बरेली(ब्यूरो)। शहर का सबसे पुराना किला ओवरब्रिज अब एक बार फिर से पूरे दमखम के साथ ओपन होने का इंतजार कर रहा है। 4.88 करोड़ की लागत से इस पुल का मरम्मत कार्य करीब पूरा हो चुका है। मरम्मत के बाद यह पुल अगले 20 सालों तक शहर की लाइफ लाइन बना रहेगा।

बदले गए 22 एक्सपेंशन ज्वाइंट
वर्ष 1982 में बने किला ओवर ओवरब्रिज की उम्र यूं तो 60 साल आंकी गई, पर यह ब्रिज 40 साल में ही जर्जर हाल में पहुंच गया। मोरबी पुल हादसे के बाद जब शासन ने जर्जर पुलों के मामले में संज्ञान लिया तो, तत्कालीन कमिश्नर संयुक्ता समद्दार ने किला ओवरब्रिज की मरम्मत के लिए पैरवी की और वर्षों से लटके इसके मरम्मत के प्रस्ताव को मंजूर कराया। इसके मरम्मत के लिए शासन से 4.88 करोड़ का बजट मिलने के बाद जनवरी से इस पर मरम्मत कार्य शुरू करा दिया गया। मरम्मत में सबसे पहले इस पुल के एक्सपेंशन ज्वाइंट बदलने का काम शुरू हुआ। अब इसके सभी 22 एक्सपेंशन ज्वाइंट, पैनल, बेयरिंग बदल दिए गए हैं। इससे यह पुल फिर पॉवरफुल हो गया है।

सैकड़ों टन घटा पुल का वजन
किला ओवरब्रिज के समय से पहले जर्जर होने की सबसे बड़ी वजह रही, इस पर लगातार बढ़ता वजन। बीते 40 सालों में इस पुल के ऊपर कई बिटुमिन यानी कंक्रीट मिक्स कोलतार की लेयर बिछाई गई। इससे पुल पर सैकड़ों टन वजन बढ़ गया। एक्सपट्र्स ने पुल के समय से पहले ही जर्जर होने के पीछे यही बड़ी वजह बताई। अब मरम्मत के दौरान पुल से 18 से 20 इंच तक कोलतार की पुरानी लेयर हटाई गई। इसके बाद नई परत बिछाई गई है।

पहली बार लगे व्यू कटर
किला पुल पर पतंग वाले माझे से वाहन चालकों के घायल होने की घटना आम बात थी। अब इस पुल पर इस तरह की घटनाएं नहीं होंगी। इसके लिए इस पुल पर पहली बार व्यू कटर लगाए गए हैं। इसके साथ ही पुल की पुरानी जर्जर रेलिंग की भी मरम्मत की गई है। इससे पुल पर आवागमन सुरक्षित हो सकेगा।

ई पॉक्सी से मिली मजबूती
पुल को मजबूती प्रदान करने के लिए इसकी ई पॉक्सी की गई है। इस प्रक्रिया में पुल के दरारों में कैमिकल भरा जाता है। इसके बाद माइक्रो कंक्रीटिंग से दरारों को फिक्स किया गया है। इस प्रक्रिया से पुल के उन पिलर के ब्रेकेट्स को मजबूती मिल गई, जिनमें दरारें आ गई थी। ब्रेकेट मजबूत होने से पुल भी मजबूत हो गया है।

1 अप्रैल को खुलना था पुल
पुल का मरम्मत कार्य के लिए मार्च तक का समय निर्धारित किया गया था। कार्य तय समय के अनुरूप चल भी रहा था। इसके चलते ही पुल को पहली अप्रैल को खोलने की बात भी कही जा रही थी, पर बेमौसम बारिश होने से पुल पर सडक़ डालने का काम पिछड़ गया। अब यह कार्य भी पूरा हो गया है। इससे उम्मीद लगाई जा रही है कि अब पुल कुछ दिनों में ही पब्लिक के लिए ओपन हो जाएगा।

20 साल के लिए सुरक्षित हुआ पुल
पुल की मरम्मत कार्य की निगरानी में लगे पीडब्ल्यूडी के जूनियर इंजीनियर सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि पुल का कार्य करीब पूरा हो गया है। मौसम खराब होने से इसमें कुछ विलंब हुआ है। मरम्मत कार्य होने से पुल आगामी 20 साल के लिए सुरक्षित हो गया है।
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