बरेली (ब्यूरो)। शहर का एनवायरमेंट यूं तो साफ-सुथरा रहता था, पर इस बार दीपावली से पहले ही एनवायरमेंट की स्थिति कहीं पुवर तो कहीं अनहेल्दी लेवल तक पहुंच चुकी है। इसका मुख्य कारण शहर में कराए जा रहे बड़े निर्माण कार्यों में की जा रही मानकों की घोर अनदेखी है। इसमें जिम्मेदारों की लापरवाही और भी भारी पड़ रही है। इसके अलावा शहर में बेरोकटोक दौड़ रहे हजारों ऐसे वाहन जो अपनी उम्र पूरी कर चुके हैं, वह भी एनवायरमेंट के लिए बड़ी मुसीबत बन रहे हैं। इससे शहर का एक्यूआई लगातार बढ़ रहा है। रीजनल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से पॉल्यूशन मेजर करने के लिए शहर के अलग-अलग जगहों पर लगाए गए इक्यूमेंट के रिजल्ट के अनुसार सिविल लाइंस का एक्यूआई 149 और राजेन्द्र नगर का एक्यूआई 85 तक पहुंच गया है। कुछ समय पहले यह एक्यूआई 50 के आसपास तक सीमित रहता था।

मानसून विदा, चढ़ा एक्यूआई
मौसम की लास्ट बारिश तक शहर का एक्यूआई 50 तक ही रहा था। कई दिनों तक बारिश नहीं होने पर यह एक्यूआई 60 या फिर 70 तक पहुंच गया था। उस दौरान निर्माण कार्य भी बंद थे। मानसून की विदाई के बाद शहर में निर्माण कार्य जैसे ही शुरू हुए तो इनमें मानकों की अनदेखी से एक्यूआई 150 तक पहुंचने लगा। लगातार बढ़ रहे एक्यूआई के पीछे इन्हीं निर्माण कार्यों को माना जा रहा है। अगर जिम्मेदार इसको लेकर सचेत और संवेदनशील होते तो एक्यूआई की स्थिति चिंताजनक स्थिति को ओर नहीं बढ़ती।

हयूमिडिटी, हाई विंड स्पीड कम
इस समय टेंपरेचर डाउन होता जा रहा है। इसके साथ ही ह्यूूिमडिटी हाई और विंड स्पीड कम होती जा रही है। इसीलिए जो पार्टीकुलेट मेटल या फिर वाहनों के धुएं में निकले वाले छोटे कण जो पीएम 2.5 होते हैं, वह ऊपर नहीं उठ पाते हैं। यह छोटे कण एक्यूआई बढऩे का मेन कारण होते हंै। शहर में डस्ट भी काफी है और खोदाई के कारण धूल के कण भी उड़ रहे हैं। फेस्टिव के कारण हर कोई वाहन लेकर मार्केट निकल रहा है, जिससे जाम की भी समस्या हो रही है। वाहनों से निकलने वाले धुएं से भी पीएम 2.5 ही निकलता है। इसीलिए एक्यूआई बढऩे लगा है। इस समय फसलों के अवशेष भी कई बार लोग जला देते हैं इस कारण भी एक्यूआई बढ़ जाती है।
-डॉ। आलोक खरे पर्यावरण विद

पानी का हो छिडक़ाव
शहर में निर्माण के चलते एक्यूआई थोड़ा बढ़ा है। इसके लिए लगातार निगरानी की जा रही है। ह्यूूमिडिटी बढऩे के कारण और हवा की स्पीड भी कम हो गई है। इसके साथ ही निर्माण के कारण कुछ एरिया में डस्ट उड़ रही है। इसीलिए शहर में एक्यूआई बढ़ा है। किसान भी पराली न जलाएं इसकी भी निगरानी की जा रही है।
रोहित सिंह, रीजनल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड अधिकारी