रमजान और सावन से पहले सिटी में शुरू हो गए बवाल

खुराफातियों ने उड़ाई पुलिस-प्रशासन की नींद

BAREILLY: छोटी-छोटी बातों पर आए दिन शहर का सुकून छीन रहे ये उपद्रव किसी बड़े बवाल का संकेत दे रहे हैं। अगले कुछ ही दिनों में रमजान और फिर सावन शुरू हो जाएगा। ऐसे में, कुछ शरारती लोग अमन-चैन में खलल डालना चाहते हैं। बवाल के पीछे उनकी मंशा कुछ भी हो सकती है। इसमें राजनीति की रोटी सेंकने जैसी वजहों से भी इनकार नहीं किया जा सकता है, जिस प्रकार से आपसी विवादों के अलावा धार्मिक स्थलों से तोड़फोड़ व धार्मिक भावनाएं आहत करने वाली घटनाएं हो रही हैं, वह इसी ओर इशारा कर रही हैं। सैटरडे को धार्मिक स्थल पर तोड़-फोड़ के बाद तो पुलिस के कान खड़े हो गए हैं। अफसरान त्योहारों पर शांति व्यवस्था कायम करने की गुपचुप रणनीति भी बना रहे हैं। ताकि, उपद्रवियों को घटना अंजाम देने से पहले ही दबोच लें।

भाई-चारे के पवर् में खलल

पुलिस के अनुसार 18 या 19 जून से रमजान का पावन महीना शुरू होने जा रहा है। 13 जुलाई से सावन की भी शुरुआत हो जाएगी। इस दौरान कई कार्यक्रम आयोजित होंगे। कांवड़ें निकलेंगी। कई जुलूस भी आयोजित होंगे। कुछ दिन तो दोनों त्योहार एक साथ होंगे। ऐसे में, कुछ खुराफाती माहौल बिगाड़ सकते हैं।

बवाल का रहा है इतिहास

इन त्योहारों पर बीते वर्षो में माहौल बिगाड़ने की कोशिशें की गई थीं। बवाल ने बड़ा रूप भी ले लिया था। यही वजह है कि शासन-प्रशासन की लिस्ट में बरेली मोस्ट सेंसिटिव शहर है। बवाल की आहट मिलने भर से अधिकारी भी अलर्ट हो गए हैं।

धार्मिक स्थलों की निगरानी के आदेश

गुलाबनगर बजरिया में सैटरडे को बवाल के बाद एसपी सिटी राजीव मल्होत्रा ने धार्मिक स्थलों की निगरानी के निर्देश दिए हैं। नाइट ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मी अपने एरिया मे सुबह 4 बजे से उजाला होने तक सभी धार्मिक स्थलों की चेकिंग करेंगे। इसके लिए प्रत्येक थाना में एक एसआई, दो कांस्टेबल की पोस्टल पार्टी बनाई जा रही हैं, जो जीडी में एंट्री करने के बाद थाने की गाड़ी से चेकिंग पर निकलेंगे। इस दौरान वह धार्मिक स्थल की रिपोर्ट भी कंट्रोल रूम को डेली नोट कराएंगे.जल्द ही एसपी सिटी, सीओ और एसएचओ के साथ मीटिंग करेंगे। यही नहीं पहले से प्रकाश में आए खुराफातियों को रेड कार्ड इश्यू कर मुचलका पाबंद किए जाएंगे।

अभी तक फेल्योर रही है पुलिस

पुलिस-प्रशासन की तैयारियां सिर्फ कागजों पर ही रह जाती हैं। दंगा निरोधक स्कीम भी लागू होती हैं। लेकिन स्टाफ की कमी के चलते सिर्फ खानापूर्ति की रह जाती है। सिटी में माहौल न बिगड़े और बिगड़े तो उन्हें रोकने के लिए अमन कमेटी बनाई जाती है। मोहल्लों में पुलिस-प्रशासन के अधिकारी मीटिंग करते हैं, लेकिन जब बवाल होता है तो ये सब धरी की धरी रह जाती है।

नहीं काम आता सीसीटीवी और कैम

खुराफातियों पर नजर रखने के लिए सिटी में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाने के बड़े-बड़े वादे होते हैं। हालांकि, त्योहार से पहले इन्हें एक बार फिर से सही कराना शुरू कर दिया गया है। यही नहीं जुलूस, कार्यक्रम या बवाल के दौरान पुलिस और प्रशासन के वीडियो कैमरे भी चलाने की बात होती है, लेकिन ऐन वक्त पर ये भी सब बेकार जाता है।

कैसे काम करे खुफिया विभाग

बवाल और बवालियों पर नजर रखने के लिए पुलिस का एलआईयू यानि खुफिया विभाग एक्टिव रहता है, लेकिन सवाल खड़ा होता है कि एलआईयू सही जानकारी जुटाए तो कैसे। बरेली में 29 थाना हैं, लेकिन एलआईयू मे सिर्फ 22 स्टाफ की पोस्टिंग है। इनमें 1 डिप्टी एसपी, 3 इंस्पेक्टर, 3 एसआई व अन्य कांस्टेबल हैं। इनमें भी 8 तो ऑफिस वर्क में लगे रहते हैं। एक-दो छुट्टी पर भी जाते हैं। फील्ड के लिए सिर्फ 12 लोग बच जाते हैं। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि 45 लाख की आबादी में 12 लोग कैसी खुफिया जानकारी जुटाएंगे। यही वजह है कि खुराफातियों पर नकेल लगाने के सारी तैयारियां धरी की धरी रह जाती हैं।

पिछले कुछ दिनों में हुए बड़े बवाल

-सुर्खा में दूसरे समुदाय की किशोरी पर जलती सिगरेट फेंक देने पर बवाल हो गया

-बानखाना में पान के रुपए न देने पर बवाल और फायरिंग

-बानखाना में ही मामूली बात पर एक बार फिर से बवाल और तोड़फोड़

-कुतुबखाना में मस्जिद पर कब्जे को लेकर बवाल, अभी सुलग रहा है विवाद

-करमपुर चौधरी में जुलूस के दौरान पथराव के बाद बवाल

-बानखाना में आइसक्रीम जमाने को लेकर जमकर बवाल और फायरिंग

-करेली में समझौते को लेकर मारपीट, फायरिंग और बवाल

-गुलाबनगर बजरिया में धार्मिक स्थल तोड़कर बवाल

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धार्मिक स्थल तोड़कर माहौल खराब करने की कोशिश

सैटरडे रात किला के गुलाबनगर बजरिया में धार्मिक स्थल में तोड़फोड़ कर माहौल खराब करने की कोशिश की गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह से धार्मिक स्थल को सही कराकर माहौल को शांत किया। मौके पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

शटर के अंदर तोड़ दी मूर्ति

गुलाबनगर बजरिया में शक्ति धाम मंदिर है। इस मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति है। पुजारी बिल्लू उपाध्याय ने सुबह मंदिर खोला तो देखा कि मूर्ति उखड़ी है और हाथ भी टूटा हुआ है। सूचना मिलने पर भीड़ बढ़ने लगी और लोगों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली तो पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए।

दूसरी मूिर्त स्थापित

पुलिस ने लोगों को शांत कर दूसरी मूर्ति स्थापित करने की बात कही। इस पर तुंरत पुलिसकर्मी टूटी मूर्ति को अपनी गाड़ी में लेकर गए और उसे गंगा में विसर्जित कर दिया। नई मूर्ति खरीदकर लाई गई और फिर प्राण स्थापना कराई गई। इस दौरान एसपी सिटी, सीओ 2, सीओ 1, एसएचओ किला, प्रेमनगर व अन्य पुलिसकर्मी पहुंच गए। पुलिस का कहना है कि मूर्ति खंडित करने वाले शख्स की तलाश की जा रही है।

त्योहारों को देखते हुए पुलिस तैयार हो गई है। धार्मिक स्थलों की सुबह चेकिंग के लिए पोस्टल पार्टी बनाई गई हैं। जल्द ही, सभी खुराफातियों को रेड कार्ड जारी कर मुचलका पाबंद किए जाएंगे। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंचकर एक्शन ले रही है।

राजीव मल्होत्रा, एसपी िसटी बरेली

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आपत्ति जनक पोस्ट कर रहा बवाल

व्हाट्सएप यूज करना एक स्टेटस बनता जा रहा है। इसके जितने फायदे हैं उतने ही नुकसान भी सामने आ रहे हैं। यहां तक व्हाट्सएप धार्मिक बवाल भी करा रहा है, जो पुलिस के जी का जंजाल बन रहा है। कई मामलों में महिलाओं को बदनाम करने में भी इसका यूज किया जा रहा है। बरेली में इसके मिसयूज के कई मामले सामने आ चुके हैं।

केस 1- हाफिजगंज के रिठौरा में व्हाट्सएप के एक ग्रुप पर हल्द्वानी के युवक ने फोटो पोस्ट कर दिया। इस पोस्ट में धर्म से जुड़ी आपत्ति थी। एक ग्रुप से मैसेज कई लोगों के पास पहुंच गया, जिसके बाद बवाल हो गया।

केस 2- प्रेमनगर के गुलाबनगर में भी व्हाट्सएप पर धर्म से जुड़ी आपत्तिजनक बात पोस्ट कर दी गई थी। इसको लेकर जमकर बवाल हुआ था। पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर मामला शांत किया था।

केस 3- प्रेमनगर में एक महिला को व्हाट्सएप पर अश्लील मैसेज भेजे गए। विरोध पर उसका नंबर व्हाट्सएप के ग्रुप पर फ्लैश कर दिया गया,

केस 4- सिरौली में व्हाट्सएप पर एक धर्म की आपत्तिजनक पोस्ट भेज दी गई, जिससे लोग गुस्से में आ गए।

छोटी सी गलती पड़ती है भारी

व्हाट्सएप पर कई बार लोग मजाक में ही एक ग्रुप में कुछ भी पोस्ट कर देते हैं। वह इस बात से अंजान होते हैं कि ग्रुप में शामिल किसी शख्स को इससे आपत्ति हो सकती है। कई बार लोग एक ग्रुप से दूसरे ग्रुप में कमेंट फारवर्ड कर देते हैं जिससे भी प्राब्लम हो जाती है। सबसे ज्यादा प्राब्लम धर्म से जुड़ी आपत्ति जनक पोस्ट पर हाेता है।

पुलिस से बचना मुश्किल

व्हाट्सएप पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में पुलिस एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करती है। व्हाट्सएप पर आपत्तिजनक पोस्ट के मामले में पुलिस सबसे पहले जिस नंबर से पोस्ट आई है, उसे खंगालती है। पुलिस उस नंबर का एड्रेस तलाशती है।

एक ग्रुप से दूसरे ग्रुप में ज्यादा से ज्यादा मैसेज भेजना गलत मंशा की ओर इशारा करता है। पोस्ट भेजने वालों के खिलाफ साइबर सेल कार्रवाई कर रही है।

डॉक्टर एसपी सिंह, एसपी क्राइम