-करगैना आवासीय योजना में रह रहे लोगों को मिलेगा भवन का मालिकाना हक

-बरेली विकास प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में लिया गया अहम फैसला

बरेली : बीडीए की करगैना आवासीय योजना में रह रहे लोगों को बीडीए ने बड़ी राहत दी है। मूल आवंटियों से आवास खरीदने वाले अब आवास के असल मालिक बन सकेंगे। इसका प्रस्ताव सैटरडे को बीडीए बोर्ड की बैठक में पास हो गया। इसके साथ ही शहर के डेवलपमेंट के कई और प्रस्तावों पर भी मुहर लगी। बैठक में 1.81 अरब का आय और 1.84 अरब खर्च का बजट को भी मंजूरी मिली।

खर्च पर उठाए सवाल

कमिश्नर सभागार में सैटरडे को प्राधिकरण अध्यक्ष व कमिश्नर रणवीर प्रसाद की अध्यक्षता में हुई बोर्ड और बजट बैठक हुई। बीडीए की आगामी वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय व्यय का बजट पेश किया गया। 1.81 अरब की आय और 1.84 अरब का खर्च बीडीए ने दिखाया है। बोर्ड सदस्य राजेश अग्रवाल ने कहा कि राजस्व से आय 50 करोड़ आई थी और खर्च 30 करोड़ किए गए थे। बाकी रकम कहां गई। ऐसे ही जनवरी 2020 तक 37 करोड़ आए और 17 करोड़ खर्च किए गए। बाकी पैसा कहां जा रहा है। इसका हिसाब बीडीए अधिकारियों को लिखित में देना होगा।

दस्तावेज दिखाने पर बनेंगे मालिक

बीडीए ने बदायूं रोड पर करगैना आवासीय योजना 1987 से 1991 के बीच शुरू की थी। 632 ईडब्ल्यूएस भवनों का आवंटन लेने के बाद बहुत से लोगों ने उन्हें दूसरों को बेच दिया था। भवन खरीदने के बाद लोग यहां रहने भी लगे, लेकिन पूरा पैसा देने के बाद भी बीडीए ने उन्हे मालिकाना हक नहीं दिया। बोर्ड बैठक में वहां रह रहे लोगों को मालिकाना हक दिए जाने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया। बीडीए वीसी दिव्या मित्तल ने कहा कि ऐसे लोग जिनके पास कम से कम तीन साल का योजना के बने भवनों में रहने का प्रमाण पत्र, जिसमें वोटर आईडी, आधार कार्ड, राशन कार्ड, गैस कनेक्शन और बिजली कनेक्शन आदि की रसीद दिखानी होगी।

फ्री मिलेगा संजय कम्युनिटी हॉल

संजय कम्युनिटी हॉल राष्ट्रीय पर्व पर आयोजन के लिए दिए जाने का मामला भी हल हो गया। संजय कम्युनिटी हॉल अब राष्ट्रीय पर्व के कार्यक्रम के लिए निशुल्क दिया जाएगा लेकिन इसके लिए डीएम की अनुमति लेना आवश्यक है।

यह रहे मौजूद

बीडीए बोर्ड सदस्य राजेश अग्रवाल, सतीश कातिब, नरेश शर्मा, पुष्पेंदु शर्मा, उमेश कठेरिया, आरेंद्र अरोड़ा और डीएम नितीश कुमार, बीडीए वीसी दिव्या मित्तल, नगरायुक्त अभिषेक आनंद आदि अधिकारी मौजूद रहे।