-नीलामी की बाट जोह रही बसों से पैसेंजर्स ढो रहा परिवहन निगम

-रीजन की 19 बसें पूरी कर चुकी हैं उम्र

BAREILLY:

सुरक्षा का वादा करने वाला परिवहन निगम प्रबंधन यात्रियों को जानलेवा सफर करा रहा है। बात बरेली रीजन की करें तो नीलामी की बाट जोह रहीं बसों ऑपरेशन मोड में हैं, जिनसे रोजाना सैकड़ों यात्रियों को सफर कराया जा रहा है। जबकि, परिवहन निगम की सेवा नियमावली के मुताबिक ही उम्रदराज बसों का यूज सवारी ढोने के लिए नहीं किया जा सकता है। क्योंकि इन बसों में सफर जानलेवा हो सकता है।

बसों का मियाद खत्म

बरेली रीजन में रोडवेज के बेड़े में टोटल बसों की संख्या 497 है। इनमें से 14 बसें ऑफ रोड हैं, जो मरम्मत न हो पाने के चलते रूट पर नहीं चल पा रही हैं। वहीं बेड़े में 19 ऐसी बसें हैं, जो ऑपरेशन यानि चलने की मियाद पूरी कर चुकी हैं। बरेली रीजन प्रबंधन को इन बसों की जल्द से जल्द नीलामी करा लेनी चाहिए। ताकि, इन बसों के जगह दूसरी बसों की खरीद-फरोख्त हो सके। हैरत की बात है कि इन बसों का यूज सवारी ढोने में किया जा रहा है। इनमें बरेली डिपो की 10, रूहेलखंड की 4, पीलीभीत की 3 और बदायूं डिपो की 2 बसें शामिल है, जो 6 साल या फिर 8 लाख किलोमीटर चल चुकी हैं।

हादसे को दे रहे दावत

फिजिबिलिटी के लिहाज से इन बसों से यात्रियों को ढोना हादसे को दावत देना है। कभी कोई हादसा हो गया तो खुद परिवहन निगम प्रबंधन को जवाब देते नहीं बनेगा। साथ ही, हादसे के पीडि़तों को बीमा का लाभ देने से भी बीमा कंपनियां किनारा कर सकती हैं। क्योंकि, कबाड़ बसों का संचालन अमान्य है। हालांकि, निगम प्रबंधन की इस लापरवाही को खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है। परिवहन निगम की बसों से होने वाले हादसों में पीडि़त पक्ष को मार्च 2014 से मार्च 2015 के 97 लाख रुपए से अधिक का मुआवजा दे चुका है। साल 2016 में भी एक दर्जन से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। जिनके मामले कोर्ट में चल रहे हैं। कंडम बसों में सबसे अधिक डर बसों की कमानी टूटने, गेयर जाम होने और ब्रेक फेल का होता है। पिछले साल नॉवेल्टी बस स्टेशन से निकलते समय बस ने मढ़ीनाथ की रहने वाली देवरानी और भाभी को टक्कर मार दी थी। बस का ब्रेक ही फेल हो गया था।

बॉक्स

नई बस की मियाद

पहले- 6 साल या 8 लाख किलोमीटर।

अब - 8 साल या 10 लाख किलोमीटर।

रिनोवेट बस की मियाद

पहले - 8 साल या 10 लाख किलोमीटर।

अब - 10 साल या 11 लाख किलोमीटर।

मियाद खत्म बसें जो चल रहीं हैं

यूपी 25 टी 9651

यूपी 25 टी 9664

यूपी 25 टी 8870

यूपी 25 टी 9681

यूपी 14 एई 9244

यूपी 25 टी 9523

यूपी 25 एजी 0249

यूपी 25 टी 5451

यूपी 25 टी 6890

यूपी 25 टी 9675

यूपी 25 टी 7859

यूपी 25 टी 9663

यूपी 25 टी 9412

यूपी 25 टी 8871

यूपी 25 टी 9423

यूपी 14 एएफ 9651

यूपी 25 टी 9671

यूपी 25 टी 9670

यूपी 25 टी 9688

कई बसों से जुड़ मामले कोर्ट में चल रहे हैं। कुछ बसों के नीलामी का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा गया था। 10 बसों को खड़ा करने के आदेश आ चुके हैं।

मृगांक अग्रवाल, एसएम, रोडवेज

जिन बसों की मियाद खत्म हो गई हैं उनकी जगह नहीं बसें आनी चाहिए। कंडम बसों का चलाना बस के स्टॉफ और पैसेंजर्स दोनों के लिए खतरा है।

रविंद्र कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष यूपी, रोडवेज कर्मचारी संघ संयुक्त परिषद