-पीएचडी कोर्स वर्क एग्जाम कराने में प्रदेश की इकलौती यूनिवर्सिटी

-अभी तक कोई भी यूनिवर्सिटी नहीं करा पाई एग्जाम

BAREILLY

पीएचडी कोर्स वर्क का एग्जाम कराने में आरयू ने सूबे में बाजी मार ली है। अभी तक प्रदेश कोई दूसरी यूनिवर्सिटी इस एग्जाम को नहीं करा पाई हैं। लिहाजा, उन स्टूडेंट्स की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं, जो प्रदेश की नामचीन यूनिवर्सिटी से शोध करना चाह रहे हैं या फिर उन्हें शोध के लिए मनमाफिक टॉपिक नहीं मिल पा रहा है।

मझधार में पीएचडी के स्टूडेंट्स यूजीसी ने 2009 में पीएचडी के मानकों में बदलाव किया। उसने निर्देश दिए कि 11 बिंदुओं पर होने वाले रिसर्च को ही वैध माना जाएगा। वहीं बसपा ने शोध की प्रवेश प्रक्रिया में बदला था। सरकार ने कॉमन टेस्ट के माध्यम से शोध में एडमिशन करने के आदेश दिए थे। साथ ही पूर्वाचल विश्वविद्यालय को कॉमन टेस्ट कराने का जिम्मा सौंपा था। टेस्ट पास करने वाले स्टूडेंट्स की मेरिट तैयार की गई थी। उन्होंने 25 हजार रुपए जमा करके छह माह का प्री-पीएचडी कोर्स किया। इसी दौरान 100-100 अंक के दो और 50 नंबर का एक पेपर हुआ। आरयू ने यह पेपर छह और आठ जनवरी को कराया। 19 केन्द्रों पर 450 परीक्षार्थियों ने एग्जाम दिया। शोधार्थी को हर पेपर में 50 फीसदी अंक हासिल करने होंगे। तभी वह पास माना जाएगा। वहीं आरयू के अलावा सूबे की कोई भी यूनिवर्सिटी अभी तक यह एग्जाम नहीं करा पाई है।

आरडीसी देगा टॉपिक

रिसर्चर को किस टॉपिक पर रिसर्च करनी है। यह आरडीसी (रिसर्च डिग्री कमेटी) तय करेगी। इसके बाद रिसर्चर को रिसर्च की रूपरेखा तैयार करनी होगी, फिर वह अपनी रिसर्च शुरू कर सकता है।

यह हैं मानक

1-स्टूडेंट्स का इंटरव्यू का टेस्ट के माध्यम से चयन हुआ हो।

2-एक थीसिस चेक होने के लिए स्टेट से बाहर जाएगी।

3-एक रिसर्च पेपर पब्लिश हुआ हो।

4-स्टूडेंट्स ने कम से कम दो सेमिनार की हो।

5-स्टूडेंट्स के पास शोध की इलेक्ट्रॉनिक सीडी हो।

6-मेथोलॉजी हो आदि।

वर्जन

आरयू सूबे में पहली यूनिवर्सिटी है, जिसने कोर्स वर्क का पेपर करा लिया है। जल्द ही रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा। इसके बाद शोधार्थियों को रिसर्च के लिए टॉपिक मिल जाएंगे।

एसएम सिंह, डीन फैकल्टी एप्लाइड सांइस