बरेली (ब्यूरो)। सरकारी अस्पतालों में मरीजों के जीवन से खिलवाड़ करने के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला सीबीगंज स्थित केंद्र सरकार के ईएसआईसी हॉस्पिटल में रविवार की रात सामने आया। यहां पर एडमिट मरीजों को दिए गए खाने में सूड़ी और घुन निकले तो उनका सब्र जवाब दे गया। आक्रोशित पेशेंट्स व उनके तीमारदारों ने इसको लेकर खासा हंगामा खड़ा कर दिया। जानकारी होने पर अस्पताल प्रशासन में हडक़ंप मच गया। इसके बाद वे लोग मामले को दबाने के प्रयास में जुट गए। आनन-फानन में दिन निकलते ही हंगामा व विरोध करने वाले मरीजों को डिस्चार्ज कर घर भेज दिया गया।

योजना को लगा रहे पलीता
केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से गरीबों को निशुल्क उपचार मुहैया कराने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर सरकारी अस्पताल खोले गए हैं। साथ ही सरकारी अस्पतालों में एडमिट मरीजों को निशुल्क भोजन की व्यवस्था भी की गई है। लेकिन, यहां पर मरीजों के जीवन से खिलवाड़ किया जाता है। केंद्र सरकार की ओर से बरेली के सीबीगंज स्थित ईएसआईसी हॉस्पिटल खोला गया ताकि गरीब और असहाय मरीजों से समय से निशुल्क उपचार मिल सके। लेकिन ईएसआईसी हॉस्पिटल में मरीजों के साथ ऐसा खिलवाड़ किया जा रहा है। जिससे वह अस्पताल आकर स्वस्थ तक नहीं होंगे। बल्कि और भी ज्यादा बीमार हो जाएंगे। इस अस्पताल में मरीजों को ऐसा खाना दिया जा रहा है। जो खाने लायक ही नहीं है। रविवार की रात अस्पताल में एडमिट मरीजों को घटिया क्वालिटी के मोटे चावल और पानी वाली दाल दी गई। शाहजहांपुर निवासी पेसेंट्स बलराम जब भोजन करने बैठा तो उसे दाल में सूड़ी और घुन दिखाई दिए। उसने वार्ड के अन्य मरीजों को बताया। गौर से देखने पर पता चला कि सभी को जो दाल दी गई थी, उसमें काफी मात्रा में सूड़ी और घुन थे।

हंगामा हआ तो खाना वापस ले गया ठेकेदार
अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए ठेकेदार बाहर से खाना बनवाकर लाता है। दाल में सूड़ी और घुन दिखने के बाद जब मरीजों ने हंगामा किया तो ठेकेदार सभी मरीजों से खाना वापस ले गया। बाद में किसी भी मरीज ने खाना नहीं खाया। एडमिट मरीजों ने आरोप लगाया कि यहां पर प्रतिदिन ऐसा ही खाना दिया जाता है। बताया कि दूध पीते समय ऐसा लगता है जैसे पानी पी रहे हैं। दूध में आधे से ज्यादा मात्रा में पानी मिलाकर दिया जाता है। जब विरोध करते हैं तो कहा जाता है कि ऐसा ही खाना मिलेगा।

कुछ भी बोलने से बचते रहे अधिकारी
मामले की जानकारी होने के बाद जब अस्पताल इंचार्ज डॉ। दिनेश कुमार शर्मा से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने बात करने से इंकार कर दिया। मामला संज्ञान में होने के बाद भी अधिकारी कुछ बोलने से कतरा रहे हैं। इससे प्रतीत होता है कि सारा झोल अधिकारियों की मिलीभगत से ही चल रहा है। वहीं केयरटेकर ऋषभ कुमार ने भी मामले में कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। बाद में अस्पताल में तैनात गार्ड के फोन पर कॉल कर केयरटेकर ऋषभ कुमार ने बताया कि ठेकेदार पर कार्रवाई अमल में लाई गई है।

मरीजों की बात
पैर और पसली टूटने पर यहां पर कई दिनों से भर्ती हैं। यहां हमें प्रतिदिन ऐसा ही खाना दिया जाता है। खाना खाते समय गौर से देखा तो दाल में सूड़ी और घुन दिखाई दिए। इस पर सबने हंगामा किया तो ठेकेदार खाना वापस ले गया।
बलराम, पेशेंट
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मेरा पति बलराम कई दिन से अस्पताल में भर्ती हंै। मरीजों को दूध में आधे से ज्यादा पानी दिया जाता है। दाल में भी सिर्फ पानी ही पानी होता है। बीमार पति को खाना देते समय दाल में सूड़ी और घुन दिखाई दिए तो अन्य मरीजों को भी बताया। किसी ने खाना नहीं खाया है।
बिरला तीमारदार

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अस्पताल में मरीजों को दिए जाने वाले खाने में सूड़ी और कीड़े निकले हैं। अस्पताल में मरीजों को प्रतिदिन ऐसा ही खाना दिया जाता है। ऐसा खाना खाने के बाद मरीज स्वस्थ तो नहीं होगा। बल्कि और बीमार हो जाएगा।
संदीप कुशवाहा, पेशेंट
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