-शासन की ओर से बांबे हाईकोर्ट में दाखिल किया गया शपथ पत्र

BAREILLY: रबड़ फैक्ट्री (सिंथेटिक्स एंड केमिकल्स फैक्ट्री) की जमीन को नीलामी पर अब ब्रेक लग गया है। बांबे हाईकोर्ट में शासन की ओर से शपथ पत्र दाखिल कर दिया गया है, जिसके चलते 9 मई को अगली डेट लगी है। करीब एक महीने पहले बांबे हाईकोर्ट के आदेश पर डीआरटी (डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनलल) की टीम ने रबड़ फैक्ट्री की जमीन की नीलामी के लिए पैमाइश की थी, जिसके चलते प्रशासन में हड़कंप मच गया था। अब शासन जमीन पर मेगा प्रोजेक्ट तैयार करने का रास्ता साफ हो जाएगा. मौजूदा समय में जमीन की कीमत करीब 1200 करोड़ रुपए है।

शासन को भेजी थी फाइल

बता दें कि रबड़ फैक्ट्री की जमीन काफी समय से बंद पड़ी है। उसके बाद से इसकी कोई देखरेख करने वाला ही नहीं था। शासन में इसकी फाइल ही गायब हो गई थी। पूर्व डीएम आर विक्रम सिंह ने रबड़ फैक्ट्री की खाली पड़ी जमीन पर इंडस्ट्रियल एरिया डेवेलप करने का प्रोजेक्ट तैयार कर शासन को भेजा था। पूर्व डीएम ने रबड़ फैक्ट्री के जमीन के कागजात तैयार कर भी शासन को भेजे थे। इसी दौरान बांबे हाईकोर्ट की ओर से आदेश आया था, कि रबड़ फैक्ट्री की जमीन नीलाम की जाए और नीलामी की रकम से कंपनी का 1400 करोड़ रुपए का बकाया बैंकों को चुकाया जाए। डीआरटी की टीम रबड़ फैक्ट्री की जमीन की माप करने आयी थी, जिससे लग रहा था कि जमीन जाने के साथ-साथ 1200 करोड़ की जमीन का प्रोजेक्ट भी फंस जाएगा। उसके बाद पूर्व डीएम आर विक्रम ने एसएलओ सुल्तान अशरफ सिद्दीकी को फाइल भेजकर लखनऊ भेजा था और शासन को इस बारे में अवगत कराया था। बांबे हाईकोर्ट में 5 अप्रैल की डेट दी गई थी। इस मामले में एसएलओ के अकाउंट से मुआवजे के 1 करोड़ 24 लाख रुपए निकालने की एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी।

कोर्ट में मांगी केस की पूरी डिटेल

5 अप्रैल को शासन की ओर से एडवोकेट सत्यजीत वकील ने शपथ पत्र दाखिल किया है। बरेली से यूपीएसआईडीसी के आरएम सीके मौर्या भी कोर्ट में पहुंचे। डीएम वीरेंद्र कुमार सिंह ने उन्हें ही रबड़ फैक्ट्री की जमीन से जुड़े सभी काम देखने की जिम्मेदारी दी है। सीके मौर्या ने बताया कि शासन की ओर से शपथ पत्र दाखिल कर दिया है। कोर्ट में केस से पूरा स्टेटस मांगा है। स्टेटस रिपोर्ट मिलने के बाद कोर्ट में शासन की ओर से रबड़ फैक्ट्री के डॉक्यूमेंट पेश किए जाएंगे। 9 मई को अगली सुनवाई होगी।