हर साल बढ़ रहे डीएल होल्डर्स
वर्ष मेल फीमेल
2016-17 58339 2423
2017-18 60815 2618
2018-19 58813 2161
2019-20 85932 3574
2020-21 63123 2683

बरेली ( ब्यूरों )।: महिलाएं अब किसी भी क्षेत्र में कम नहीं हैं। वह हर क्षेत्र में बढ़ चढ़ कर हिस्सा बन रही हैं। वहीं अगर बात की जाए रोड पर वाहन चलाने की तो महिलाएं भी पूरी स्किल के साथ ड्राइविंग करती नजर आ रहीं हैं। जिसमें लगभग 60 परसेंट स्कूटी तो वहीं 40 परसेंट कार चला रहीं हैं। पिछले कुछ सालों में महिलाओं में ड्राइविंग को लेकर क्रेज बढ़ा है। ऐसे में महिलाएं अब कामर्शियल क्षेत्र में भी आगे आ रही हैं। हालांकि अभी डीएल लेने वाली महिलाओं का रेश्यो पुरुषों की अपेक्षा थोड़ा कम है। इसके बावजूद भी लाइसेंस में थोड़ी बढ़ोत्तरी हुई है। कई बिजनेस वुमेन सड़कों पर कामर्शियल वाहन भी दौड़ा रही हैं।

ताकि न रहें किसी पर डिपेंड
नारी खुद को सशक्त बनाने के लिए हर तरह की कोशिश कर रही हैं, जिससे वह हर क्षेत्र में अपनी पहचान स्थापित कर सकें। वहीं अगर बात करें रोड पर किसी भी प्रकार के वाहन चलाने की तो लगभग सभी तरह के वाहन महिलाएं चला रहीं हैं। इसके पीछे महिलाओं का मानना है कि आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। इसके बावजूद कई बार अकेले जाने में दिक्कत होती है, इसलिए ड्राइविंग सीखना भी जरूरी है, जिससे किसी पर डिपेंड न रहना पड़े।

खुद संभाल रहीं जिम्मेदारी
बदलते समय के साथ लोगों की सोच भी बदलने लगी है। ऐसे में अब महिलाएं कामर्शियल क्षेत्र में आगे आ रहीं हैं। ऑटो रिक्शा चलाना हो या ई रिक्शा या फिर अपने पर्सनल बिजनेस के लिए सामान को लाना या ले जाना हो सभी काम महिलाएं खुद ही संभाल रही हैं।

कमर्शियल डीएल की भी डिमांड
विभागीय अधिकारियों की मानें तो पिछले कुछ सालों में कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस लेने वाली महिलाओं की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। हालांकि यह संख्या पुरुषों के मुकाबले बहुत कम है। महिलाओं के जितने डीएल जारी किए जा रहे हैं उनमें करीब 15 परसेंट कमर्शियल है।

होम डिलीवरी में भी आसानी
परिवहन विभाग की तरफ से एक अभियान चलाया जाएगा। जिसके अंर्तगत महिलाओं को हेलमेट के बारे मे जानकारी दी जाएगी। इसमें प्रत्येक महिला को अवेयर किया जाएगा। जिससे वह हेलमेट पहने और अपनी सुरक्षा का ध्यान भी रखें। जिससे महिलाएं होम डिलीवरी भी कर सकेगीं। जो अब तक नहीं कर पाती थी। इसके अलावा पार्लर टू होम भी आसान हो जाएगा।


वर्जन
स्कूटी तो हम पहले काफी समय से चला रहे हैं। लेकिन पूरा बिजनेस देखना पड़ता है। ऐसे में जब कोई नहीं होता तो खुद ही ट्रांसपोर्ट से सामान लेने जाना पड़ता है। तो कामर्शियल लाइसेंस का होना भी बहुत जरूरी है।
संजोली, बिजनेस वुमेन

लाइसेंस तो होना ही चाहिए। चाहें वाहन चलाए या नहीं। पुरुष हो या पहले महिलाओं में लाइसेंस का के्रज नहीं था। पर समय के साथ बदलाव देखने को मिला है। जिससे महिला जागरुक भी हुई हैं।
भावना

शहर में स्कूटी हो या फिर कार चला तो 70 परसेंट महिलाएं रहीं हैं। लेकिन लाइसेंस सिर्फ 50 परसेंट के पास होना मुश्किल होगा। ऐसे में सभी को लाइसेंस लेना बहुत ही जरुरी है। इससे हमें रोजगार के अवसर भी मिल सकते हैं।
रिया

पिछले पांच सालों में 2019-20 तक में लाइसेंस सबसे ज्यादा महिलाओं ने बनवाए हैं। पहले संख्या बहुत कम थी। पहले की अपेक्षा महिलाएं जागरुक भी हुई हैं।
विमल गुप्ता ,आरटीओ