पड़ रहा अद्भुत संयोग

इस मकर संक्रांति पर लोगों को अद्भुत संयोग देखने को मिलेगा क्योंकि चतुर्दशी और मंगलवार एक साथ होने के कारण 'देवपद सिद्धयोग' का दुर्लभ संयोग बन रहा है.ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह संयोग पूरे 144 वर्षों बाद पड़ रहा है। यह वर्ष 14 जनवरी और हिंदू तिथि के अनुसार चतुर्दशी को होगा।  

धरती पर देवताओं का आगमन

144 वर्षों के बाद मृगशिरा नक्षत्र, मंगलवार और इंद्रयोग का जब संगम होता है तो उस योग को 'देवपदयोग सिद्ध योग' कहते हैं। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इस दिन किया गया कोई भी कार्य आरम्भ करने पर शुभ फलदायक होता है क्योंकि इस दिन देवता धरती पर विराजमान होंगे।

जमीन से संबंधित कार्य होंगे शुभ

अगर इस दिन आप जमीन से रिलेटेड किसी कार्य की शुरुआत करेंगे तो यह दिन आपके लिए फलदायी होगा। ज्यातिषाचार्यों का मानना है कि मंगल 'धरणी' भूमि का पुत्र है और धरणी सूर्य की पुत्री है इसलिए मकर संक्रांति का पर्व मंगल के शुभ दिन पर पडऩे की वजह से इस पर धरणी और सूर्य का विशेष वरदान मिलेगा।

मित्र व शत्रु राशियों पर असर

इस संयोग के कारण सूर्य व मंगल के मित्र व शत्रु राशियों पर विशेष इफेक्ट दिखाई देंगे। इसमें मेष, वृश्चिक राशि का स्वामी और कर्क, कुंभ, मकर, वृष, तुला, सिंह, धनु, मीन राशि का मित्र मंगल होने से यह काफी फलदायी होगा। इससे इन राशियों पर मंगल और सूर्य की दृष्टि रहेगी। इन राशि के जातकों को बिजनेस, धन के नए स्रोत, भूमि व वाहन का लाभ प्राप्त होगा। वहीं कन्या, मिथुन शत्रु राशियां हैं इसलिए इस राशि के जातकों को सावधानी बरतनी होगी।