- निदा, फरहत के साथ हलाला और तलाक पीडि़ता पहुंची राज्य अल्पसंख्यक आयोग

- आयोग ने पीडि़त महिलाओं की समस्या सुनकर संबंधित डीएम को कार्रवाई के दिए निर्देश

BAREILLY :

ट्रिपल तलाक और हलाला पीडि़ताएं वेडनसडे को राज्य अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष तनवीर हैदर उस्मानी के सामने पेश हुई। बरेली से निदा खान और फरहत नकवी के साथ ट्रिपल तलाक और हलाला पीडि़ताओं के लिए राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने बुलाया था। आयोग के अध्यक्ष ने सभी महिलाओं से उनकी अलग-अलग पीड़ा सुनी। इस दौरान कई महिलाएं अपनी पीड़ा सुनाते हुए रो पड़ीं। वहीं आयोग ने महिलाओं को न्याय दिलाने का भरोसा दिया। मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी ने आयोग के अध्यक्ष से ट्रिपल तलाक और हलाला पीडि़ताओं को रोजगार मुहैया कराने की मांग रखी है, जिस पर आयोग के अध्यक्ष ने सरकार की योजनाओं से लाभ दिलाने का भरोसा दिया है।

तो कर लूंगी आत्मदाह

लखनऊ में आयोग के अध्यक्ष के सामने दोपहर को निदा खान और फरहत नकवी ने अपने साथ तलाक और हलाला पीडि़ताओं को पेश किया। इस दौरान आयोग के अध्यक्ष तनवीर हैदर उस्मानी ने करीब 3 घंटे उनकी अलग-अलग पीड़ा सुनी। जिसमें संभल की रहने वाली रजिया ने बताा कि उसका निकाह 2015 में मोहम्मद नूर के साथ मुरादाबाद में हुआ था। ससुराल वाले दहेज में कार लाने के लिए परेशान किया जाने लगा। निकाह के 24 दिसंबर 2015 को शौहर ने तलाक दे दिया। कोर्ट में केस के बाद शौहर समझौते का दबाव डालने लगा। समझौते के बाद मुफ्तियों से राय ली तो हलाला करने की बात सामने आई। जबरन ससुर के साथ एक दिन हलाला कराया फिर तलाक दिला दिया। आरोप है जब वो इद्दत में थी तो उसके पति ने उसके साथ रेप किया, जिसके कारण वो गर्भवती हो गई तो पति ने बदनामी के डर मायके छोड़कर फरार हो गया। अब उसके एक बेटा जिसे वह अपनाने को तैयार नहीं है। रजिया अपना दर्द बयां करते हुए आयोग के अध्यक्ष के सामने रो पड़ी, बोली अब न्याय नहीं मिला तो वह आत्मदाह कर लेगी। जिस पर आयोग के अध्यक्ष ने तुंरत संभल डीएम को फोन कर पति और ससुर पर एफआईआर के आदेश्ा दिए हैं।

छह पीडि़ताएं पहुंची थ्ाी लखनऊ

फरहत नकवी ने बताया कि उनके साथ संभल की रजिया, शहर की फातिमा नूरी, नवाबगंज की देवी अफरोज, फूल सबा ओर रूहिमा थी। जबकि निदा खान के साथ सबीना थी। आयोग के अध्यक्ष के सामने फातिमा नूरी ने बताया कि उसने शौहर के साथ धर्म परिवर्तन कर निकाह किया, लेकिन शौहर ने उसे तलाक दे दिया। अब वह अपने घर भी नहीं सकती है। अब उसका कोई सहारा भी नहीं बचा है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के चलते निदा नहीं हो सकीं शामिल

ट्रिपल तलाक और ससुर के साथ हलाला पीडि़ता सबीना को लेकर निदा खान भी राज्य आयोग में बुलावा पर पेश हुई थीं। आला हजरत हेल्पिंग सोसाइटी की अध्यक्ष निदा ने बताया कि वह चाहती थीं कि आयोग पीडि़ताओं की समस्या को अकेले में सुने, लेकिन आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पीडि़ताओं की समस्या को सुना। जिससे वह प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं हुई। पीडि़ता को शामिल करा दिया था।

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