर दौड़ में मात्र एक प्लेयर जोसिका पाल ही क्वालिफाइंग नॉर्म से पहले पूरा कर पाई। महिला वर्ग की 1500 मीटर दौड़ को दीक्षा और उजाला ही क्वालिफाइ कर सकी। महिला वर्ग की 800 मीटर दौड़ में दीक्षा और 5000 मीटर दौड़ सिर्फ उजाला ही क्वालिफाइंग नार्म को क्रास कर सकीं। आंकड़ों के अनुसार इस खेल कुंभ में शामिल हुए 100 टीमों के 400 से अधिक प्लेयर्स में से मात्र 8 ब्वॉयज और 3 गल्र्स का प्रदर्शन ही आगे की प्रतियोगिताओं में फाइट करने लायक रहा।

बहुत बदलाव की जरूर है
आरयू के खेल कुंभ में प्लेयर्स के प्रदर्शन के बारे में साई के एथलेटिक्स कोच जेएस द्विवेदी का कहना है कि स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर अभी भी स्पोट्र्स में बहुत कुछ करने की जरूरत है। कम से कम प्लेयर्स के लिए मानक के अनुसार ग्राउंड और स्टेंडर्ड ट्रैक के साथ ही कोच की व्यवस्था तो होनी ही चाहिए। अभी भी अधिकांश जगहों पर मूलभूत सुविधाओं तक की कमी है। अब व्यवस्थाओं में सुधार हो रहा है, पर बहुत सुधार की जरूरत है।

क्वालिफाई को मिलेगी कोचिंग
आरयू की एथलेटिक्स मीट के अलग-अलग इवेंट्स में क्वालिफाइंग नॉम्र्स को क्वालिफाइ करने वाले प्लेयर्स को आगे की प्रतियोगिताओं के लिए कोचिंग मिलेगी। इसके लिए कैंप का आयोजन किया जाता है और प्लेयर्स को उनके प्रदर्शन में सुधार लाने के लिए बेहतर कोचिंग और टेक्नीक बताई जाती है।