-आरयू ने नहीं दी अनुमति, छात्रा ने लिखित में लिया बयान

बरेली : पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाने वाली छात्रा ट्यूजडे को परमीशन नहीं होने के बाद एग्जाम देने पहुंच गई। लेकिन आरयू प्रशासन ने एंट्री नहीं दी। छात्रा करीब पांच घंटे तक इंतजार करने के बाद वापस लौट गई। वहीं छात्रा के कहने पर आरयू ने लिखकर दिया कि उसकी परीक्षा नहीं कराई जा सकती है।

एक भी क्लास नहीं की

शाहजहांपुर जेल में बंद छात्रा का सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एमजेपीआरयू में एलएलएम तृतीय सेमेस्टर में एडमिशन हुआ था। हालांकि इस प्रकरण के चलते वह एक भी दिन पढ़ने नहीं गई। जिस पर आरयू ने उपस्थिति मानक पूरा नहीं होने के कारण उसका एग्जाम कराने से इंकार कर दिया था। मंडे को जब वह बैक पेपर देने आई थी तब भी आरयू प्रशासन ने बता दिया था कि वह तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा नहीं दे सकेगी। इसके बावजूद ट्यूजडे सुबह साढ़े सात बजे छात्रा परीक्षा देने के लिए जेल से आरयू परिसर पहुंच गई।

इनकारनामा के लिए अड़ी रही

विधि विभाग के अध्यक्ष डॉ। अमित सिंह ने परीक्षा कराए जाने से इनकार किया तो छात्रा ने उनसे लिखित में यही बात मांगी। इस पर उन्होंने रजिस्ट्रार या फिर परीक्षा नियंत्रक के पास जाने को कहा। करीब 11 बजे परीक्षा नियंत्रक डॉ। संजीव कुमार आए, तब लिखकर दिया कि उपस्थिति पूरी नहीं होने के कारण न तो उसका परीक्षा फार्म पास किया गया और न ही प्रवेश पत्र जारी हुआ है। ऐसे में उसकी परीक्षा नहीं कराई जा सकती है। यह पत्र एसएसपी शाहजहांपुर को संबोधित करते हुए छात्रा के साथ आए पुलिसकर्मियों को सौंप दिया गया। दूसरी प्रति डाक के माध्यम से भेजी गई। दोपहर करीब साढ़े बारह बजे छात्रा वहां से जेल वापस गई।

छात्रा बोली, शिक्षा मेरा अधिकार

छात्रा ने मीडिया से बातचीत में अपने केस से जुड़े किसी भी बिंदु पर कुछ बोलने से इनकार कर दिया। हालांकि उसने कहा कि शिक्षा हासिल करना उसका अधिकार है। कोर्ट की अनुमति पर ही विशेष परिस्थिति में उसका यहां दाखिला हुआ था। अब अगर आरयू प्रशासन उसे परीक्षा में बैठने से मना कर रहा है तो यह कोर्ट की अवमानना है। वह हाईकोर्ट में याचिका दायर करेगी।