-कार में भरकर सप्लाई करने जा रहा था, 30 वर्ष में पहली बार हाथ आया

बरेली : सफेद कुर्ते में काले कारनामे छिपाने वाला पढेरा का तस्कर ग्राम प्रधान शाहिद गिरफ्तार कर लिया गया। उसके पास से 20 किलो स्मैक बरामद हुई, जो कि जिले में अब तक की सबसे बड़ी खेप बताई जा रही। उसका गिरोह दिल्ली, उत्तराखंड तक स्मैक सप्लाई करता था। मंगलवार देर रात वह भतीजे सैफ के साथ तस्करी करने निकल रहा था, तभी पकड़ लिया गया। बुधवार को दोनों को जेल भेज दिया गया।

कार में लोड कर रहे थे स्मैक

फतेहगंज पूर्वी का पढेरा गांव तस्करों का बड़ा अड्डा है। यहां के 10 तस्कर इन दिनों दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। कुछ दिन पहले सीओ आरके मिश्र को तस्कर शहिद उर्फ छोटे खां के बारे में सूचना मिली तो उन्हाेंने फतेहगंज पूर्वी व फरीदपुर थाना पुलिस को सुराग जुटाने के लिए लगाया। मंगलवार देर रात टीमों ने प्रधान शाहिद खां के घर दबिश दी। पुलिस के अनुसार, वह भतीजे सैफ उर्फ राजू के साथ कार में स्मैक के पैकेट भर रहा था। उसी समय दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। स्मैक की तौल कराई गई तो 20 किलो निकली।

पांचवीं बार घर में प्रधानी

शाहिद ने गांव में अच्छी पकड़ बना ली थी। तस्करी का पैसा वह राजनीति में भी लगाता था। बीते चुनाव में वह प्रधान बना। इससे पहले उसकी पत्‍‌नी एक बार, भाई दो बार व मां एक बार प्रधान रह चुकी हैं। हर चुनाव में हनक दिखाने के लिए वह खुद को सपा का सक्रिय कार्यकर्ता बताता था। बुधवार दोपहर को एसओजी ने उससे पूछताछ की तो स्वीकारा कि करीब 30 वर्ष से वह तस्करी कर रहा था।

शाहिद स्मैक का बड़ा तस्कर है। उससे करीब 20 करोड़ की स्मैक बरामद हुई है। गिरोह के कुछ अन्य साथियों के नाम पता चले हैं, जिनकी तलाश हो रही।

-राजकुमार अग्रवाल, एसपी देहात, बरेली।

सिर्फ तीस साल में खड़ा किया अरबों का साम्राज्य

फतेहगंज पूर्वी में स्मैक तस्करी के आरोप में पकड़ा गया मोहम्मद शाहिद उर्फ छोटे खा पुत्र इमरान खां मौजूदा समय में पढेरा गांव का प्रधान है। इससे पहले इसकी पत्नी एक बार, दो बार भाई, एक बार मां प्रधान रह चुकी है। स्मैक की तस्करी करते करते पिछले 30 सालों में उसने अरबों का साम्राज्य स्थापित कर लिया। बताया जाता है कि इसके पिता पहलवानी करते थे और यह दोनों भाई आटा पीसने की चक्की चलाया करते थे, लेकिन तभी से धीरे-धीरे तस्करी का ऐसा धंधा शुरू हुआ कि मौजूदा समय में सभी घर वालों पर करोड़ों रुपए की संपत्ति अलग-अलग थाना क्षेत्रों में है। फरीदपुर में एक बैटरी बनाने की फैक्ट्री, दो ईट भट्टे व गांव में दो आलीशान कोठियां हैं। इसके साथ ही 5 गाडि़यां भी हैं जिससे घर के सभी लोग चलते हैं।

30 साल में कभी भी नहीं आया पुलिस के हत्थे

बताया जाता है कि छोटे खां करीब पिछले 30 सालों से इस धंधे में है सैकड़ों बार पुलिस उसे पकड़ने के लिए गांव पहुंची, दिल्ली पुलिस भी कई बार गांव में पकड़ने के लिए पहुंची लेकिन हर बार वह मौके से फरार हो जाता। थाना प्रभारी विजय कुमार ने बताया कि कई बार सूचना मिली की वह तस्करी के धंधे में लिप्त है, लेकिन कभी सबूत ना होने के कारण नहीं पकड़ा जा सका।