स्पेशल न्यूज

- प्रत्येक डेढ़ वर्ष बाद होता है छाया ग्रहों का राशियों में परिवर्तन

- शत्रु और मित्र राशियों पर राहु केतु ग्रहों के परिवर्तन का होगा प्रभाव

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- प्रत्येक डेढ़ वर्ष बाद होता है छाया ग्रहों का राशियों में परिवर्तन

- शत्रु और मित्र राशियों पर राहु केतु ग्रहों के परिवर्तन का होगा प्रभाव

BAREILLY:

BAREILLY:

वक्री और छाया ग्रह के नाम से पहचाने जाने वाले ग्रह राहू और केतु का राशि परिवर्तन अपने शत्रु राशि के साथ हुआ है। ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक शत्ऱु राशियों में प्रवेश अन्य राशियों के जातकों पर भी अपने विषम प्रभाव से प्रभावित करेगा। ग्रहों का राशियों में होने वाला यह गोचर आगामी ख्फ् मार्च ख्0क्9 तक प्रभावी रहेगा। राहु केतु ग्रहों के राशि परिवर्तन से किन राशियों के जातकों पर क्या होगा प्रभाव आइए आपको बताते हैं।

डेढ़ वर्ष बाद हुआ परिवर्तन

ज्योतिषाचार्य पं। नीरज शर्मा ने बताया कि छाया ग्रहों का राशि परिवर्तन और राशियों के साथ गोचर होता है। राहू व केतु मध्यम गति और वास्तविक गति से गोचर करते हैं। इससे पहले मध्यम गति के आधार पर राशि परिवर्तन क्8 अगस्त ख्0क्म् को कर्क और मकर राशि में हुआ था। अब 9 सितम्बर ख्0क्7 को सुबह 7.फ्9 बजे वास्तविक गति के आधार पर राहू शत्रु सिंह राशि से निकल कर शत्रु राशि कर्क और केतु ने मकर राशि में प्रवेश किया। इसी दौरान राहू आश्लेषा, पुष्य व पुर्नवसु के चतुर्थ चरण यानि राहू, बुद्ध व शनि गुरू के नक्षत्र में रहेंगे।

शत्रु मित्र राशि पर प्रभाव

बुद्ध, शनि, राहू के परम मित्र और चन्द्रमा राहू का शत्रु है। ऐसे में राहू के शुभ-अशुभ दोनों परिणाम बुद्ध, शनि पर पडेंगे। केतु धनिष्ठा के दूसरे, श्रवण व उत्तराषाढ़ा के तीन चरण यानि चन्द्रमा, मंगल, सूर्य के नक्षत्र में रहेगा। केतु जब मंगल के नक्षत्र में रहेगा तो शुभ फल और जब सूर्य व चन्द्रमा के नक्षत्र में होगा तो अशुभ फल राशि के जातकों पर होंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वृषभ, कुंभ, तुला व कन्या राशि के लिए राहु शुभ रहेगा। केतु का गोचर वृश्चिक, सिंह, मेष और मीन राशि के शुभ रहेगा। दोनों ग्रह एक राशि के लिए कभी शुभ नहीं होते हैं।

ग्रह शांति के उपाय

राहू - 'ऊं रां राहवे नम:' मंत्र का जप

भगवान शिव व दुर्गा की पूजा

'ऊँ हौं जूं स:' मंत्र का जप

8 मुखी रूद्राक्ष माला धारण करें

गोमेद रत्‍‌न धारण कर सकते हैं

स्टूडेंट्स मां सरस्वती की पूजा व 'ऊँ नीलवर्णाय विद्महे, सैंहिकेयाय धीमहि, तन्नो राहू: प्रचोदयात्' मंत्र जपें

केतू - 'ऊँ ह्रीं केतवे नम:' का जाप

9 मुखी रूद्राक्ष माला धारण करें

लहसुनिया रत्‍‌न धारण कर सकते हैं

ग्रहों का राशि परिवर्तन शत्रु राशि के लिए अशुभ और मित्र राशि के लिए शुभ रहेगा। ग्रह शांति के उपाय करने से प्रभाव कम होने की संभावना है।

पं। राजीव शर्मा, ज्योतिषाचार्य